राहुल गांधी अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में देश भर की नज़रें इस लोकसभा सीट पर टिक गई हैं। आखिर क्यों राहुल यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि बीजेपी कह रही है कि राहुल को अमेठी में हार का डर सताने लगा है इसलिये वे डर कर भाग रहे हैं लेकिन यहां ये जानना जरूरी है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में वायनाड में कांग्रेस की स्थिति क्या थी। सबसे पहले जानें वायनाड लोकसभा सीट के वोट गणित को…..
वायनाड का वोट गणित
वायनाड जिले की कुल जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार) 8,17,420 है। इसमें से 401,684 पुरुष जबकि महिलाओं की संख्या 415,736 हैं। वायनाड जिले का साक्षरता प्रतिशत 89.03 प्रतिशत है।
वायनाड में हिंदू आबादी कुल 404,460 (49.48%) है।
मुस्लिम आबादी 2,34,185 (28.65%) है।
ईसाई समुदाय की जनसंख्या 1,74,453 (21.34%) है।
अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 3.99 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति (एसटी) की संख्या 18.53 प्रतिशत है।
कुल आबादी के 96.14 फीसदी लोग शहरी इलाकों में रहते हैं
3.86 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाकों में निवास करते हैं।
2009 और 2014 में जीती है कांग्रेस
कांग्रेस के लिये वायनाड सीट इसलिये भी अहम है क्योंकि पिछले दो लोकसभा चुनाव 2009 और 2014 में कांग्रेस को वायनाड सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2014 में यहां की सीट पर कांग्रेस को महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शानवास को एलडीएफ (सीपीएम) के सत्यन मोकेरी से 1.81 फीसदी ज्यादा वोट मिले थे। यानी अभी यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। ज़ाहिर है कि कांग्रेस इससीट के प्रति खासी आशवस्त नज़र आती है। राहुल गांधी के यहां चुनाव लड़ने से अब इस सीट पर सभी की नजरें टिक गई हैं।
वायनाड संसदीय क्षेत्र के सियासी समीकरण
वायनाड लोकसभा क्षेत्र 2008 में बनाया गया था। वायनाड लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से तीन जिले वायनाड में आते हैं ये हैं- मानाथावाडी, सुल्तानबथेरी और कल्पेट्टा। इनके अलावा एक कोझिकोड जिले का थिरुवंबाडी है और तीन अन्य मलप्पुरम जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र एननाड, नीलांबुर और वांडूर आते हैं। पिछले साल यहां के सांसद का निधन हो गया था, तब से यह सीट खाली है।
2009 में ऐसा था गणित
2009 के लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट पर कुल 11,02,097 वोट पड़े थे। कांग्रेस के शानावास को 410,703 वोट मिले थे जो कुल वोट का 49.86 फीसदी था। उन्होंने सीपीआई के एम रामातुल्लम को हराया था जिन्हें 257,265 वोट मिले थे। कुल वोट का यह महज 31.23 फीसदी था। बीजेपी के सी वासुदेवन मास्टर को 31,687 वोट मिले थे यानी कुल वोटों का 3.85 फीसद।
2014 का लोकसभा चुनाव
2009 की तुलना में 2014 के लोकसभा चुनाव में शानवास को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 377,035 वोट मिले थे जो कुल वोटों का 30.18 फीसदी था जबकि उनके प्रतिद्वंदी सीपीआई के सत्यम मोकेरी को 356,165 वोट मिले थो जो कुल वोटों का 28.51 फीसदी था। इस चुनाव में भी बीजेपी तीसरे नंबर पर रही। बीजेपी उम्मीदवार पी आर रासमिलनाथ को 80,752 वोट ही मिले थे जो कुल वोटों का महज 6.46 फीसदी था।
बीजेपी का निशाना
बीजेपी का कहना है कि राहुल स्मृति ईरानी से डर गए हैं। ईरानी अमेठी से राहुल के खिलाफ मैदान में हैं।
Amit Shah in Nagina: I read on WhatsApp that Rahul Gandhi has run towards Kerala, leaving Amethi behind. Why has he escaped to Kerala? All of you know that this time Rahul Gandhi is done for in Amethi. So he is going to Kerala in a bid to win on the politics of polarisation. pic.twitter.com/F0Eyj94s1L
— ANI UP (@ANINewsUP) March 31, 2019