PM’s security lapse-भड़की भाजपा, स्मृति ईरानी ने कांग्रेस से पूछे 3 सवाल

pm in punjab
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PM’s security lapse- पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद यह मुद्दा सियासी रंग ले रहा है। भाजपा ने इस पूरी चूक का ठीकरा पंजाब की कांग्रेस सरकार के सिर फोड़ा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीधे कांग्रेस को प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उसे तीन सवालों का जवाब देने के लिए कहा है।

स्मृति ने पूछे कांग्रेस से तीन सवाल

पहला सवालPM की सुरक्षा का प्रबंध और रास्ते में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है ऐसा आश्वासन पंजाब पुलिस ने PM के सुरक्षा दस्ते को दिया। क्या जानबूझकर झूठ बोला गया?

दूसरा सवाल– पीएम के काफिले का मूव कहां किस तरह हो रहा है, ये सामान्यत: जाहिर नहीं किया जाता। पीएम के पूरे काफिले को रोकने का प्रयास हुआ। 20 मिनट तक काफिला रूका रहा। ऐसा करने वालों को पीएम की गाड़ी के नजदीक तक किसने और कैसे पहुंचने दिया?
किसने उस दौरान लोगों को जानकारी देकर फ्लाईओवर पर भेजा?

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तीसरा सवाल– देश के प्रधानमंत्री की जान जोखिम में पड़ गई। उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पंजाब की कांग्रेस सरकार की थी। इसके बावजूद कांग्रेस देश के मुखिया के असुरक्षित होने पर जश्न क्यों मना रही है?

मोदी से नफरत करते हो तो उन्हें चुनाव में हराकर दिखाओ

स्मृति ईरानी ने कहा, भारत के इतिहास में आज पंजाब की पुण्य धरती पर कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे। जो लोग कांग्रेस में मोदी से घृणा करते हैं, वे लोग आज देश के पीएम की सिक्योरिटी किस तरह भंग की जाए, इसके प्रयास में लगे थे। हमने बार-बार कहा कि कांग्रेस को नफरत मोदी से है तो हिसाब हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान के पीएम से क्यों लिया जा रहा है?

लौटते समय पीएम ने चन्नी जी के लिए संदेश दिया, जिसे मीडिया ने रिपोर्ट किया है। पीएम ने कहा, मैं आज जिंदा लौट रहा हूं। मैं आज कांग्रेस पार्टी से कह रही हूं कि नरेंद्र मोदी देश के पीएम बने तो जनता के आशीर्वाद से। उन्हें ध्वस्त करना है तो इलेक्शन में हराकर कीजिए।

उन्होंने कहा, मोदी पीएम लोगों के आशीर्वाद से बने। वे पंजाब के लोगों के 42000 करोड़ के विकास प्रोजेक्ट देने जा रहे थे। यह सवाल है कि पंजाब के लोगों का विकास कौन रोकना चाहता है?

पंजाब में फेल है पूरी तरह से व्यवस्था

स्मृति ने कहा, पंजाब पुलिस पूरे मामले के दौरान मूकदर्शक बनी रही। पंजाब में सरकारी व्यवस्था फेल है। पंजाब पुलिस ने ही पूरे रूट को हरी झंडी दी थी। पीएम एक रूट से रैली स्थल पर पहुंच रहे थे। उस रूट पर कोई भी विरोध या असुरक्षा नहीं है, ये बात पंजाब पुलिस ने ही तय की थी। लेकिन इसके बावजूद काफिले में सुरक्षा व्यवस्था कैसे ध्वस्त हो गई?

उन्होंने कहा, 20 मिनट तक पीएम का काफिला थमा रहा। इस दौरान पीएम के सुरक्षा कर्मियों ने जब पंजाब के डीजीपी से कांटेक्ट किया तो किसी ने भी रिस्पांड नहीं किया। पीएम को सुरक्षित करने की कोशिश नहीं की गई।

मीनाक्षी लेखी ने कहा–

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, नड्डा ने पंजाब CM को फोन किया, उन्होंने जवाब नहीं दिया। इनके लिए तो बहुत आसान था कि PM को पहुंचने देते। प्रधानमंत्री की गाड़ियां रोकी गईं। ये रैली को विफल करने की कोशिश है। ये किसान नहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने ये काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जो खिलवाड़ पंजाब सरकार के संरक्षण में हुआ वह पंजाब में व्याप्त अराजकता और दुर्व्यवस्था का उदाहरण है। पंजाब सरकार को देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
इस प्रकार से कोई भी सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे कर सकती है, इतना बड़ा खिलवाड़ कैसे कर सकती है, ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। कांग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है, इन्होंने हमेशा देश के लोकतंत्र को समाप्त करने का काम किया है।