UIPS in NIRF Rankings-मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 के 7वें संस्करण में देशभर के फार्मेसी संस्थानों में पंजाब विश्वविद्यालय के
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटीकल साइंसिज (यूआईपीएस) को तीसरे नंबर पर रखा गया है। पिछले साल फार्मेसी को दूसरा स्थान मिला था।
पीयू की यूनिवर्सिटीज में रैंकिंग 25वीं रही है जबकि ओवरआल रैकिंग 41 रही है जो पिछले साल के मुकाबले दो पायदान नीचे है। यूआईपीएस की चेयरपर्सन प्रो. इंदुपाल कौर ने बताया कि 2016 में रैंकिंग ढांचे की स्थापना
के बाद से संस्थान लगातार दूसरी और तीसरी रैंक हासिल कर रहा है। यूआईपीएस की इस उपलब्धि का श्रेय इसकी समृद्ध विरासत, विश्व स्तरीय फैकल्टी, विभाग का बुनियादी ढांचा, टीम वर्क और उत्कृष्ट शोध नतीजे हैं।
यह है विवि का स्कोर
पंजाब विश्वविद्यालय की ओवरआल रैंकिंग के संदर्भ में डीयूआई प्रो. रेणु विग ने बताया कि विश्वविद्यालय का समग्र स्कोर 2021 में 51.59 से बढ़कर 2022 में 52.80 हो गया है। टीचिंग-लर्निंग (48.43) में मामूली घटा तो रिसर्च (43.18) के अलावा ग्रेजुएट आउटकम (74.62) और आउटरीच (60.73) में स्कोर बढ़ा है हालांकि अवधारणा (43.29) में स्कोर पहले के मुकाबले कम हो गया है।
अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. सुधीर कुमार ने बताया कि पीयू की एनआईआरएफ-रैंकिंग की समग्र तस्वीर निराशाजनक नहीं है, नकारात्मक कारकों के प्रभाव के बावजूद पीयू के अकादमिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र ने इसे सकारात्मक बनाये रखा।
UIPS in NIRF Rankings- डेटा न देना भी है रैंकिंग गिरने का एक कारण
वैसे नैक टीम के दौरे को लेकर पीयू काफी समय से तैयारी कर रही है। इस सब के बावजूद कुछ विभागों में डेटा उपलब्ध कराने को लेकर काफी लेटलतीफी बरते जाने आरोप भी लगाये जा रहे हैं।
कानून सिखाने वाले विभाग हों या समाज और लोक प्रशासन से जुड़े विभाग हों, हिसाब-किताब वाले हों या फिर शिक्षण वाले विभाग हों, ऐसे लगभग दर्जनभर विभाग हैं जो रैंकिंग के लिये
आईक्यूएसी सैल को अपना डेटा या तो भेज ही नहीं रहे या फिर समय पर नहीं भेज रहे जिस कारण पीयू की रैंकिंग प्रभावित हो रही है।