The growing terror of Taliban in Afghanistan-Mi-24 हमलावर हेलीकॉप्टर पर कब्ज़ा, महिलाओं पर पाबंदियां, स्कूल भी जलाये

afghanistan captured by taliban
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The growing terror of Taliban in Afghanistan-तालिबान ने मई 2019 में भारत द्वारा अफगान सरकार को उपहार में दिए गए Mi-24 हमले के हेलीकॉप्टर पर कब्जा कर लिया। बुधवार दोपहर तालिबान ने अफगानिस्तान के कुंदुज हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया। तालिबान ने इसका वीडियो भी जारी किया है। बता दें कि इससे पहले तालिबान ने सैकड़ों कैदियों को सरकारी जेलों से रिहा कराने का वीडियो जारी किया था।

सेना के एक स्थानीय मुख्यालय पर भी नियंत्रण

अफगानिस्तान में तालिबान ने 3 और सूबों की राजधानियों तथा सेना के स्थानीय मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी सूबे फराह, बदकशान और बगलान की राजधानियां तालिबान के कब्जे में चली गयी हैं। इसके साथ ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूर्ण कब्जा हो गया है।

पहले भी 6 राज्यों की राजधानियां कब्ज़ा चुका है तालिबान

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इससे पहले तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर कुंदुज प्रांत की राजधानी सहित 6 सूबों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया था। कुंदुज के सांसद शाह खान शेरजाद और सूबाई परिषद के सदस्य गुलाम रबानी ने बताया कि बुधवार को कुंदुज हवाई अड्डे पर स्थित अफगान नेशनल आर्मी के 217वीं कमान का मुख्यालय भी तालिबान के कब्जे में चला गया। तालिबान ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें सैनिकों को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाया गया है। अफगान नेशनल आर्मी के 7 कमान में कुंदुज कमान एक था और उसके तालिबान के कब्जे में जाने को बड़ी क्षति माना जा रहा है।

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The growing terror of Taliban in Afghanistan-अफगानिस्तान का 2 तिहाई हिस्सा कब्जे में

अफगानिस्तान का 2 तिहाई हिस्सा तालिबान के कब्जे में चला गया है। तालिबान की बढ़त के बाद इलाका छोड़ आए आम नागरिकों ने बताया कि चरमपंथी समूह ने महिलाओं पर पांबदी लगाई है और स्कूलों को जला दिया है। तालिबान के कब्जे वाले इलाके में बदले की कार्रवाई के तहत हत्याओं के मामले भी सामने आए हैं। हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं। अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है, लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है।

अफगान नेताओं को साथ आना होगा : बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इनकार किया है। बाइडन ने कहा, ‘हमने 20 साल से अधिक समय में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च की। अफगान बलों के 3 लाख से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजो सामान दिया। हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए। अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा। उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी। हम अपने वादे पूरे करेंगे, जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि। लेकिन उन्हें लड़ना होगा। उनकी संख्या तालिबान से अधिक है।’

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