Himachal paper leak case-हिमाचल प्रदेश में हुए बहुचर्चित पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा की जांच सीबीआई करेगी। इस मामले के तार देश के 10 राज्यों से जुड़े होने के चलते प्रदेश सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने को आज हरी झंडी दे दी। मामले की सीबीआई जांच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में एक पत्रकार सम्मेलन में घोषणा की। इस मामले में अभी तक 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें दो अभिभावक भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में 10 आरोपी बाहरी राज्यों के हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच आरंभ होने तक एसआईटी जांच जारी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में एसआईटी ने एक आरोपी बहादुर सिंह को बनारस और एक अन्य अमन को बिहार से गिरफ्तार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी ने इस मामले में अब तक 73 गिरफ्तारियों की हैं। इनमें परीक्षा देने वाले 38 अभ्यर्थी भी हैं। अभ्यर्थियों को तकनीकी तौर पर गिरफ्तार किया गया है। दो अभ्यर्थियों के पिता को भी गिरफ्तार किया गया है। मामले में एसआईटी ने प्रदेश के बाहर के 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि पेपर लीक मामले में 8.49 लाख की नगदी जब्त की गई। इसके अलावा अभ्यर्थियों के 10 वीं व 12 वीं के कुछ सर्टिफिकेट, एक स्विफ्ट कार, 15 मोबाइल व लैपटॉप भी एसआईटी ने अपने कब्जे में लिए हैं।
Himachal paper leak case-साधारण सवाल के जवाब भी नहीं आए अभ्यार्थियों को
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक मामले में जांच के दौरान परीक्षा में अच्छे अंक लेने वाले अभ्यर्थियों को रैंडम आधार पर चयनित कर उनसे प्रश्न पूछे। मगर हैरानी की बात यह है कि परीक्षा में 70 अंक लेने वाले अभ्यर्थियों को प्रदेश से जुड़े साधारण सवालों के जवाब भी नहीं आरहे थे। लिहाजा शंका गहरा गई। और सरकार ने परीक्षा को रद्द किया।
पुलिस विभाग में भर्ती घोटाले से हिमाचल कलंकित हुआ : मुकेश अग्निहोत्री
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम जयराम ठाकुर से इस्तीफे मांगा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, ऐसे में पुलिस भर्ती घोटाला होने पर सीएम की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने पद से इस्तीफा दें। साथ ही उन्होंने मामले की ज्यूडीशियल या सीबीआई जांच की मांग की है। यहां पत्रकार वार्ता में अग्निहोत्री ने कहा कि अब तक का यह प्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती घोटाला है। सरकार एसआईटी गठित कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है। सीएम जल्द दोबारा पेपर कराने की कोशिश में हैं ताकि मामला ठंडा पड़ जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईटी में उन्हीं अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन पर पेपर कराने की जिम्मेदारी थी, ऐसे में मामले की सही जांच होगी, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जांच इस बात की हो रही है कि पेपर को खरीदा किसने जबकि जांच होनी चाहिए कि पेपर बेचा किसने? अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में पर्चा लीक (Himachal paper leak case) गैंग सक्रिय है। मुकेश ने आरोप लगाया कि पेपर को 6 से 8 लाख में बेचा गया था। तकरीबन 2000 छात्रों तक यह पेपर पहुंचाया गया। इस पूरे मामले में तकरीबन 100 करोड रुपए का आदान-प्रदान हुआ है।
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