Staff Selection Commission dissolved- पेपर लीक मामले की जांच रिपोर्ट के बाद हिमाचल सरकार ने बंद किया आयोग

Staff Selection Commission dissolved
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Staff Selection Commission dissolved–हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हमीरपुर स्थित हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है। जेओए (आईटी) पेपर लीक मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद सुखविंदर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के मकसद से आयोग को भंग करने का फैसला लिया। कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने के बाद इसमें तैनात कर्मचारियों को सरप्लस पूल में शामिल किया गया है। सरप्लस पूल से कर्मचारियों को विभागों में भेजा जाएगा। कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से हो रही भर्तियों को अब राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से जारी रखा जाएगा।

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कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने के सरकार के फैसले के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आयोग को भंग करने का फैसला जेओए (आईटी) पेपर लीक मामले सहित तमाम जांच रिपोर्टों पर विचार करने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्टों से साफ है कि आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया में धांधलियों में निम्न से उच्च स्तर तक के अधिकारियों की संलिप्तता थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में आज पहली चार्जशीट दाखिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग के माध्यम से बीते 3 सालों में हुई भर्तियों की जांच जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आयोग में बीते 3 सालों से पेपर बेचने का गोरखधंधा चल रहा था। चुनींदा लोगों को पेपर बेचे जाते थे। उन्होंने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली भर्तियों में प्रदेश के होनहारों के साथ धोखा होता रहा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदकों की सुविधा के लिए सरकार ने चल रही भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में अगली व्यवस्था तक स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारियों को सरप्लस पूल में स्थानांतरित कर दिया गया है और कर्मचारियों को उनकी पसंद के नए विभागों में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की कार्यप्रणाली गंभीर सवालों के घेरे में है और रिपोर्टों के आधार पर यह संकेत मिलता है कि पिछले तीन वर्षों से यहां धांधलियां चरम पर थीं और चयनित उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र बेचे गए थे।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार भर्ती के राष्ट्रीय मॉडल का अध्ययन कर रही है, तत्पश्चात उचित निर्णय लिया जाएगा।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिले में है। ऐसे में अपने ज़िले के इस बड़े संस्थान को हमेशा के लिए बन्द कर देने का फैसला उनके लिए आसान नहीं है और उन्हें आने वाले समय में उन्हें आयोग को बन्द करने के मुद्दे पर हमीरपुर में विरोध झेलना पड़ सकता है।