Through the window of memories-आने वाले साल को देखते हुए नयी खुशियां बटोरने की कोशिश करनी चाहिए। आने वाले साल में खुशहाल रहना चाहते हैं तो कुछ छोटी-छोटी उपयोगी बातें जान लें।
हैप्पी मेमोरीज
हमारे साथ कुछ ऐसी यादें जुड़ी होती हैं, जिन्हें याद करते ही चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। ‘The Enchanted Self: A Positive Therapy Recipes for Enchantment पुस्तक की लेखिका और साइकोलॉजिस्ट बारबरा बेकर का कहना है कि अपनी मेमोरी बैंक को स्कैन करें। इसलिए नए साल के मौके पर उन क्षणों को याद करें जो आपको खुशी दे जाते हैं। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बचपन की मजेदार एक्टिविटीज को याद करने से भी खुशी मिलती है। इसलिए पुरानी खुशनुमा यादों को साझा भी करें और उन्हें सहेजकर भी रखें।
पॉजिटिविटी और खुशी
सकारात्मक विचार और व्यवहार दिमाग की बायोकेमिस्ट्री पर सकारात्मक असर डालते हैं। मनोवौज्ञानिक मैरी का मानना है कि इससे सिरोटोनिन हार्मोन का लेवल शरीर में बढ़ता है, जो रिलेक्स देता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के Happiness researcher Sonja Lubomirski कहते हैं, ‘हमारे जीवन की परिस्थितियों से खुशी मात्र 10 फीसदी ही मिलती है। बाकी हमारे नजरिये पर निर्भर करती है।’ इसलिए नजरिया बदलेंगे तो नजारा भी बदलेगा।

कमाई का सुख
अपनी मेहनत से कमाया हुआ पैसा भी भीतरी खुशी देता है। ‘पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी’ (“Pennsylvania State University“) के शोधकर्ताओं का मानना है कि एक सामाजिक अध्ययन के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि जो लोग अपनी एज-ग्रुप के लोगों से अधिक कमाई करते हैं, उन्हें प्रसन्नता महसूस होती है। तो नए साल में अपनी कमाई बढाने के जतन कीजिये, खुशी आपके कदम चूमेगी। हां, पैसे के पीछे भागना समझदारी नहीं, लेकिन आप मेहनत और दिमाग के सामंजस्य से अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं।
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अगर बंधना हो विवाह बंधन में
‘यूनिवर्सिटी औफ वारविक के एक इकोनौमिस्ट ने अपने एक शोध में इस बात का खुलासा किया है कि खुशमिजाज व्यक्ति से विवाह करने वाले खुश रहते हैं और तनाव से भी दूर। तो फिर कोई ऐसा करीबी आपकी नजर में है, तो इस साल उसके साथ नजदीकियां बढ़ा कर उसे बना लीजिए अपना जीवनसाथी।
कृतज्ञता और विनम्रता
मनोवैज्ञानिक सौजा का कहना है कि उन पांच वस्तुओं या व्यक्तियों को याद करें, जिनके प्रति आप कृतज्ञ हैं। फिर उनके नाम कागज पर लिखें, आपके दिल में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवानिया की शोधकर्ता और ‘ऑथेंटिक हैप्पीनेस : यूजिंग द न्यू पोजिटिव साइकोलोजी टू रिअलाईज योर पोटेनशिअल फोर लास्टिंग फुल्फिल्मेंट’ की लेखिका मार्टिन सेलिग्मेन भी आभार को खुशी का एक बड़ा कारण मानती हैं।
संगीत सुनें और आराम करें
एक नहीं कई रिसर्च इस बात की पुष्टि करते हैं कि संगीत सुनने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है और तनाव से छुटकारा मिलता है। धीमा संगीत सुनें और मस्त रहें। हफ्ते में एक बार कोई ऐसा समय जरूर चुनें जब आप पूरी तरह रिलेक्स कर सकें और अपने दिमाग को बिलकुल शांत रख सकें।
सफलता की कहानियां
अपने दोस्तों को अपनी सफलताओं और संघर्ष के बारे में जरूर बताएं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इससे उपलब्धि का एहसास होता है और खुशी महसूस होती है। अपनी बातों को साझा करने के लिए अपने ऐसे दोस्तों के आसपास जरूर रहें जो आपको समझते हैं और आपकी बातों को महत्व देते हैं।
अपेक्षाएं कहीं ज्यादा न हों
समाजशास्त्रियों के अनुसार अधिक अपेक्षाएं या उम्मीदें ना तो खुद से रखें और नहीं दूसरों से करें। आप प्रसन्न रहने लगेंगे। इसके अलावा ऐसी वस्तुस्थिति का मानसिक चित्रांकन करें, जो आपको खुशी दे जाती हो या आप जिसकी चाहत रखते हों।
आंखें बंद करके जब आप कल्पना के इस सागर में गोते लगा रहे होंगे, तो चारों ओर बस खुशी ही खुशी नजर आएगी।
शिखर चंद जैन-साभार