BY- दिनेश कुमार
Tribute To Sushma: सुषमा स्वराज (शर्मा) का जन्म 14 फरवरी 1952 को अम्बाला में, हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ था. उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख स्वयंसेवक थे. संघ के प्रति श्रद्धा रखने के कारण उन्होंने अपनी बेटी को भी बचपन से ‘राष्ट्र सेविका समिति’ की सदस्य बनाया. इसके अलावा वे स्कूल / कॉलेज में NCC की भी कैडेट रहीं.
Tribute To Sushma: राजनीति विज्ञान में एमए किया

उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में स्नातक किया। वे तीन साल तक लगातार एस॰डी॰ कॉलेज छावनी की एन सी सी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट चुनी गईं. 1970 में उन्हें अपने कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से सम्मानित किया गया था. इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से विधि की शिक्षा प्राप्त की.

पंजाब विश्वविद्यालय से भी उन्हें 1973 में सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला था. 1973 में ही भारतीय सर्वोच्च न्यायलय में अधिवक्ता के पद पर कार्य करने लगी. 13 जुलाई 1975 को उनका विवाह ‘स्वराज कौशल’ के साथ हुआ, जो सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे. अब वे सुषमा शर्मा से सुषमा स्वराज हो गईं ..

उनके पति, ‘स्वराज कौशल’ सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फ़र्नान्डिस के करीबी थे, और इस कारण ही वे भी 1975 में फ़र्नान्डिस की विधिक टीम का हिस्सा बन गयी. आपातकाल के समय उन्होंने जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. “स्वराज कौशल” बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे.
विदेश में वकालत करती है बेटी

इसके अतिरिक्त वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है, “बांसुरी”, जो लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही हैं. सन 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन पर वह भी इसमें शामिल हो गयी. इसके बाद 1987 से 1990 तक अम्बाला से विधायक रही और भाजपा-लोकदल संयुक्त सरकार में शिक्षा मंत्री रही.
Tribute To Sushma: 1996 में दक्षिण दिल्ली से चुनाव जीता

अप्रैल 1990 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया, जहाँ वह 1996 तक रही. 1996 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता और 13 दिन की वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रही। मार्च 1998 में उन्होंने दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर चुनाव जीता.
वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री

इस बार फिर से उन्होंने वाजपेयी सरकार में दूरसंचार मंत्रालय के अतिरिक्त प्रभार के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 19 मार्च 1998 से 12 अक्टूबर 1998 तक वह इस पद पर रही. इस अवधि के दौरान उनका सबसे उल्लेखनीय निर्णय फिल्म उद्योग को एक उद्योग के रूप में घोषित करना था.
12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं

अक्टूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और 12 अक्टूबर 1998 को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. 3 दिसंबर 1998 को उन्होंने अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय राजनीति में वापस लौट आई. सितंबर 1999 में उन्होंने सोनिया गांधी के विरुद्ध चुनाव लड़ा, हालांकि वह 7% के मार्जिन से चुनाव हार गयी.
2000 में उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सदस्य

अप्रैल 2000 में वह उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सदस्य के रूप में संसद में वापस लौट आईं. 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के विभाजन पर उन्हें उत्तराखण्ड में स्थानांतरित कर दिया गया. उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फिर से सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शामिल किया गया .
2006 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य

2003 में उन्हें स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों में मंत्री बनाया गया. अप्रैल 2006 में स्वराज को मध्य प्रदेश राज्य से राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित किया गया. इसके बाद 2009 ९ में उन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 4 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की.
15वीं लोकसभा में विपक्ष की नेता बनीं

21 दिसंबर 2009 को लालकृष्ण आडवाणी की जगह 15वीं लोकसभा में सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता बनीं और मई 2014 में भाजपा की विजय तक वह इसी पद पर आसीन रही. वर्ष 2014 में वे विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा लोकसभा की सांसद निर्वाचित हुई हैं और उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनीं.