21 जून को योग दिवस है। इस बार संयुक्त राष्ट्र ने योग दिवस का थीम रखा है- योगा फ़ॉर वेल बीइंग (Yoga for Well Being) यानी कल्याण के लिए योग। हर साल इंटरनेशनल योग डे (International yoga day) के आयोजन का थीम होता है। कोविड संक्रमण के दौरान देखा गया है कि योग ना केवल शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर भी हमें मजबूत रखता है। जिससे हम कोविड संबंधी मुश्किलों और अवसाद का बेहतर ढंग से सामना कर पा रहे हैं।

Yoga for Well Being- कोविड में ज़रूरी है योग
संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में कहा, “दुनिया भर में दिखा है कि कोविड महामारी ( Covid-19) के दौर में सेहतमंद रहने और सामाजिक अलगाव एवं अवसाद से लड़ने के लिए योग को अपनाने की प्रवृति बढ़ी है. योग कोविड-19 से संक्रमित लोगों के ठीक होने में अहम भूमिका निभा रहा है. यह उनके डर और चिंता को कम कर रहा है.”
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ऐसे हुई थी योग दिवस की शुरूआत

इंटरनेशनल योगा डे (international yoga day) मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा के अपने संबोधन में दिया था. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने योग को भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार बताया था.
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सद्भाव और शांति था पहले योग डे का थीम
पहले इंटरनेशनल योगा डे यानी 21 जून, 2015 को दिल्ली के राजपथ पर हुए आयोजन में भारत के प्रधानमंत्री और दुनिया के दूसरे देशों के जाने माने राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ करीब 36 हज़ार लोगों ने 35 मिनट तक योग के 21 आसन करके इसकी शुरुआत की. इस आयोजन की थीम थी सद्भाव और शांति के लिए योग.
Yoga for Well Being-चंडीगढ़ में आयोजित हुआ था दूसरा योग दिवस
21 जून, 2016 को दूसरा इंटरनेशनल योग डे का औपचारिक आयोजन चंडीगढ़ में हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 30 हज़ार लोगों के साथ 150 दिव्यांगों ने भी हिसा लिया. इस साल के आयोजन का थीम युवाओं को जोड़ना था.