जब पिता वीरू देवगन ने भीड़ से बचाई अजय देवगन की जान/ video

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वीरू देवगन का हाल ही में निधन हो गया है। वे सही मायनों में असल ज़िंदगी के भी हीरो थे। स्टंटमास्टर ने अपने बेटे अजय देवगन को न केवल स्टंट सिखाए बल्कि बेहतर ज़िदंगी का सलीका भी सिखाया। वे हमेशा एक हीरो और सुपरमैन बनकर अपने बेटे की लाइफ में रहे। अजय उन्हें याद कर कहते हैं कि मेरी जिंदगी में असल सिंघम मेरे पिता ही हो सकते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, वीडियो में अजय देवगन और साजिद खान एक घटना के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में अजय अपने पिता से जुड़ा किस्सा बता रहे हैं जब लगभग 1000 लोगों की भीड़ अजय को पीटने वाली थी और कैसे उनके पिता वीरू देवगन ने अपने बेटे को बचाया था।

एक टीवी शो में अजय देवगन ने इस किस्से को सुनाया था। अजय ने कहा था, “बहुत लोगों को मारा है और बहुत लोगों से मार भी खाई है।” फिर साजिद ने पूरी घटना को विस्तार से बताया और कहा, “अजय के पास एक सफेद जीप थी जिसमें हम घूमते थे। एक दिन जब अजय और मैं हॉलिडे होटल के पास एक संकीर्ण रास्ते से गुजर रहे थे तब एक बच्चा पतंग के पीछे भागते भागते गाड़ी के सामने आ गया था। अजय ने तुरंत ब्रेक लगाया। जीप ने बच्चे को हिट नहीं किया था, लेकिन डर की वजह से बच्चा रोने लगा था।”

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साजिद ने बताया, “बच्चे के रोने की आवाज सुनकर करीब 1000 लोग हमारी जीप के आसपास इकट्ठे हो गए, हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि यह अजय की गलती नहीं है और बच्चा भी ठीक है. मगर लोग बहुत गुस्से में थे और कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. वहां सब हमें गाड़ी से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे और हमें सुना भी रहे थे कि तुम अमीर लोग बहुत तेजी से गाड़ी चलाते हो. उसके बाद कुछ समझ नहीं आया लोगों ने हमें मारना शुरू कर दिया था.”

“सिर्फ 10 मिनट में ये खबर अजय के पिता वीरू देवगन के पास पहुंची। वे उस जगह पर 150-250 फाईटर्स को लेकर पहुंचे।” साजिद ने इस पूरी घटना को एक हिंदी फिल्म के सीन की तरह बताया।

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अब ये वीडियो वीरू देवगन के निधन के बाद खूब वायरल हो रहा है। वैसे इस तरह के कई मौके आए हैं जब अजय ने अपने पिता के बारे में बातें की हैं। एक इंटरव्यू में अजय ने पिता वीरू देवगन को ‘सच्चा सिंघम’ बताया था। अजय ने कहा, “मेरे जीवन में सिंघम केवल मेरे पिता हो सकते हैं।”

पिता के संघर्ष का जिक्र करते हुए अजय देवगन ने कहा था, उनके पिता चंद पैसों के साथ बॉम्बे में कुछ बनने का जज्बा लेकर आए थे. अपने स्ट्रग्लिंग डेज में वे टैक्सियों की धुलाई कर उसी में सो जाते थे. और तो और कई बार ऐसा भी हुआ जब उन्होंने आठ आठ दिनों तक खाना नहीं खाया. काम करने के जुनून ने उन्हें एक स्ट्रीट फाइटर बना दिया और जब रवि खन्ना की नजर उन पर पड़ी तो उन्हें फाइट डायरेक्टर बनने के लिए पूछा था. अजय ने बताया कि वहीं से पिता वीरू देवगन की भारत के सबसे बड़े एक्शन डायरेक्टर बनने की रिमार्केबल जर्नी शुरू हुई थी.