International Women’s Day -घर के साथ खुद को भी संवारेंगी तो ऐसे बनेगी बात

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

International Women’s Day-आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। महिलाएं ही सही मायने में ‘होम मेकर’ होती हैं। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर का सारा कामकाज तो देखना ही होता है और अगर कामकाजी महिला है तो जिम्मेदारी दोहरी हो जाती है। इसलिए उन्हें खुद पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि वह घर को संवार सकें।

International Women’s Day

ममता की उम्र 50 पार हो गयी है। कुछ दिनों से वह अपने भाई राजेश के पास आई हैं। राजेश सहित घर के अनेक लोग दीदी की चिंताओं से परेशान रहते हैं। ममता ने घर-गृहस्थी की बागडोर बहुत अच्छे तरीके से संभाल रखी है। बच्चे बड़े हो गए हैं। लेकिन वह हमेशा चिंतित रहती हैं। चिंता कभी बच्चों की ब्याह-शादी की, कभी राजेश के जीजाजी के स्वास्थ्य को लेकर और कभी-कभी राजेश के परिवार की भी चिंता। इन सबके बीच वह अपनी सेहत को लेकर न तो सजग रहती हैं और न ही किसी से शेयर करती हैं। राजेश ने दीदी को बहुत समझाया और काउंसलिंग भी कराई। असल में ऐसा ही होता है। ज्यादातर महिलाओं को घर-गृहस्थी, घर-परिवार की तो खूब चिंता होती है, लेकिन जब बात आती है उनके खुद के केयर की तो वह ढीली पड़ जाती हैं। हालांकि समय बदला है और आज जागरूकता भी आई है, लेकिन आज भी ज्यादातर महिलाएं परिवार को समर्पित होती हैं, खुद के प्रति केयरलेस ही रहती हैं।

स्वास्थ्य पर ध्यान दें

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International Women’s Day

उम्र के एक पड़ाव में हर किसी को स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होती है। जानकार कहते हैं कि महिलाओं को विशेष ध्यान देना जरूरी होता है क्योंकि हार्मोनल चेंज के दौरान शरीर में अनेक बदलाव आते हैं। उस वक्त घर के अन्य सदस्यों को भी चाहिए कि उन्हें अच्छा वातावरण मुहैया करवाएं। जानकार कहते हैं कि प्रतिदिन एक-दो घंटे महिलाओं को अपने भी निकालने चाहिए। इन घंटों में वह योग, ध्यान, दोस्तों संग हंसी-मजाक आदि कर सकते हैं।

International Women’s Day-ऐसा हो किचन

किचन में आज अनेक तरह की सुविधाएं उपलब्ध होने लगी हैं। आप भी अपने किचन को सुविधाजनक बनाएं। जगह के हिसाब से वहां अलग-अलग रैक के अलावा, एग्जास्ट, कूलर एवं अलग-अलग रैक बनवा सकते हैं। इसके जरिये आपका काम तो आसान होगा ही आपको सुकून भी मिलेगा।

ऐसा हो बजट

कहा जाता है कि महिलाएं घर की लक्ष्मी होती हैं। लक्ष्मी के हाथ में ही बरकत होती है। महिलाओं को घर के बजट को भी नियंत्रित करना चाहिए और योजना बनाकर खर्च आदि करना चाहिए। इस योजना में ही साप्ताहिक या पाक्षिक घूमना या सैर-सपाटा शामिल हो सकता है।

International Women’s Day-बच्चों संग दोस्ती

यूं तो बेटियां मां की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, क्योंकि वह मां का हाथ बंटाने के अलावा उन्हें सजाने-संवारने में भी लगी रहती हैं। लेकिन घर में बेटे हों या बेटी उनके साथ दोस्ती कीजिए। अगर किशोरावस्था या युवावस्था में हों तो उनके साथ स्वास्थ्य संबंधी बात भी साझा करना चाहिए। इसी के साथ पति-पत्नी के बीच भी बेहतरीन सामंजस्य बनाये रखना एक सुखी परिवार की निशानी होती है।