India G20 Summit-कच्छ के रण में होगी जी-20 की बैठक, Soil erosion, Efficient use of resources महत्वपूर्ण मुद्दे

INDIA G 20 SUMMIT
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India G20 Summit-गुजरात में कच्छ के रण की लुभावनी सफेद रेत की पृष्ठभूमि में, जी20 देशों के पर्यटन क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक 7-9 फरवरी 2023 के दौरान आयोजित की जायेगी। पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने आज बैठक स्थल धोरडो में पूर्वावलोकन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित, जी20 के तहत पर्यटन कार्यसमूह की पहली बैठक कल से शुरू हो रही है, जिसमें 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर विकास मंत्री जी किशन रेड्डी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल भाग लेंगे। बैठक में जी20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।

भूमि क्षरण, और संसाधानों का प्रभावी इस्तेमाल भारत की प्राथमिकताएं

भूमि क्षरण (Soil erosion), जैव विविधता का विनाश (destruction of biodiversity), समुद्री प्रदूषण (marine pollution), मैंग्रोव व कोरल रीफ का संरक्षण (protection of mangroves and coral reefs), संसाधानों का अति उपयोग और कूड़े के निस्तारण में खामी वे अहम पर्यावरण चिंताएं हैं जिनके समाधान की कोशिश भारत की अध्यक्षता में जी-20 की प्राथमिकता होगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जलवायु वित्त के मुद्दे को चर्चा में शामिल किया जाएगा। शेरपा ट्रैक के अधीन गठित 13 कार्य समूहों में से एक पर्यावरण व जलवायु स्थायित्व कार्यसमूह फरवरी और मई के बीच चार बार बैठक करेगा। पहली बैठक बेंगलुरु में नौ से 11 फरवरी के बीच होगी, दूसरी बैठक गांधीनगर में 27 से 29 मार्च के बीच प्रस्तावित है, तीसरी बैठक मुंबई में 21 से 23 मई के बीच होगी और चौथी बैठक के लिए चेन्नई को चुना गया है जहां पर 26 और 27 मई को समूह की बैठक प्रस्तावित है। समूह की मंत्री स्तर की बैठक 28 जुलाई को चेन्नई में आयोजित करने की योजना है।

India G20 Summit-कच्छ के रण में होगी जी-20 की बैठक-WWF Living Planet Report के मुताबिक

अतिरिक्त सचिव रिचा शर्मा ने कहा, ‘‘तत्काल भूमि क्षरण, जैव विविधिता को हो रही हानि को रोकने और पारिस्थितिकी को बहाल करने की जरूरत है क्योंकि दुनिया की 23 प्रतिशत भूमि अब संसाधनों के अतिदोहन और बंजर होने की वजह से कृषि उत्पादन के अनुकूल नहीं है।” सितंबर 2020 में जारी ‘डब्ल्यूडब्ल्यूएफ लिविंग प्लैनट रिपोर्ट (WWF Living Planet Report) के मुताबिक वर्ष 1970 से अब तक स्तनपायी (Populations of mammals), पक्षियों (Birds) , उभचरियों (amphibians), मछलियों की आबादी में गिरावट आई है। अधिकारी ने बताया कि दूसरी प्राथमिकता स्थायी और जलवायु अनुकूल नीली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने बताया कि भारत नीली अर्थव्यवस्था के लिए नीति बनाने के अंतिम चरण में है।

India G20 Summit-कच्छ के रण में होगी जी-20 की बैठक- समुद्री प्रदूषण, मैंग्रोव और कोरल रीफ अहम मुद्दा

उन्होंने कहा, ‘‘यह अहम मुद्दा है और हम इंडोनिशया की अध्यक्षता से इसे जारी रखना चाहते हैं। इसलिए समुद्री प्रदूषण, मैंग्रोव और कोरल रीफ का सरंक्षण वे मुद्दे हैं जिन पर भारत की अध्यक्षता के दौरान चर्चा होगी।” अधिकारी ने बताया कि भारत विशेष तौर पर समुद्र में कचरे के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कराना चाहता है और वह समन्यवित समुद्र तट सफाई अभियान शुरू करेगा जिसमें जी-20 समूह के सभी देश और मेहमान देश 21 मई को हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि तीसरी प्राथमिकता संसाधनों का उचित उपयोग और ‘सर्कुलर अर्थव्यवस्था’ भारत सरकार की एक अन्य प्रमुख नीतिगत प्राथमिकता है।