Himachal’s roads will improve-विश्व बैंक ने शिमला और नूरपुर पुलिस जिलों में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली स्थापित करने और कांगड़ा में पालमपुर-शीला चौक को “सुरक्षित गलियारे” के रूप में विकसित करने के लिए 51 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
Himachal’s roads will improve
अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना के तहत शिमला में एक यातायात प्रवर्तन नियंत्रण कक्ष की स्थापना और ‘इंटरसेप्टर’ और गश्ती वाहनों के लिए कोष का आवंटन, कुशल यातायात प्रबंधन प्रणाली, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) युक्त कैमरे और बचाव उपकरण की परिकल्पना की गई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने कहा कि परियोजना के पहले चरण के लिए, शिमला और नूरपुर का चयन किया गया है और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने के लिए दोनों पुलिस जिलों पर 42 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या 2017 में 3,114 से घटकर 2022 में करीब 2,600 हो गई है। कुंडू ने कहा, “”हमने हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बहुत मेहनत की है और ना केवल पहाड़ी राज्यों के लिए बल्कि पूरे विश्व में एक आदर्श के तौर पर उभरे हैं।
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डीजीपी ने कहा कि विश्व बैंक ने परियोजना के लिए 51 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। पुलिस अधीक्षक (यातायात) संदीप धवल ने कहा कि एआई-संचालित कैमरों को लगाने के लिए शिमला जिले में 120 स्थानों की पहचान की गई है। पुलिस ने कहा कि सुरक्षित गलियारा प्रदर्शन कार्यक्रम (एससीडीपी) के तहत कांगड़ा जिले में पालमपुर-शीला चौक को सुरक्षित गलियारे के रूप में विकसित करने के लिए चयनित किया गया है। पुलिस के मुताबिक, इसके लिए सुरक्षा संबंधी उपाय और डिजाइन में सुधार किया जाएगा जिसपर नौ करोड़ रुपये की लागत आएगी।