Little angel gave new life to 4 people-बेगानों को नयी जिंदगी देने के लिए पीजीआई चंडीगढ़ से नन्हीं परी के दिल ने मुंबई और जिगर ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी। इसके अलावा पीजीआई चंडीगढ़ में गंभीर दो लोगों को नई जिंदगी मिली। बच्ची का दिल और जिगर पीजीआई में किसी के साथ मैच नहीं हुआ। इसके बाद पीजीआई की टीम ने मुंबई और दिल्ली के अस्पतालों से संपर्क किया, जहां दोनों अंग मैच हो गए। बच्ची के अंग प्राप्त करने के बाद पीजीआई की टीम ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चंडीगढ़ हवाई अड्डे पहुंचे। यहां से दिल को मुंबई और जिगर को दिल्ली भेजा गया।
गिरकर बेहोश हो गई थी 5 साल की परी
अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक पीजीआई और नोडल अधिकारी (Additional Medical Superintendent PGI and Nodal Officer) डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि 22 दिसंबर को बच्ची ऊंचाई से गिरने के बाद बेहोश हो गई थी। परिजन उसे सिविल अस्पताल ले गए, जहां उसकी तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई चंडीगढ़ लाया गया। एक सप्ताह जिंदगी से जंग लड़ने के बाद 5 साल की नन्हीं परी को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। टीम ने परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया और परिजन मान गए। इसके बाद पीजीआई की टीम ने बच्ची के अंग प्राप्त किए और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को प्रत्यारोपित किए। परिवार की इस उदारता के लिए पीजीआई के डायरेक्टर दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए बच्ची के परिवार का आभार जताया।
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डॉ. विपिन कौशल ने बताया कि “परिवार की सहमति के बाद, दिल, यकृत, गुर्दे और अग्न्याशय (heart, liver, kidney and pancreas) को रिकवर किया गया। इसके बाद गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को प्रत्योपित किया गया।
दर्द से गुजर रहे एक पिता का संदेश….
एक छोटी बच्ची के शोकग्रस्त, लेकिन बहादुर युवा पिता अपनी व्यक्तिगत भावनाओं के कारण अपनी पहचान को गुमनाम रखना चाहते थे, उन्होंने कहा, “यह ऐसी चीज है जिससे किसी भी परिवार को नहीं गुजरना चाहिए। हमने अंगदान के लिए ‘हां’ कहा क्योंकि हम जानते थे कि यह किसी और की मदद कर सकता है और उन्हें उस दिल के दर्द से गुजरने की जरूरत नहीं होगी जिससे हम गुजर रहे हैं। हम जानते थे कि यह करना सही है.”हम सिर्फ यह चाहते हैं कि लोग कारण के बारे में जानें। हमारी बेटी दूसरों के माध्यम से जीवित रहे। यह हमने अपनी शांति और सांत्वना के लिए किया है। हमें उम्मीद है कि हमारी बेटी की कहानी उन परिवारों को प्रेरित करेगी जो खुद को इस स्थिति में पाते हैं। हम लोगों को अंगदान पर जागरूक करना चाहते हैं ताकि यह महसूस किया जा सके कि मृत्यु चीजों का अंत नहीं है, लोग दूसरों के माध्यम से जी सकते हैं।