What is Respiratory Syncytial Virus- बच्चों में बढ़ रहे हैं इस रोग के मामले, ऐसे पहचानें लक्षण

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Respiratory Syncytial Virus-ब्रिटेन के अस्पतालों में गंभीर श्वसन संक्रमण से पीड़ित बच्चों के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें रेस्पिरेटरी सिनसिटियल वायरस (आरएसवी) नाम का संक्रमण शामिल है और ये वायरस दो माह के बच्चों में भी देखा गया। बीते कुछ दिनों से (Respiratory Syncytial Virus Symptoms) में और ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है .

लक्षण

इसकी चपेट में आने से नाक बहने लगती है, खासी, छींक और बुखार आने लगता है। टेक्सास में बच्चों के डॉक्टर हैदर हाक का कहना है, ‘कई महीनों के शून्य या बच्चों में कोविड मामलों के बाद, हम देख रहे हैं कि शिशुओं, बच्चों और किशोरों को कोविड के साथ अस्पताल में वापस आना पड़ रहा है।’ इनकी उम्र दो हफ्ते से 17 साल के बीच है। इससे सांस की नली में सूजन (ब्रोंकियोलाइटिस) जैसे रोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है जो फेफड़ों की सूजन यानी ब्रोंकाइटिस के जैसा है। आमतौर पर सर्दी की बीमारी माना जाने वाला आरएसवी गर्मी में क्यों बढ़ रहा है?

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Respiratory Syncytial Virus-bronchiolitis का खतरा

Respiratory Syncytial Virus Symptoms
Respiratory Syncytial Virus Symptoms

आरएसवी एक common respiratory pathogens है और हम में से लगभग सभी दो साल की उम्र तक इससे संक्रमित होते हैं। ज्यादातर लोगों में इस बीमारी के हल्के लक्षण- जुकाम के हैं। ये लक्षण आमतौर पर एक या दो हफ्ते में बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं। तकरीबन तीन में से एक बच्चे को आरएसवी के कारण ब्रोंकियोलाइटिस (bronchiolitis) हो सकता है।

श्वास की नली में सूजन

इससे श्वास की नली में सूजन आ जाती है, मरीजों का तापमान बढ़ जाता है और सांस लेने में दिक्कत होती है। कभी-कभी ये बहुत गंभीर बीमारी बन जाती है। अगर किसी युवा व्यक्ति को सांस लेने में बहुत दिक्कत होने लगती है तो ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जिससे तापमान 38 सेल्सियस के पार जा सकता है, होंठ नीले पड़ सकते है और सांस लेना बहुत मुश्किल हो सकता है।

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Respiratory Syncytial Virus-यूरिन रुक जाता है

बच्चे बीमारी के कारण कुछ खाने से इनकार कर सकते हैं और उन्हें लंबे वक्त तक पेशाब नहीं आती। एक माह के बच्चों की श्वास नली बहुत छोटी होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन कई बार ब्रोंकियोलाइटिस जानलेवा हो जाता है। हर साल तकरीबन 35 लाख बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं और इनमें से करीब 5 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है।