Why The Honey Bees Migrated From Turkey-पिछले साल जंगल की आग ने ऑस्ट्रेलिया में तबाही मचाई और अब इस साल तुर्की के जंगलों में लगी भीषण आग से लोग परेशान हैं। भीषण आग में लोगों के मकान, मवेशी और कई अन्य ईकाइयां जलकर नष्ट हो गए हैं। करोड़ों की वन संपदा का नुकसान हुआ सो अलग लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल शहद उत्पादक देश को यह हो रही है कि यहां से सारी मधुमक्खियां माइग्रेट हो गई हैं। यानी तुर्की को छोड़कर कहीं चली गई हैं। उनके छत्ते नष्ट हो गए हैं और बहुत सारी हनी बीज़ (Honey Bees) आग में जल गई हैं।
Pine Honey पैदा करने वाला सबसे बड़ा देश है तुर्की
Pine Honey-चीड़ के पेड़ों पर मधुमक्खियों के छत्ते (beehives) और उनसे निकलने वाला शहद यहाँ के जंगलों में लगी आग के चलते देवदार, चीड़ के पेड़ लगभग खत्म हो गए हैं, ऐसे में मधुमक्खियों ने यहाँ से पलायन कर लिया है। तुर्की के कई हिस्सों के स्थानीय लोग शहद के लिए मधुमक्खी पालन किया करते थे, जो अब पूरी तरह बंद हो चुका है। पाइन हनी यहाँ की विशेषता हुआ करता था, लेकिन अब वो खत्म हो चुका है। गौरतलब है कि पाइन हनी के उत्पादन की दृष्टि से तुर्की अन्य देशों में सबसे आगे है।
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रोज़गार का संकट क्यों ?

तुर्की में चीड़ और देवदार के घने जंगल हैं। बीते कुछ हफ्तों में आग ने जो तांडव दिखाया है उसमें यह पेड़ जलकर राख हो गये हैं। इन पेड़ों के जरिये लोगों ने शहद यानी पाइन हनी का जो कारोबार शुरू किया था वह भी आग में स्वाह हो चुका है। पेड़ जल गये हैं लिहाज़ा आने वाले दिनों में अगर मधुमक्खियां लौट भी आएं तो उनसे नया कारोबार शुरू करना इतना आसान न होगा। क्योंकि पाइन ट्री, खासकर देवदार के पेड़ों को शहद उत्पादन के लिए तैयार होने में 50 से 60 साल तक का समय लग जाता है, ऐसे में अब यहाँ के लोगों के बीच इसे लेकर कोई खास उम्मीद नहीं बची है। लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि क्या हो अगर पूरी दुनिया से मधुमक्खियाँ एक झटके में ही गायब हो जाएंगी।
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Honey Bees की उपयोगिता
दुनिया भर में मधुमक्खियों की लगभग 20,000 प्रजातियां हैं। मधुमक्खियां सबसे important insect pollinators भी हैं। बीते कुछ सालों में दुनिया के तमाम हिस्सों में स्थित जंगलों में आग लगने की घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे जान-माल समेत वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिहाज से भी बड़ा नुकसान देखने को मिला है। इस बार तुर्की के तटीय इलाकों में जंगलों की आग से जान-माल का खासा नुकसान हुआ है, लेकिन इस सब से इतर एक चिंता यहां के लोगों बीच बनी हुई है और वह है कि क्या अब यहाँ से जा चुकी मधुमक्खियाँ फिर से वापस आएंगी?
What if all the bees disappear?
सवाल बिल्कुल जायज़ है कि मधुमक्खियों के बिना हम कहाँ होंगे? अगर हम अपने Eco-System में of Animals की सबसे महत्वपूर्ण प्रजातियों की बात करें तो मधुमक्खियाँ इस सूची में पहले नंबर काबिज हैं। Bees हमारे इको सिस्टम की सबसे अहम pollinators मानी जाती है। मतलब वे दुनिया भर की 100 फसल की किस्मों में से 70 को pollinated करती हैं और ये फसलें दुनिया भर के 90 फीसदी इंसानों का पेट भरती हैं। हर साल अरबों डॉलर के व्यवसाय के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं हनी बीज़। इसके अलावा मधुमक्खियों के गायब हो जाने से हम उन सभी पौधों को भी खो सकते हैं जो मधुमक्खियों द्वारा किए जाने वाले pollination पर निर्भर हैं।
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प्रभावित होगा पॉलिनेशन

ऐसे में ये परिस्थिति उन जानवरों को भी सीधे प्रभावित करेगी जो खुद भी उन पौधों पर निर्भर हैं। आप देख सकते हैं कि किस तरह फिर एक Entire Food Chain बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी और फिर इसके जो परिणाम सामने आएंगे उससे निपटने के लिए शायद ही इनसान खुद को तैयार कर सके। Extinction of Bees से दुनिया भर के 7 अरब से अधिक लोग सीधे तौर पर खुद को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए नज़र आ सकते हैं। क्योंकि ऐसी परिस्थिति में हमें अपने आसपास फल और सब्जियां कम ही दिखेंगे।
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आर्थिक मदद से होगा फायदा ?
तुर्की सरकार ने ऐलान किया है कि लोगों को उनके जले हुए घरों की मरम्मत या पुनर्निर्माण समेत अन्य आर्थिक मदद दी जायेगी। ग्रामीणों को उनके मवेशियों के लिए मुआवजा देने का वादा भी किया गया है। दूसरी तरफ तुर्की अपने खराब व्यवस्था जिसमें Shortage of firefighters, Poor Planning And overall Inability to Prevent Fires के लिए भी आलोचना की गई है।
By- Kavita Sanghaik-@kavitaraj5