Himachal’s first flower market-फूल मंडी परवाणु में हिमाचल प्रदेश के किसानों का फूल महकने लगा है (The smell of blooming flowers)। इससे जहां किसान खुश हैं तो वहीं व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। 15 मई से शुरू हुये विभिन्न फूलों के व्यापार ने अब धीरे-धीरे तेज़ी पकड़ना शुरू कर दिया है।
पहुंच रहे कालका-चंडीगढ़ के व्यापारी

कालका और पिंजौर समेत चंडीगढ़ के व्यापारी भी इस फूल मंडी में खरीददारी के लिये जा रहे हैं। दूसरी ओर प्रदेश के फूल उत्पादकों को इस बार चिलचिलाती गर्मी में बिक्री के लिए बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ रहा है। फिलहाल मंडी में गेंदा, कार्निश और ग्लेडियेला जैसे फूल पहुंच रहे हैं।
क्या कहते हैं कारोबारी

देव शिरगुल फ्लावर कंपनी के व्यापारी रूपेन्द्र सिंह के मुताबिक मंडी नयी है लेकिन जिस तरह से किसानों में इसके शुरू होने से उत्साह है उससे कारोबार में तेज़ी की उम्मीद है। सिंह के मुताबिक मंडी में कारनेशन और परसेंटियम (prezentium flower) के सैकड़ों बॉक्स एक दिन में उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फूल मंडी परवाणु का प्रदेश के सैकड़ों किसानों को लाभ मिलेगा, किसानों का ट्रांसपोर्ट खर्चा बचेगा, वहीं दिल्ली में फूलों पर लगने वाले दस फीसदी कमीशन से भी छुटकारा मिलेगा।
क्या कहते हैं प्रभारी

फूल मंडी के प्रभारी राजेश शड़ैक का कहना है कि मंडी में अभी तक निर्माण कार्य भी जारी है, व्यापार शुरुआती चरण में है लिहाज़ा कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के लिये अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा। मंडी के व्यापारियों द्वारा दिये गये मांगपत्र पर काम किया जा रहा है। जल्दी ही यहां और अधिक सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी।
व्यापारियों ने फूल मंडी के खिलाफ किये जा रहे दुष्प्रचार परभी नाराज़गी जतायी।
नेगेटिव न्यूज़ न फैलायें

मंडी में कारोबार कर रहे प्रदीप हाब्बी ने मीडिया में मंडी के खिलाफ प्रकाशित नेगेटिव न्यूज़ पर आपत्ति जताते हुये कहा कि यह किसानों और व्यापारियों को निराश करने वाला है। उनका कहना है कि कारोबार शुरू होने से पहले ही सुविधाओं की कमी का रोना रोकर मीडिया में नेगेटिव प्रचार किया जा रहा है जिसकी वजह से किसान निराशा हो रहे हैं। उन्होंने हाल ही फैलायी गयी मंडी में शौचालय और पानी की कमी की नेगेटिव न्यूज़ को भी गलत बताया।