हम बार -बार मेहनत करते हैं, असफल हो जाते हैं तो ज़ाहिर है कि निराशा हमें घेर लेगी। हम तनाव ग्रस्त हो जाएंगे। जबकि बहुत से लोग कम समय में ज्यादा और बेहतर काम करते हैं और तनावमुक्त भी रहते हैं। वे कोई स्पेशल व्यक्ति नहीं हैं बल्कि हमारे जैसे ही होते हैं। फर्क सिर्फ इतना रहता है, कि वे अपनी जिम्मेदारियों, कामों और दिनचर्या में सामंजस्य बिठाना जानते हैं। उनको यह भी मालूम होता हैं कि कैसे अपनी पुरानी आदतों में बदलाव कर, खुद की प्रोडक्टिविटि यानी कार्य कुशलता को बढ़ाया जा सकता है।
खुद से सवाल करें
दिन की शुरूआत करने से पहले 10 मिनट खुद को दें और अपने आप से सवाल करें, आज मेरा ऐम क्या है? आपको अपनी डायरी या टास्क लिस्ट में पेंडिंग काम, प्रेशर प्रॉब्लम्स और जरूरी डेडलाइन्स को लिख लेना चाहिए. आपको हर काम को इस तरह से व्यवस्थित करना चाहिए कि सबसे ज्यादा जरूरी काम लिस्ट में सबसे ऊपर रहे. लिस्ट में तय किए गए कार्यो को अपना प्राथमिक लक्ष्य बना लें. काम की शुरूआत में इस तरह से करें कि आपको मेंटल सपोर्ट मिलता जाए।
अपने कामों की लिस्ट बनायें
एक जैसे कामों को एक समय में करने की आदत विकसित करें. जैसे कि ईमेल्स पढ़ने बैठें तो पूरे ईमेल एक-एक करके पढ़ लें. अगर आप बीच बीच में दूसरे और कार्य करेंगे तो काफी समय खराब होगा. यदि सेल्स कॉल्स करनी हैं तो पहले सूची बना लें और एक-एक करके कॉल करते जाएं.
प्राथमिकताएं तय करें
अपने कार्यों की प्राथमिकताएं तय करनी जरूरी हैं. इस तरीके से आप अपना सबसे जरूरी लक्ष्य सबसे पहले पूरा करते हैं. उसके बाद दूसरा सबसे जरूरी कार्य और फिर बाद के कार्य निपटाते हैं. यदि किसी कारणवश काम की शुरुआत दोपहर के आसपास शुरू होती है तो आपका शेड्यूल बेशक गड़बड़ा सकता है, लेकिन फिर भी आपको यह संतुष्टि होगी कि आपने दिन के सभी जरूरी कार्य पूरे कर लिए हैं।
एडवांस में तैयारी रखें
अगले दिन या आगामी प्रोजेक्ट की तैयारी में कुछ पल व्यतीत करना भी ठीक रहता है. बेशक दिन भर की थकाऊ भागदौड़ के बाद आगे की तैयारी करना बोझिल लगता है, लेकिन यह भी सच है कि पहले से तैयार रहना प्रोडक्टिविटी में चार चांद लगा देता है. आप रात घर जाने से पहले या सुबह काम पर जाने से पूर्व आगे के काम की तैयारी कर सकते हैं।
छोटे स्टैप्स लें
लगातार काम करते हुए आप गलत दिशा में जा सकते हैं. इसलिए कुछ मिनट रूककर सोचें कि क्या आप समय का सही इस्तेमाल कर पा रहे हैं या नहीं? इससे गैरजरूरी कामों को रोक पाएंगे और चेकलिस्ट के अगले टास्क को पूरा करने में लग जाएंगे. कई बार छोटा स्टेप लेकर भी खुद को फोकस कर पाते हैं.
बातें कम काम ज्यादा
सबके साथ कम्युनिकेशन करना जरूरी है, पर आपको यह भी पता होना चाहिए कि किसके साथ क्या और कितनी बात करनी है. बातों पर नियंत्रण जरूरी है. अपनी शारीरिक एनर्जी जितनी काम में लगेगी उतनी ही कार्यकुशलता में बढ़ोतरी होगी।
एकाग्रता बढ़ायें
आपको अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक समय की नहीं बल्कि काम के प्रति एकाग्रता की जरुरत है. आप अपने कार्य के प्रति जितने एकाग्र रहेंगे उतने ही फायदे में रहेंगे. सप्ताह के 40 घंटों का काम 30 घंटे में ही पूरा कर पायेंगे.और फिर बाकी के बचे समय को दूसरी जगह लगा सकते हैं. सबसे पहले आप अपने कामों की एक सूूची तैयार करें. ताकि हर छोटे से छोटे काम के लिए समय-सीमा निर्धारित कर सकें. काम करते वक़्त अपने मन को विचलित होने से रोकें।
मोबाइल से दूरी बनाएं
मोबाइल का इस्तेमाल आपकी एकाग्रता को प्रभावित करेगा. इस कारण आपका कीमती समय बर्बाद होगा और टारगेट पूरा होने में देर होगी. जब टारगेट पूरा नहीं होगा तब दिमाग पर ज्यादा ज़ोर पड़ेगा, जिससे आप तनाव में आ सकते हैं. कोशिश करें की काम के दौरान अपने मोबाइल या अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल बंद कर दें। यदि आप काम करते हुए थकान महसूस कर रहे हैं .तो ऐसे में 15 मिनट का ब्रेक आपको दोबारा रिचार्ज कर देगा. आप काम के दवाब में भी बेहतर रिजल्ट देने के लिए तैयार हो जायेंगे. यकीन मानिए फ्रेश फीलिंग आपके कार्य की क्षमता को बढ़ा देगी .काम के दौरान एक जगह बैठे-बैठे हमारा मन उबने लगता है| और हमें मानसिक थकान महसूस होने लगती है. हमारी शारीर में हलचल होने से खून का बहाव सुधर जाता है. हम दोस्तों से बात कर के अपने दिमाग को भी आराम दे सकते हैं. फिर आप बिलकुल फ्रेश हो कर वापस अपनी काम में लग जाएँगें| ऐसी छोटी-छोटी ब्रेक आपको काम के दौरान तनाव से बचा सकती है।
व्यायाम भी है ज़रूरी
एक शोध के मुताबिक”व्यायाम करने से हमारे दिमाग की याद रखने तथा काम करने की क्षमता बढ़ती है. व्यायाम करने से आप न केवल स्वस्थ और फुर्तीले होते हैं, बल्कि प्रोडक्टिविटी में भी बढ़ोतरी होती है। रोज 20 मिनट व्यायाम से आपके अन्दर समस्या सुलझाने की क्षमता बढ़ेगी और आप अपने कार्यों में कुशलता ला सकते हैं
नींद बनाती है और ऊर्जावान
रात में जल्दी बिस्तर पर जाने और सुबह जल्दी उठने से शारीर काफी फुर्तीला रहता है. इससे हमें अपने दैनिक कार्यों में लगने से पहले खुद के लिए काफी वक़्त मिल जाता है, जिसे हम व्यायाम कर, अख़बार पढ़ कर या फिर टहल कर अपने इस्तेमाल में ला सकते हैं और पूरे दिन के लिए खुद को चार्ज रख सकते हैं।
अपनी पीठ थपथपाएं
जब आपकी सूची में दर्ज सभी काम पूरे हो जायें तब एक बार आईने में देखकर खुद की तारीफ करिए अपनी पीठ थपथपाईये। अपनी उपलब्धि पर खुश होइए. सैलिब्रेट करिये. खुद की हौसला अफजाई करें . अगर आप सप्ताह के प्रत्येक दिन अपना काम निश्चित समय में पूरा कर लेते हैं तो वीकेंड ऊर्जा से भरपूर होगा। पुरुस्कार भी आपकी स्वंयं की पसंद का, चाहे किसी नई खरीद के रूप में हो या फिर कहीं घूमने-फिरने का कार्यक्रम के रूप में. अत्याधिक कार्य कुशलता या क्षमता बढ़ाने का सबसे सरल उपाय यह है कि आप खुद को ‘बीते हुए कल’ से अपने ‘आज’ को और भी बेहतर बनाने की प्रयास में सदैव कार्यरत रहें.' आप अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव ला कर देंखें, इससे आपकी मनोदशा में तो बदलाव आयेगा ही साथ ही साथ बेहतर परिणाम भी जल्द नज़र आने लगेंगे.