कोविड की थर्ड वेव से डरने की ज़रूरत नहीं, IIT Experts का दावा- तीसरी लहर कमजोर होगी

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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बढ़ रही चिंता के बीच एक राहत की खबर आई है। IIT एक्सपर्टस का दावा है कि तीसरी लहर छोटी और कमजोर होगी। एक्सपर्टस थर्ड वेव को लेकर मॉडलिंग कर रहे हैं जिसकी रिपोर्ट अगले हफ्ते तक जारी की जाएगी।

‘बहुत कमज़ोर होगी तीसरी लहर’

IIT Kanpur के Experts की मानें तो शुरूआती संकेतों से साफ है कि भारत में तीसरी लहर ज्यादा बड़ी नहीं होगी। पहली और दूसरी लहर की तुलना में यह बहुत कमजोर हो सकती है। ब्रिटेन में भी तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई जा रही थीं लेकि जो आंकड़े सामने आए उससे साफ है की यह बहुत बड़ी नहीं थी। यह मॉडल इस ओर इशारा कर रहे है कि आगे भी यह ज्यादा नहीं बढ़ेगी। हालांकि इस मॉडल का अभी विश्लेषण किया जा रहा है।

थर्ड वेव को लेकर भ्रम की स्थिति

पिछले दिनों काफी जोर शोर से ये बात उठी कि कोविड की तीसरी लहर में बच्चों पर उसका कहर सबसे ज्यादा हो सकता है। संभावनाएं ऐसी हैं कि पहली लहर ने बुजुर्गों को अपना निशाना बनाया, दूसरी लहर में युवा वर्ग निशाने पर रहा और तीसरी लहर में शायद संक्रमण बच्चों को अपना शिकार बना सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चे इस वायरस की चपेट में ज्यादा आएंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि तीसरी लहर तक देश में ज्यादातर वयस्‍क लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज लग जाएगी। ऐसे में ये लोग बच्‍चों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेंगे। वहीं बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं लग पाई है। अभी तक जो कोरोना वैक्‍सीन बनी हैं। उनका ट्रायल 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही किया गया है।

एम्स का दावा- बच्चों में मामूली होता है संक्रमण

दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणणदीप गुलेरिया ने कहा है, ‘अगर हम पहले और दूसरे चरण के आंकड़ों को देखते हैं तो यह काफी मिलता-जुलता है। यह दिखाता है कि बच्चे सामान्य तौर पर सुरक्षित हैं और अगर उनमें संक्रमण होता भी है तो उनमें मामूली संक्रमण आता है। वायरस बदला नहीं है इसलिए इस तरह के संकेत नहीं हैं कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। अभी तक साक्ष्य नहीं मिला है कि आगामी लहर में बच्चों में इसका गंभीर संक्रमण होगा या उनमें ज्यादा मामले आएंगे।’