Is The Taliban’s Attitude Softening Towards Women?-तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समनगनी ने पहली बार संघीय स्तर पर शासन की ओर से टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘इस्लामी अमीरात (Islamic Emirate) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सरकार का ढांचा अब तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुभवों के आधार पर, कह सकता हूं कि This completely Islamic leadership वाला होगा और सभी पक्ष इसमें शामिल होंगे।
मुजाहीदीनों के साथ बच्चियों की जबरन शादी को भी बताया झूठा

Is The Taliban’s Attitude Softening Towards Women?
तालिबान ने महिलाओं से ज़बरदस्ती शादी करने के दावों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि यह सब प्रॉपेगैंडा हैं, जो तालिबान को बदनाम करने के लिए फैलाया जा रहा है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इस पर सफ़ाई देते हुए ट्वीट किया है, “ये सभी दावे कि अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात लोगों को अपनी युवा बेटियों की शादी मुजाहिदीनों से करने के लिए मजबूर कर रहा है ये झूठ है. यह एक ज़हरीला प्रॉपेगैंडा है.”
समानगनी ने हालांकि अस्पष्ट जानकारी दी है, लेकिन वहां रह रहे लोग जानते हैं कि तालिबान इस्लामी कानून लागू करेगा, जिनका अनुपालन करना होगा। तालिबान इस्लामिक कानूनों की कट्टर व्याख्या के तहत शासन करता है, जिसमें महिलाएं घरों तक सीमित कर दी जाती हैं। तालिबान ने हाल के वर्षों में अधिक लचीला रुख दिखाया है, लेकिन अफगान लोग इसको लेकर आशंकित हैं। तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियार लूटने की घटनाओं के बाद लोग घरों में हैं और भयभीत हैं। पुरानी पीढ़ी तालिबान की अति रूढ़िवादी सोच को याद कर रही है, जब सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी दी जाती थी।
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पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई उच्चाधिकारियों से कर रहे हैं बात

इस बीच, माना जा रहा है कि तालिबान की पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और बातचीत परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अफगान सरकार के कई अधिकारियों में बातचीत चल रही है। एक अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ तालिबान नेता अमीर खान मुत्ताकी कतर से काबुल पहुंच चुका है। पिछली तालिबान सरकार में मुत्ताकी उच्च शिक्षा मंत्री था।
Is The Taliban’s Attitude Softening Towards Women?-बाइडेन क्या बोले

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले का बचाव किया। बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए उन्होंने अफगान नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया और साथ ही तालिबान को चेतावनी दी कि अगर उसने अमेरिकी कर्मियों पर हमला किया या देश में उनके अभियानों में बाधा पहुंचाई, तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा। बाइडेन ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं अपने फैसले के साथ पूरी तरह हूं। अमेरिकी सैनिक किसी ऐसे युद्ध में नहीं मर सकते जो अफगान बल अपने लिए लड़ना ही नहीं चाहते।’
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यह किसी बुरे सपने जैसा है
उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा जल्दी हुआ। अफगानिस्तान के नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए। अफगान सेना पस्त हो गयी और वो भी लड़ने की कोशिश किए बिना। उन्होंने कहा, ‘हम अब जो घटनाएं देख रहे हैं, वे दुखद रूप से यह साबित करती हैं कि कोई भी सेना स्थिर, एकजुट और सुरक्षित अफगानिस्तान नहीं बना सकती। जैसा कि इतिहास रहा है, यह साम्राज्यों का कब्रिस्तान है।’
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