Herbs that will take care of your health-घर के गमलों में या किचन गार्डन में हम कई तरह के हर्ब्स लगाते हैं लेकिन उनकी सही जानकारी कई बार हमें नहीं होती। आम पौधे लगाने से अच्छा है कि मेडिसिनल वैल्यू वाले कुछ पौधे गमलों में लगाएं और उनके बारे में जानकारी भी रखें। हम आपको कुछ हर्ब्स की जानकारी दे रहे हैं।
Kulfa or Luna
Poorcula Succulent Family का कुल्फा पौधा अक्सर दिखाई दे जाता है। इसकी पत्तियों में औमेगा-3 बहुत ज्यादा मात्रा में मिलता है। इसकी सब्जी या सूप भी बनाया जाता है। अगर आपको औमेगा-3 चाहिए, तो रिफाइंड की जगह आसपास मिलने वाली इस घास का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेेशियम जैसे पौष्टिक तत्व भी मिलते हैं। इस पौधे को अपने बागीचे में कटिंग या बीज से आसानी से उगा सकते हैं। यह भी पढ़ें: सुपरफूड रामदाना
अकरकरा-Anacyclus Pyrethrum

इसमें छोटे-छोटे पीले रंग के फूल भी आते हैं। यह पौधा नमी वाली जगह पर आसानी से उग जाता है। अगर आपके मुंह में छाले हैं, दांत या सिर में दर्द हो तो इसके फूल को हल्का-सा मसलकर प्रभावित जगह पर रखने से आराम मिलता है। यह पौधा कटिंग से भी आसानी से लगाया जा सकता हैै।
bhringraj

सिर में लगाए जाने वाले भृंगराज तेल से तो सभी वाकिफ होंगे। इसके छोटे-छोटे पौधे नमी वाली जगहों या बागीचे में क्यारियों के पास आसानी से मिल जाते हैैं।
लेकिन जानकारी न होने के कारण जंगली पौधे मानकर अक्सर निकाल दिया जाता है। इसमें छोटे-छोटे सफेद, पीले और नीले फूल आते हैं। इसके पत्तों को हल्का-सा पीसकर बालों में लगाना फायदेमंद है।
भूमि आंवला

इसके छोटे-छोटे पौधे घास के रूप में गमलों मे भी आसानी से मिल जाते हैं। इसकी पत्तियों के रस का उपयोग फैटी लिवर, पीलिया जैसी बीमारियों की मेडिसिन में किया जाता है। इनके पत्तों के रस को रेगुलर पीना फायदेमंद होता है। इसे च्यवनप्राश में भी इस्तेमाल किया जाता है। पत्तों के रस को घमौरी पर लगाने से आराम मिलता है।
Herbs that will take care of your health-चिरचिटा के गुण

इसके पौधों के ऊपर लंबी डंडी होती है जिसमें छोटे-छोटे फल लगते हैं जिनके पास से गुजरने पर आपके कपड़ों पर चिपक जाते हैं। इसके पत्तों के पेस्ट का प्रयोग किडनी, पाइल्स, फोड़े-फुंसियों में किया जाता है। पत्तों के काढ़ा खांसी में लाभदायक होता है। इसकी जड़ों का उपयोग सप्ताह में एक बार दातून की तरह करने से दांत दर्द, पायरिया जैसी समस्या में असरदार है।
पुनर्नवा

इसके पत्तों का पाउडर कैप्स्यूल, टैबलेट के रूप में मिलता है। इनमें पोटेशियम नाइट्रेट और हाइड्रोक्लोराइड बहुत ज्यादा मात्रा मे होता है।
किडनी में कोई समस्या होने, यूरिन इंफेक्शन में फायदेमंद है। लिपिड या कोलेस्ट्राॅल का लेवल कंट्रोल करता है। पत्तों में पाया जाने वाला मैगनीशियम ब्लड प्रेशर में उपयोगी है। एंटी एजिंग गुणों के कारण पत्तों का लेप असरदार है। यह पौधा जमीन से चिपका होता है और बहुत छोटे फूल भी होते हैं।
दूर्वा घास

आसानी से मिलने वाली दूब घास (Doorva) पर पड़ी ओस पर सुबह नंगे पैर चलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। घास को पीसकर बने पेस्ट को पैरों के तलवों पर लगाने से स्ट्रेस कम होता है। सिरदर्द में इस पेस्ट में थोडा-सा चूना मिलाकर लगाना फायदेमंद है। नकसीर की समस्या में इसके रस की 3-4 बूंद डालें। मुंह के छाले हों तो दूब घास चबाकर थूक दें और ठंडा पानी पिएं। एसिडिटी या अल्सर के लिए खाली पेट घास का एक चम्मच रस पीकर उसके ऊपर पानी पीना फायदेमंद है।
पुलियारी-

बहुत आसानी से मिल जाते हैं। इसमें छोटे-छोटे पीले रंग के फूल आते हैं। इसके पत्तों का स्वाद थोड़ा खट्टा होता है जिनसे चटनी भी बनाई जाती है। ये विटामिन सी और कैल्शियम का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। खूनी दस्त में इसके 15-20 पत्तों का रस पीना फायदेमंद है। चोट लगने की वजह से सूजन हो गई हो, तो पत्तों का पेस्ट लगाने से आराम मिलता है। पेट से जुड़ी समस्या में चटनी खाई जा सकती है। किडनी में स्टोन की समस्या होने पर इन्हे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।