Threat of terrorist attack at Kabul airport – ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और अमेरिका की अपील- हट जायें लोग, दिल्ली में सर्वदलीय बैठक

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Threat of terrorist attack at Kabul airport-ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है। उधर ऑस्ट्रेलिया ने भी वहां अपने नागरिकों को काबुल हवाईअड्डे न जाने की सलाह दी है। उसके अनुसार वहां ‘आतंकवादी हमला होने का बहुत गंभीर खतरा है।’ऐसी ही आशंका अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी गत दिवस जता चुके हैं।

आईएस के हमले का डर

ORIGIN OF TALIBAN
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ब्रिटिश सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हेप्पी ने बृहस्पतिवार को लंदन में बीबीसी से कहा कि ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया सूचना है कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश में काबुल हवाई अड्डे पर जमा हुए लोगों पर इस्लामिक स्टेट जल्द ही हमला करने की योजना बना रहा है। विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने बुधवार को कहा कि क्षेत्र में हालात ‘विस्फोटक’ हैं। उसने ब्रिटिश नागरिकों एवं अन्य को सलाह दी कि वे एक सुरक्षित स्थान तलाशें और अगले परामर्श तक इंतजार करें।

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Threat of terrorist attack at Kabul airport

काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा और संचालन फिलहाल अमेरिका के हाथ में है जिसके वहां पर 5800 सैनिक हैं। बहरहाल वे तालिबान की सहायता पर निर्भर हैं जिससे अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों को खतरा है। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पायने ने भी कहा, ‘आतंकवादी हमला होने का बहुत ज्यादा खतरा है।’ हवाईअड्डा परिसर में मौजूद ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने और अगले आदेश की प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है।

पायने ने कहा कि यह यात्रा परामर्श ब्रिटेन और न्यूजीलैंड की संशोधित यात्रा सलाह के समान है। अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में नागरिकों से कहा है कि काबुल हवाई अड्डे न जाएं या वहां जमा न हों, क्योंकि हवाई अड्डे के द्वार के बाहर सुरक्षा का खतरा है। अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे के तीन विशिष्ट द्वारों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।

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Threat of terrorist attack at Kabul airport-भारतीयों को वापस लाने को पूरी तरह प्रतिबद्ध

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संसदीय सौंध में आयोजित सर्वदलीय बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे।

बैठक में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के अनुसार, सरकार ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की स्थिति को गंभीर बताया और कहा कि तालिबान ने दोहा समझौते में किए गये वादे को तोड़ा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान से यथासंभव अधिक लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय कर्मियों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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अब तक करीब 600 लोग निकाले गए

बैठक में मौजूद लोगों को उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने अफगानिस्तान से 565 लोगों को बाहर निकाला है। इनमें दूतावास के 175 कर्मी, 263 अन्य भारतीय नागरिक, हिन्दू एवं सिख समेत अफगानिस्तान के 112 नागरिक और तीसरे देशों के 15 नागरिक शामिल हैं। सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टीआर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।

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