New CM Of Karnataka-कर्नाटक में बाज़ीगरी दिखाने वाले डी शिवकुमार से है सिद्धारमैया का मुकाबला, राजस्थान जैसे हालात बनने की क्यों है आशंका…?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव का यह परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। कर्नाटक में सीएम पद की अहम दावेदारी रखने वाले सिद्धरमैया को डी शिवकुमार से टक्कर मिल सकती है। हालांकि माना जा रहा है कि कांग्रेस शिवकुमार को मना लेगी। इस बीच राजनीति के जानकार कयास लगा रहे हैं कि कहीं कर्नाटक में भी स्थित राजस्थान जैसी न हो। बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों को साधने के चक्कर में कांग्रेस की काफी किरकिरी हो चुकी है। मध्य प्रदेश में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार ही गिरा दी। सवाल है कि कांग्रेस हाईकमान के पास कर्नाटक के लिए क्या फॉर्मूला है?
New CM Of Karnataka-सचिन पायलट प्रकरण
2018 में कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रही. हालांकि, सीटों की संख्या एकदम बहुमत के करीब थी. हाईकमान ने राजस्थान के सभी नेताओं को दिल्ली बुलाया और एक फैसला सुना दिया।
फैसले के मुताबिक अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। हालांकि, पायलट खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार बताते रहे। उनका कहना था कि कांग्रेस को 21 से 101 सीट पर लाने में मैंने बहुत मेहनत की।
राहुल गांधी की समझाइश के बाद उस वक्त पायलट मान गए, लेकिन डेढ़ साल बाद ही बगावत पर उतर आए. हाईकमान इसके बाद आज तक राजस्थान कांग्रेस का विवाद नहीं सुलझा पाई है. इसकी वजह से कांग्रेस को राज्य में काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
New CM Of Karnataka-मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस के पास 2 विकल्प
सहमति के आधार पर- कांग्रेस के लिए यह सबसे बेहतरीन ऑप्शन है. इसके तहत सिद्धारमैया मुख्यमंत्री और शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पेंच जरूर फंसेगा. शिवकुमार अगर उपमुख्यमंत्री बनने पर राजी नहीं होते हैं, तो कांग्रेस के लिए भविष्य में मुश्किलें बढ़ सकती है। वोटिंग के आधार पर- कांग्रेस विधायकों से वोटिंग करा सकती है. इसमें जिसको ज्यादा सीटें मिलेगी, वो मुख्यमंत्री और जिसे कम वो उपमुख्यमंत्री. हालांकि, इसमें भी पार्टी के लिए भविष्य में खतरा बना रहेगा. उपमुख्यमंत्री पद वाले व्यक्ति भविष्य में अपने समर्थक विधायकों के साथ कभी भी बगावत कर सकते हैं. कांग्रेस कर्नाटक में बहुमत के करीब ही रहेगी।
New CM Of Karnataka-विवाद सुलझाना आसान क्यों नहीं?
सिद्धारमैया मजबूत नेता, विधायकों का भी साथ- कर्नाटक में सिद्धारमैया कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं। कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में सिद्धारमैया की पकड़ काफी मजबूत है। कांग्रेस के भीतर सिद्धारमैया के समर्थकों की तादाद भी काफी ज्यादा है।
सिद्धारमैया मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, इसलिए विधायकों के बीच भी उनकी मजबूत पकड़ है। सिद्धारमैया इस बार घोषणा कर चुके हैं कि ये उनका अंतिम चुनाव है. इसलिए मुख्यमंत्री पद पर उनकी मजबूत दावेदारी है। हालांकि, उनका कमजोर पक्ष चुनावी परफॉर्मेंस है। शिवकुमार समर्थकों का कहना है कि 2013 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी 2014 में सिद्धारमैया कांग्रेस को बड़ी जीत नहीं दिला पाए. 2019 में भी कांग्रेस का परफॉर्मेंस खराब रहा। डीके की छवि मेहनती और संकटमोचक नेता की- कर्नाटक कांग्रेस में डीके शिवकुमार की छवि मेहनती और लड़ाकू नेता की है. शिवकुमार को कांग्रेस में संकटमोचक की भूमिका भी निभाते कई बार देखा गया है. एक वक्त उनका रिजॉर्ट खूब फेमस हुआ था। इस चुनाव में भी वो 1 लाख वोटों से जीत दर्ज कर चुके हैं।
शिवकुमार की मुश्किल
शिवकुमार को 2019 में सेंट्रल एजेंसी ने एक एक्शन में गिरफ्तार भी कर लिया था. इसके बावजूद शिवकुमार कांग्रेस में बने रहे. कर्नाटक में 2020 ( karnataka election 2023) में उठापटक के बाद शिवकुमार को कांग्रेस ने प्रदेश की कमान सौंपी थी. शिवकुमार के समर्थक इसके बाद से ही उन्हें मुख्यमंत्री के दावेदार बताते रहे हैं।
हाल के एक इंटरव्यू में शिवकुमार ने कहा था कि मैंने खूब मेहनत की है, इसलिए सभी लोगों का समर्थन मिलने की मुझे उम्मीद है. शिवकुमार का कमजोर पक्ष विधायकों का समर्थन है। सिद्धारमैया लोकल लेवल पर काफी मजबूत हैं. साथ ही उनके पास सरकार चलाने का भी अनुभव है, जबकि शिवकुमार इस मामले में काफी पीछे हैं.