Prem Chopra nam hai mera -हिंदी फिल्मों के इस विलेन को मिली हीरो से ज़्यादा लोकप्रियता, 19 हिट फिल्में दी

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Prem Chopra nam hai mera-वही प्रेम चोपड़ा जिन्होंने अपने जीवन के 60 साल फिल्मों को दे दिये। उन्होंने अब तक कुल 380 फिल्मों में काम किया। बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रेम चोपड़ा राजकपूर के रिश्तेदार थे। दरअसल राजकपूर की धर्मपत्नी कृष्णा की जो छोटी बहन है, वह प्रेम चोपड़ा को ब्याही हुई हैं। मतलब प्रेम चोपड़ा ऋषि कपूर, रणधीर तथा राजीव कपूर के मौसा लगे और प्रेमनाथ तथा राजेंद्र नाथ के जीजा लगे।

प्रेम चोपड़ा का पूरा खानदान है फिल्मी

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प्रेम चोपड़ा की पत्नी का नाम है उमा चोपड़ा। और प्रेम चोपड़ा को यह रिश्ता फिल्म के प्रोड्यूसर लेख टंडन ने सुझाया था। एक अन्य रिश्ते के बारे में भी बता दूं कि प्रेम चोपड़ा लगान फेम शर्मन जोशी के ससुर लगते हैं। उनकी सबसे छोटी बेटी प्रेरणा शर्मन को ब्याही हुई हैं। एक अन्य बेटी रिकिता फिल्म पब्लिसिटी डिज़ाइनर राहुल नन्दा को ब्याही हुई हैं। राहुल नंदा रूमानी कहानियां परोसने वाले गुलशन नंदा के बेटे हैं। गुलशन नंदा को आधुनिक पीढ़ी भले ही कम जानती हो, लेकिन गुलशन नंदा साठ और सत्तर के दशक के मिल्ज एंड बून थे। उन्होंने युवामन को बहुतेरे रूमानी सपने दिये, खासकर लड़कियां उनकी लेखनी की दीवानी थीं। उनकी (प्रेम चोपड़ा) तीसरी बेटी पुनीता टीवी एक्टर विकास भल्ला को ब्याही हुई हैं। वह एक अच्छे संगीतकार भी हैं।

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Prem Chopra nam hai mera-टाइम्स ऑफ इंडिया में जॉब करते थे प्रेम चोपड़ा

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प्रेम चोपड़ा ने पंजाबी फिल्मों में भी काम किया क्योंकि वह मूल रूप से पंजाबी थे और देश विभाजन के बाद लाहौर से शिमला आये थे। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से ही अपनी स्नातक की डिग्री ली थी। जब उनकी मां का कैंसर से स्वर्गवास हुआ तो चार भाइयों व एक नौ साल की बहन के साथ वह भी अनाथ हुए थे। बाद में उन्होंने परिवार का भरण-पोषण किया। जीविका के लिए उन्होंने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में भी नौकरी की और साथ-साथ में अभिनय की सनक को भी बरकरार रखा।

एक विलेन जिसने दी 19 हिट फिल्में

प्रेम चोपड़ा ऐसे अकेले विलेन थे जिन्होंने एक साथ 19 हिट फिल्में दीं। इन फिल्मों में उनके विपरीत राजेश खन्ना थे। जब फिल्मों के हिट होने की गारंटी हीरोइन नहीं होती थीं बल्कि ये दोनों चेहरे ही होते थे। दर्शकों के जेहन में जितने राजेश खन्ना छाये थे, वैसे ही प्रेम चोपड़ा के संवाद दिलोदिमाग पर चस्पां थे।

Prem Chopra nam hai mera-क्यों चुना खलनायक बनना?

‘प्रेम नाम है मेरा प्रेम चोपड़ा,’ कटी पतंग का वह डायलॉग याद करिये ‘प्रेम आग लगाना जानता है तो बुझाना भी जानता है।’ वही प्रेम चोपड़ा आलोच्य फिल्म लाट साहब में भी हैं। यह फिल्म इंडस्ट्री का पहला विलेन है जो खूबसूरती में हीरो को भी मात दे जाता है। तभी तो मनोज ने उन्हें शहीद फिल्म में हीरो का रोल दिया था। वह पहले-पहले हीरो का ही रोल अदा करते थे लेकिन बाकी विलेन की तुलना में शक्लो-सूरत अच्छी होने के कारण उन्होंने विलेन रोल करके ही लोकप्रियता हासिल की।