डॉ.ब्रह्मदीप अलूने
#mamtabanerjee ममता बनर्जी को हमेशा यह गम सालता है कि काश उनके पिता का सरकारी अस्पताल में इलाज ठीक हुआ होता। उनके पिता ममता को मोना बाबा कहते थे। ममता कहती है कि बाबा की मृत्यु की तारीख के आसपास कई सालों तक बार बार मुझे एक सपना आता था। सपने में आकर बाबा मुझसे कहते थे,”मोना बाबा लापरवाही की वजह से मेरी मृत्यु हुई।’
दरअसल ममता बनर्जी एक बेहद गरीब परिवार में जन्मी थी।उनके बीमार पिता सरकारी अस्पताल में भर्ती थे और उनकी तबीयत बेहद खराब थी।अस्पताल से ममता अपने घर आई थी।ममता बनर्जी के शब्दों में,
”दोपहर के खाने के बाद माँ और मैं आराम कर रही थी। हम बेहद थके हुए थे और आराम कर रहे थे। अचानक मां जागी और कंघा करने लगी। मैंने पूछा क्या हुआ अभी तो सिर्फ ढाई बजे है और हमे चार बजे अस्पताल जाना है। उन्होंने कहा ‘अभी अभी मैंने तुम्हारे बाबा को देखा है और उनसे बात की है। उन्होंने कहा कि मैं जा रहा हूँ,बच्चों का ध्यान रखना। मैं मां को समझा ही रही थी की एक शख्स ने आकर खबर दी कि बाबा दुनिया में नहीं रहे।
ममता बनर्जी के पिता की मौत के बाद ऐसी और भी घटनाएँ हुई। एक बार आधी रात को ममता की नानी के घर पर आधी रात को किसी ने दरवाजा खटखटाया। नानी ने लालटेन उठाई और दरवाजा खोला तो मेरे पिता सामने खड़े थे। इस घटना के तीन महीने बाद ही नानी की भी मौत हो गई।
#ghostofherfather ममता बनर्जी कहती है “एक शाम,बाबा की मृत्यु के बाद,मैं रसोई में खाना बना रही थी,साथ ही एक पुस्तक भी पढ़ रही थी। अचानक मुझे बाथरूम के पास दो पैर नजर आए। मुझे लगा कि कोई घर में घुस आया है,इसलिए मैंने देखने के लिए लैम्प उठाया। पर गलियारे में, बाहर या टायलेट में,कही कोई नहीं था।मुझे एहसास हुआ कि वे पैर मेरे बाबा के थे।मैं उन्हें इसलिए पहचानती थी,क्योंकि जब वे बीमार थे तो मैं रोज उनके पैरों में मालिश किया करती थी।”