Google का दावा- सिंगल बेंच ( Single Bench) के एक आदेश को अमेरिकी कंपनी गूगल एलएलसी (American company Google LLC) ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। गूगल एलएलसी ने दावा किया है कि डिजिटल मीडिया के लिए लागू Information Technology (आईटी) के नियम उसके सर्ज इंजन पर लागू नहीं होते। कंपनी ने एकल जज की उस टिप्पणी को भी हटाने का अनुरोध किया। जिसमें कहा गया है कि गूगल एक ‘सोशल मीडिया मध्यस्थ’ (‘social media mediator’) है। गूगल ने कहा कि वह मध्यस्थ (Mediator) है, लेकिन ‘social media mediator’ नहीं है।
Google का दावा

इंटरनेट पर Objectionable Content आपत्तिजनक सामग्री के एक मामले की सुनवाई के दौरान Single Judge ने गूगल पर इन नियमों को लागू किया था। एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील सामग्री दिखाने वाली वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं। उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद इंटरनेट से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था। इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था।
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Internet Service Providers Association को नोटिस जारी
बुधवार को गूगल की अपील पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Internet Service Providers Association of India), फेसबुक (Facebook), अश्लील सामग्री दिखाने वाली वेबसाइट और उस महिला को नोटिस जारी किए, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश (Single Judge) ने आदेश जारी किया था।
Google का दावा कितना सही ?
पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक जवाब देने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने कहा कि वह इस चरण कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।
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