वर्चुअल रियलिटी डेवलपर (Virtual Reality Developer) यानी VR Technology आजकल बहुत डिमांड में हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि बीते कुछ महीनों में तकनीक ने हम सबके दिल-दिमाग ही नहीं बल्कि ज़िंदगी पर भी कब्जा कर लिया है। खासकर कोविड के बाद शुरू हुए इस दौर ने। आप घर बैठे भी वर्चुअल वर्ल्ड के सितारे कैसे बन जाते हैं? कौन करता है पर्दे के पीछे यह सारे काम? गूगल और एपल के वर्चुअल असिस्टेंट कैसे काम करते हैं? इन सारे सवालों के जवाब Virtual Reality Developer के पास होते हैं। पहले माना जाता था कि इनका रोल केवल वीडियो गेमिंग के क्षेत्र तक है लेकिन आज के दौर में कई उद्योग इस तकनीक में संभावनाएँ देखने लगे हैं।
Virtual Reality Developer की डिमांड यहां भी
वर्चुअल टैक्नीक (VR Technology) की दुनिया में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ Automotive, Job Training, Entertainment, Healthcare, Telecom, Aerospace, Defense, Cyber Security, Retail सेक्टर्स में इनके लिये जॉब के अवसर बढ़ेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, टूरिज्म समेत अन्य पारंपरिक क्षेत्रों में भी वीआर एप्लिकेशन बेस्ड जॉब क्रियेट होंगीं।
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क्या है Virtual Reality

वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) जिसमें आपको सब कुछ असली-सा दिखेगा, लेकिन असल में वह आभासी होता है। इसका प्रयोग करने पर ऐसा अनुभव होता है कि वास्तव में आपके सामने ही सब कुछ हो रहा है या ऐसा प्रतीत होता है कि आप भी उसी वातावरण में हैं। इसका एडवांस लेवल, आग्मेंटेड वर्चुअल रियलिटी कहलाता है।
आवश्यक योग्यताएं
वीआर/एआर टेक्नोलॉजी में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स के पास कंप्यूटर साइंस या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री होनी आवश्यक है। designing course करके भी इस फील्ड में एंट्री ली जा सकती है। यह बेसिक कोर्स करने के बाद AR/VR technology provider किसी कंपनी में इंटर्नशिप करके इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हालाँकि अपने देश में अभी वर्चुअल रियलिटी के लिए अलग से कोर्स उपलब्ध नहीं है। इंटर्नशिप करके ही इसमें अपनी स्किल को बढ़ाया जा सकता है। साथ में बेसिक कोर्स करने से पहले अपनी रुचि का ध्यान जरूर रखें, यह देखें कि आपकी वर्चुअल रियलिटी के किस फील्ड में इंटरेस्ट है। उसी के अनुसार computer engineering or designing course करना ज्यादा उचित रहेगा। कोर्सेरा, उडेमी पर भी इसके लिए ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हो चुके हैं।
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बेहतर है भविष्य
VR Technology का आज सबसे ज्यादा उपयोग बड़ी इंड्रस्ट्रीज में कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए हो रहा है। वीआर ट्रेनिंग, फिजिकल ट्रेनिंग की तुलना में सस्ती पड़ती है। इससे लेबर को जल्दी ट्रेंड किया जा सकता है और उनकी प्रोडक्शन एफिशिएंसी भी इससे बढ़ जाती है। दो से तीन सालों में दुनिया भर के सारे मैन्युफैक्चरिंग देशों में यह तकनीक इस्तेमाल में आने लगेगी। हमारे यहाँ भी जैसे-जैसे मैन्युफैक्चरिंग और बढ़ेगी, लेबर फोर्स और बढ़ेगा, उसी गति से वीआर/एआर का उपयोग भी बढ़ता चला जाएगा। इस तकनीक के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से लेकर इसके डिजाइनिंग फील्ड में युवाओं के लिए नौकरी के काफी मौके होंगे।
प्रमुख संस्थान
- Coyrsera
www.coursera.org
- IIT Jodhpur/Delhi/Kharagpur/Roorkee
www.iitj.ac.in
- National Institute of Design, Ahmedabad
www.nid.edu
- Udemy
www.udemy.com
- Maya Academy of Advanced Cinematics, India
www.maacindia.com/about-us.aspx