चुनाव के बाद प. बंगाल में हिंसा से बढ़ा पलायन, केंद्र-राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब किया

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सुप्रीम कोर्ट ने प. बंगाल चुनाव के बाद हिंसा की वजह से राज्य से लोगों के कथित पलायन को रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा। याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि ‘राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित’ हिंसा के कारण राज्य से लोगों का कथित पलायन रोकने के लिए निर्देश दिए जाएं। इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया जाए। दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।’ न्यायमूर्ति विनीत शरण तथा जस्टिस बी.आर. गवई की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तथा राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को इस मामले में पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया।

चुनाव के बाद NHRC ने लिया जायज़ा

इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एनएचआरसी तथा एनसीडब्ल्यू ने पश्चिम बंगाल में लोगों की स्थिति का जायजा लिया है। न्यायालय ने कहा कि केंद्र तथा पश्चिम बंगाल इस मामले में जवाब दें। इसके साथ ही उसने कहा कि याचिका पर 7 जून से आरंभ हो रहे सप्ताह में सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं में सामाजिक कार्यकर्ता, वकील और चुनाव बाद हिंसा का कथित पीड़ित शामिल है।

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एक लाख से अधिक लोग विस्थापित

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के कारण एक लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। आनंद ने कहा कि एनएचआरसी तथा एनसीडब्ल्यू जैसे कई आयोगों ने राज्य में हालात का जायजा लिया है और इस मामले में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए।

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चुनाव के बाद हिंसक घटनाएं बढ़ीं, महिला आयोग ने राज्य के डीजीपी को किया तलब

राष्ट्रीय महिला आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ कथित हिंसा की घटनाओं पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 मई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए नोटिस भेजा है। आयोग ने कहा कि उसकी ओर से एक जांच समिति ने राज्य का दौरा कर पाया कि राज्य सरकार और पुलिस ने महिला पीड़ितों पर कोई ध्यान नहीं दिया और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।