Supreme Court On Entry Of Women In NDA- सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए (National Defense Academy) की प्रवेश परीक्षा में महिला उम्मीदवारों को अगले साल से शामिल करने की अनुमति देने का केंद्र का अनुरोध बुधवार को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती।
National Defense Academy-यूपीएससी के सहयोग से जरूरी काम करना चाहिए
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाली अधिसूचना अगले साल मई तक जारी की जाएगी। जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। न्यायलय ने कहा कि रक्षा विभाग को यूपीएससी के सहयोग से जरूरी काम करना चाहिए।
Supreme Court On Entry Of Women In NDA-एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा की दलीलों पर गौर किया और कहा कि महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के लिए एक साल तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि महिलाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है और इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक तंत्र मई 2022 तक लागू किया जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘हम आपकी समस्याओं को समझते हैं। मुझे यकीन है कि आप लोग समाधान खोजने में सक्षम हैं। परीक्षा देने के इच्छुक उम्मीदवारों की आकांक्षाओं को देखते हुए केंद्र के इस अनुरोध को स्वीकार करना हमारे लिए मुश्किल है।’
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रिम्स में दाखिले पर भी मांगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (रिम्स) में लड़कियों के दाखिले के मुद्दे पर 2 हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करने का बुधवार को निर्देश दिया। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि रिम्स में लड़कियों के दाखिले के मुद्दे को हल किया जाना चाहिए और इसे अब टाला नहीं जा सकता। सुनवाई की शुरुआत में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि रिम्स में महिलाओं को दाखिला देने के संबंध में एक अध्ययन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सैनिक स्कूलों के संबंध में मिजोरम में एक प्रयोग शुरू किया गया। एनडीए के दरवाजे खुलने से रिम्स में महिलाओं के प्रवेश पर भी विचार किया जा रहा है।’
Supreme Court On Entry Of Women In NDA-90 फीसदी पुरुष शिक्षकों का होना उचित नहीं
एक एलुमनी एसोसिएशन ने दलील दी कि शिक्षक-छात्र अनुपात के महत्वपूर्ण पहलू पर गौर करना होगा, क्योंकि संस्थान में 90 फीसदी पुरुष शिक्षकों का होना उचित नहीं है। इस पर पीठ ने कहा, ‘हमारे स्कूल के वक्त ज्यादातर शिक्षक पुरुष थे। बमुश्किल कोई महिला शिक्षिका थीं। आज जमीनी हकीकत पूरी तरह अलग है। इसे लैंगिक मुद्दा नहीं बनाए। हम इससे सहमत हैं कि कुछ महिला शिक्षिकाओं की मौजूदगी आवश्यक है। ये संरचनात्मक मुद्दे हैं जिन पर गौर करना होगा।
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