अस्पताल प्रशासन ने भी बताया कि, मंजोत के परिवार के विरोध के कारण सर्जरी की प्रकिया में देरी होती जा रही है। यह मामला अब कमेटी को भेज दिया गया है।
जम्मू कश्मीर की एक सिख लड़की के खिलाफ उसका ही परिवार हो गया है। मामला दोस्ती से जुड़ा है। अपनी मुस्लिम दोस्त को किड़नी देने के लिए तैयार सिख लड़की के घरवाले विरोध में उतर आए हैं। घरवालों के ऐतराज के चलते मामला लटक गया है। जिससे हॉस्पिटल की प्रक्रिया में देरी हो रही है। यहां के उधमपुर में 23 साल की मंजोत सिंह कोहली ने अपनी दोस्त समरीन अख्तर को किड़नी डोनेट करने का फैसला लिया है।
कॉलेज के साथ मंजोत की सामाजिक कामों में भी भागीदारी रहती है। मंजोत जम्मू के एक एनजीओ एंटी करप्शन एंड ह्यूमन राइट्स काउंसिल की चेयरपर्सन भी हैं। अपनी दोस्त पर आंच आती देख फौरन किड़नी देने को तैयार हो गईं। लेकिन मंजोत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उसके घर वाले ही बन गए। घरवालों को डर है कि वह भी अपनी जिंदगी के साथ रिस्क ले रही है। मंजोत की दोस्त समरीन श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेड़िकल साइंसेस में भर्ती है।
घरवालों की नाराजगी के चलते अस्पताल की प्रक्रिया में हो रहे विलंब पर मंजोत ने कहा, ‘मैं डरी हुई नहीं हूं। बस चाहती हूं कि इंसानियत मरनी नहीं चाहिए। घरवाले हर तरह से समझाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन मैंने फैसला ले लिया है’। मंजोत ने कहा, ‘इंसानियत पर मुझे पूरा भरोसा है। यही मुझे आगे बढ़ने की राह दिखाता है’। उन्होंने कहा, ‘अस्पताल भी डरा हुआ था। वह सोच रहे थे कि कहीं मामला सांप्रदायिक रंग न ले ले। मंजोत ने कहा, मैं एडल्ट हो चुकी हूं और कानूनी रूप से मुझे कोई भी किड़नी देने से रोक नहीं सकता’।
उन्होंने बताया कि, कानून भी गैर रिश्तेदारों द्वारा दान की अनुमति देता है। जिसके लिए डॉक्टरों की एक समिति, कानूनी विशेषज्ञों और जिला अधिकारियों की मंजूरी की जरूरत होती है। बस इसमें किसी भी तरह का पेमेंट की बात नहीं होनी चाहिए। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने भी बताया कि, मंजोत के परिवार के विरोध के कारण सर्जरी की प्रकिया में देरी होती जा रही है। यह मामला अब कमेटी को भेज दिया गया है जिसपर हम उनके फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
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