Some untold aspects of Nargis’s life- मशहूर फिल्मी हस्ती थीं नरगिस की मां, इसलिये कहा जाता था उन्हें नेहरू की बहन

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Some untold aspects of Nargis’s life-नरगिस अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा रहीं। नरगिस ने पांच साल की उम्र में फिल्मों में काम शुरू किया था। पहली फिल्म थी तलाश-ए-हक और यह उनकी मां ने निर्देशित की थी। यह 1935 की बात है। जब उन्होंने आग, आवारा और बरसात जैसी हिट फिल्में दीं, उस समय उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी। बताया जाता है कि नरगिस मूलत: ब्राह्मण परिवार से थी उनके पिता का नाम उत्तम चंद त्यागी था, जिन्होंने बाद में इस्लाम कबूल कर लिया और अपना मुस्लिम नाम अब्दुल रशीद रखा। इसलिए तो कहीं-कहीं बाल-कलाकार के रूप में नरगिस का नाम फातिमा रशीद लिखा होता है।

नरगिस की मां जद्दनबाई फिल्मी दुनिया की मशहूर हस्ती थी

दिलचस्प कहानी यह है कि नरगिस की मां जद्दनबाई तब की फिल्मी दुनिया की मशहूर हस्ती थी। वह कमाल की संगीतज्ञ थी, नृत्यांगना तो थी ही। वह अभिनेत्री भी थी। सरस्वती देवी को तो सभी जानते ही होंगे जिन्होंने अशोक कुमार की बहुत-सी फिल्मों को संगीत दिया—जद्दनबाई उन्हीं के साथ ही फिल्मों में आयी थी और भारतीय सिनेमा की प्रथम संगीत निर्देशक सरस्वती देवी के साथ काम करती थी।

Some untold aspects of Nargis’s life-एक चतुर नार करके ऋंगार की रचना जद्दनबाई ने की थी

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सुनील दत्त, की फिल्म में ‘एक चतुर नार करके ऋंगार’ का संगीत उन्होंने ही दिया था। बहरहाल बात जद्दबाई की हो रही थी। बताया जाता है कि वह एक हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती थी जिसे बचपन में नृत्य और संगीत से जुड़े लोग उठाकर ले गये थे। इन्हीं लोगों ने जद्दनबाई को संगीत और नृत्य में पारंगत किया। तब इन क्षेत्रों में स्त्री का खुलकर आना अच्छा नहीं समझा जाता था। शायद यही कारण है कि कुछ समीक्षकों ने उन्हें कोठेवाली तक कह दिया। और तो और इन्हीं लोगों की बदौलत उन्हें मोतीलाल नेहरू की नाजायज संतान भी कहा जाने लगा। क्योंकि मोतीलाल नेहरू जैसे ऊंचे घराने के लोग कला पारखी थे और अगर यह कला स्त्री विशेष के हिस्से में आयी हो तो यह हरगिज जरूरी नहीं कि अमुक स्त्री का चरित्र ही खराब है। इन्हीं लोगों ने जद्दनबाई को स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू की बहन भी कहा था।

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नरगिस की मां जद्दनबाई ने की थी 3 शादियां

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जबकि सच यह है कि जद्दनबाई बनारस की रहने वाली थी और मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद में रहते थे। यह भी सच है कि जद्दनबाई समरू से आगे चलने में विश्वास रखती थी। वह उस समय फिल्में भी निर्देशित करती थीं। संगीत, नृत्य, गीत रचना में उन्हें पारंगता हासिल थी। उन्होंने तीन शादियां की थी। पहली नरोत्तम दास खत्री से उर्फ बच्ची बाबू जिनहोंने इस्लाम कबूल करके अपना नाम नजीर मुहम्मद रख लिया। जद्दनबाई से उनका पुत्र अख्तर हुसैन हुआ। अख्तर भी फिल्मों में ही काम करता है। उनकी दूसरी शादी इरशाद मीर खान से हुई, जिससे जद्दबाई को दूसरा बेटा अनवर हुसैन पैदा हुआ। वही अनवर हुसैन जो चरित्र भूमिकाएं निभाता है। तीसरे पति उत्तम चंद त्यागी थे जिनसे नरगिस पैदा हुई थी।

Some untold aspects of Nargis’s life-नरगिस का बचपन का नाम था निर्मला

नरगिस के बचपन का हिंदू नाम निर्मला देवी थी। जिसे तब फातिमा रशीद के रूप में बदला जब नरगिस के पिता ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम अब्दुल रशीद रख लिया। यही है नरगिस के बचपन की कहानी। एक और बात कि नरगिस की सौतेली नानी कथित तौर पर बनारस की मशहूर तवायफ थी और जद्दबाई की सौतेली मां थी जो जद्दनबाई को कहीं से उठाकर लाई थी और अपनी ही तरह कोठे पर बिठाना चाहती थी लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था।