डॉ ब्रह्मदीप अलूने
जब विधायक कुणाल चौधरी बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे तो मध्यप्रदेश के इस गांव की जनता की उम्मीदें भी सरकार और प्रशासन से और बढ़ गईं। बाढ़ से आधा भारत बेहाल है। एक तरफ असम और बिहार में बाढ़ कहर बरपा रही है तो दूसरी तरफ देश के दिल मध्यप्रदेश भी एक प्राकृतिक आपदा की चपेट में है। भारी बरसात से जीवन बेहाल और तालाब टूटने का कहर। ज़िंदगी को बचाने की जदोजहद के बीच यदि विधायक आपके बीच पहुंच जाए तो इससे बड़ा सुकून नहीं हो सकता।

जब विधायक कुणाल चौधरी शाजापुर के इस गांव में नाव लेकर पहुंचे
दरअसल मध्यप्रदेश कीराजधानी भोपाल से पश्चिम में तकरीबन 80 किलोमीटर दूर शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के खोकरा कला गांव भारी बारिश के बाद तालाब के टूटने से बेहाल है।

खोखरकलां गांव से लगा 100 साल पुराने तालाब की पाल या ये कहे कि सुरक्षा दीवार लबालब पानी मे ढह गई और देखते ही बाढ़ जैसे हालात हो गए।

हालांकि विधायक कुणाल चौधरी मुस्तैदी से वहां पहुंच गए और प्रशासनिक अमला भी। करीब 500 बीघा में फैला यह तालाब सिंचाई के लिए इस पूरे इलाके की जरुरत को पूरा करता है।

खोखरकलां के साथ कंकरकला, रामडी,डालकी, बागपत,गणेश पुर ताल जैसे कई गांव जल मग्न हो गए।देखते हाहाकार मच गया।

हालांकि विधायक ने व्यवस्था को आगे रहकर संभाल लिया और कलेक्टर,एसपी समेत आला नेता वहां पहुंच गए।

बहरहाल विधायक कुणाल चौधरी की चुस्ती,दरियादिली और सुख दुःख में साथ रहने के जज्बे को जनता ने खूब सराहा है। मंत्री जी ने पीड़ितों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया. तत्कालीन राहत भी पहुंचाई।