What is Paranoid disorder- यानी बिना वजह किसी पर शक करना और उसे मन में बैठा लेना एक गंभीर रोग है. इससे ग्रसित व्यक्ति हीनभावना का शिकार व डरपोक हो जाता है. ऐसे व्यक्ति के मन में भय से जुड़े सवाल उठते हैं और वह उससे वास्तविक रूप में डरने लगता है. ऐसा व्यक्ति घर में अकेला होता है, तो उसे लगता है कि कोई घर में छिपा बैठा है तथा मौका मिलने पर वह पीछे से उस पर वार कर देगा. इसका शिकार व्यक्ति राह चलते हुए या वाहन चलाते हुए अचानक सोचने लगता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है. फिर उसे लगने लगता है कि कई लोग उसका पीछा कर रहे हैं तथा मौका मिलते ही उस पर वार कर देंगे. इससे वह घबरा जाता है और बचने के प्रयास में ऐसा व्यक्ति कई बार नियंत्रण खो बैठता है. ऐसे में व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है या शंकित व्यक्ति पर हमला कर देता है या खुद को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचा लेता है. शक की बीमारी यानी ‘पैरानोया’ है.
What is Paranoid disorder – क्या है यह बीमारी और कैसे हो सकता है इसका इलाज
बेवजह शक के शिकार लोगों का सामाजिक जीवन और कार्य क्षेत्र दोनों ही इस असंतुलन से प्रभावित होते हैं. ऐसे व्यक्तित्व वाले लोगों को ‘पैरानोया’ कहते हैं. इन लोगों में निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं. शक्की स्वभाव निरंतर अविश्वास की स्थिति से पैरानाइ्ïड ग्रस्त रहता है. उसे दुनिया में हमेशा असुरक्षा की भावना महसूस होती है.
What is Paranoid disorder-हाईपरसेंसिटिविटी
ऐसे लोग हर समय अत्यधिक सजग रहते हैं और किसी भी बात पर जल्दी ही बुरा मान जाते हैं. शायद इसी लिए ऐसे व्यक्ति अधिकतर बचाव की मुद्रा में होते हैं. गलती करने की स्थिति में भी ऐसे व्यक्ति जल्दी दोष स्वीकार नहीं करते. इन्हें ‘तिल का ताड़’ बनाने की आदत होती है.
जिद्दी और समझौता न कर पाना तो ऐसे लोगों की आदत में शुमार है ही, ये लोग भावनात्मक रूप से भी अन्य लोगों से जल्दी जुड़ नहीं पाते. ये अपनी दूरदर्शिता और तार्किक सोच पर गर्व करते हैं. अनुसंधानों से पता चलता है कि पैरानाइ्ड डिसआर्डर उन लोगों में ज्यादा पाया जाता है जिनके निकट संबंधी ‘सिजोफ्रेनिया’ से ग्रस्त होते हैं. पैरानाइ्ड डिसआर्डर या उसके कुछ लक्षण अनुवांशिकी से लोगों में आते हैं-इसका पता नहीं चल पाया हैं. जैविक रसायन पैरानाइ्ड डिसऑर्डर का एक प्रमुख कारक है, लेकिन इसकी जानकारी अभी जनसाधारण के पास नहीं हैं.
तनावपूर्ण जिंदगी पैरानाइ्ड डिसआर्डर का एक प्रमुख कारण हो सकता है. अप्रवासी, युद्ध बंदियों आदि में इसके लक्षण आम तौर से पाये जाते हैं. कभी-कभी ‘एक्यूट पैरानोया’ के लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं जिस स्थिति में असंतुलन कुछ महीनों के लिए हो, दिखाई देते हैं. बींसवी सदी में पैरानोया काफी आम हो गया है. तनाव और पैरानोया का निकट संबंध अन्य संभावनाओं को नहीं नकारता. आनुवांशिक कारण, मानसिक असंतुलन और सूचना को संग्रहित करने की अक्षमता या उपरोक्त तीनों कारण पैरानोया को जन्म देते हैं-तनाव सिर्फ एक कारक का काम करता है.
इस रोग से छुटकारा पाना आसान नहीं है लेकिन उतना भी कठिन नहीं है कि रोगी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाए. रोगी के पूर्ण लाभ के लिए रोगी को स्वयं का प्रयास, उसके परिवार के सदस्यों तथा उसके शुभ हितैषियों का सहयोग जरूरी होता है. वहम या शक का इलाज लुकमान हकीम के पास भी नहीं है, अब केवल कहने की बात है. अब शक के रोग को आसानी से दूर किया जा सकता है. शक्की स्वभाव इसके उपचार में गतिरोध उत्पन्न करते हैं. ऐसे लोग साक्षात्कार में अनौपचारिक होने से डरते हैं. इलाज के लिए किसी रोगी का इतिहास जानना चिकित्सक के लिए जरूरी होता है.
ड्रग ट्रीट्रमेंट
सही दवा का प्रयोग पैरानोया के लक्षणों को दूर करने में आंशिक रूप से सहायक होता है. कुछ कमी दूर होने के बावजूद पैरानोया के लक्षण रोगियों में बने ही रहते हैं.
What is Paranoid disorder-साइकोथेरैपी
अपने शक की सही अभिव्यक्ति में सक्षम होने वाले रोगी समाज में सही से घुल मिल सकते हैं. ऐसे रोगियों में पैरानोया के लक्षण उतने विनाशकारी प्रवृत्तियों को जन्म नहीं देते. आर्टथेरैपी, फैमिली थेरैपी कुछ अन्य तरीके हैं जिससे पैरानोया बहुत हद तक दूर हो सकता है.