IIT JEE Entrance : अब ग्लोबल होगी आईआईटी-जेईई परीक्षा, जानें कितने देश ले सकते हैं भाग

IIT JEE Entrance Exam
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IIT JEE Entrance Exam-अब ग्लोबल होगी आईआईटी-जेईई परीक्षा (Now IIT-JEE exam will be global), जानें कितने देश ले सकते हैं भाग. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कदम बढ़ा रहे भारत ने अब आईआईटी-जेईई परीक्षा को वैश्विक स्तर पर आयोजित कराने की योजना बनाई है. इंडियन इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट (Indian engineering institute) में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (joint entrance exam) अब वैश्विक रूप लेने जा रही है. अब इस परीक्षा का आयोजन अमेरिका सहित 25 देशों कराने की योजना है. पिछले साल भी इस एग्जाम का आयोजन क्वालालंपुर, लागोस में हुआ था. जबकि इससे पहले भी भारत सरकार की सहायता से 12 देशों में आईआईटी-जेईई परीक्षा (IIT-JEE Exam) आयोजित हो चुकी है.

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अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (America, Australia, South Africa, Singapore, China, Nepal, Indonesia, Malaysia, Qatar, UAE) सहित कई देशों में आईआईटी-जेईई की परीक्षा आयोजित होगी. इस वर्ष एनआरआई और विदेश में पढ़ रहे भारतीय एवं विदेशी नागरिकों के लिए करीब 3900 स्नातक और 1300 परास्नातक की सीटें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. ये सीटें देश के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में आरक्षित की जाएंगी.

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शिक्षा मंत्रालय के अनुसार डायरेक्ट एडमिशन ऑफ स्टूडेंट अब्रॉड स्कीम के तहत इन छात्रों को भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिया जाएगा. विदेशी छात्र, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट (National Institute of Technology, National Institute of Information Technology, School of Planning and Architect) व अन्य शिक्षण संस्थानों में एडमिशन ले सकेंगे. जिसमें ट्रिपल आईटी और एनआईटी भी शामिल किए गए हैं. लेकिन आईआईटी में यह व्यवस्था लागू नहीं होगी.

फिलहाल देश के सभी आईआईटी संस्थानों को इस व्यवस्था से बाहर रखा गया है. जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्रालय ऐसे अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के संपर्क में है जो भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर छात्र-छात्राओं को अलग-अलग पाठ्यक्रम उपलब्ध करा सकते हैं. इसकी पहल करते हुए 63 देशों में भारतीय राजदूतों से संपर्क किया गया है.