India’s hope in Tokyo-कुश्ती में पदक पक्का, नीरज चोपड़ा ने भी जेवलिन में जगाई मेडल की उम्मीद

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India’s hope in Tokyo-टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में भारत का पदक पक्का हो गया जब रवि दहिया ने कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराकर स्वर्ण पदक जीतने की ओर कदम रखा। ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाले सुशील कुमार के बाद वह दूसरे भारतीय पहलवान बन गए।

नीरज चोपड़ा का शानदार प्रदर्शन

भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक की javelin throw competition के क्वालीफाइंग में बुधवार को यहां शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई लेकिन उनके हमवतन शिवपाल सिंह लचर प्रदर्शन करते हुए पदक की दौड़ से बाहर हो गए। ओलंपिक में पदार्पण कर रहे चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में भाले को 86.65 मीटर की दूरी तक फेंककर 83.50 मीटर का स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और भारत के लिए पदक की उम्मीद जगाई। एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के बाद अपने बाकी दो प्रयास नहीं करने का फैसला किया। क्वालीफिकेशन में तीन प्रयास का मौका मिलता है जिसमें से सर्वश्रेष्ठ प्रयास को गिना जाता है।

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चैंपियन चोपड़ा ग्रुप ए और ग्रुप बी में 32 खिलाड़ियों में शीर्ष पर रहे

ravi dahiya
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पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन चोपड़ा ग्रुप ए और ग्रुप बी में 32 खिलाड़ियों में शीर्ष पर रहे। उनका निजी और सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर है जो उन्होंने मार्च 2021 में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री 3 में बनाया था। शिवपाल ने हालांकि निराश किया। वह अपने पहले प्रयास में 76.40 मीटर, दूसरे में 74.80 मीटर और तीसरे प्रयास में 74.81 मीटर की दूरी ही तय कर पाए और ग्रुप बी में 16 खिलाड़ियों के बीच 12वें और कुल 27वें स्थान पर रहे। शिवपाल 86.23 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ और 81.63 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं पहुंच पाए।

India’s hope in Tokyo-रवि दहिया गोल्ड से एक दूर, कांसे के लिये खेलेंगे पूनिया

हालांकि दीपक पूनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद अब कांस्य पदक के लिये खेलेंगे। चौथी वरीयता प्राप्त दहिया 57 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफाइनल में एक समय 2-9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया। इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर मुकाबला जीत लिया। दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे।

पूनिया का प्रदर्शन

दीपक पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था। जवाबी हमले पर वह एक ही मूव बना सके लेकिन टेलर ने उन्हें अंक नहीं लेने दिया।

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India’s hope in Tokyo-क्वार्टर फाइनल में चीन के जुशेन लिन को चित्त किया

दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया।
वहीं पूनिया ने पुरुषों के 86 किग्रा वर्ग में आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाते हुए पहले दौर में नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को मात दी जो अफ्रीकी चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीन के जुशेन लिन को 6-3 से हराया।