घर-घर राशन पर केन्द्र और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने-सामने हैं। सीएम केजरीवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि केंद्र ने उनकी सरकार की ‘घर-घर राशन’ योजना को क्यों रोका। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ‘घर-घर राशन’ योजना सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होनी चाहिए, क्योंकि राशन की दुकानें ‘सुपरस्प्रेडर’ हैं।
घर-घर राशन पर केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा—
केजरीवाल ने डिजिटल पत्रकार वार्ता में कहा, ‘पिछले 75 साल से गरीब जनता राशन माफिया का शिकार होती आई है। घर-घर राशन व्यवस्था लागू हो जाती तो यह माफिया खत्म हो जाता। देखिए यह राशन माफिया कितना ताकतवर निकला, योजना लागू होने से एक हफ्ते पहले इसे खारिज करवा दिया।’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने ‘घर-घर राशन’ योजना के लिए केंद्र सरकार से 5 बार मंजूरी ली है। मार्च में केंद्र ने जो आपत्तियां लगाई थीं, उन्हें मान लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘लोग पूछ रहे हैं जब पिज्जा, बर्गर, स्मार्ट फोन और कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो राशन को घर क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता।’
विपक्षी दलों की सरकारों से लड़ने का आरोप लगाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन दुकानदार इस योजना के खिलाफ उच्च न्यायालय से स्थगन लेने गए थे, लेकिन वहां से उन्हें कामयाबी नहीं मिली तो केंद्र सरकार इस पर कैसे स्थगन लगा सकती है? उन्होंने कहा कि अदालत में चल रहे मामले में केंद्र सरकार भी एक पक्ष है और उसने वहां एक भी आपत्ति नहीं की है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों की सरकारों से लड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इतने मुसीबत के समय आप (केंद्र) ममता दीदी से, झारखंड सरकार से, लक्षद्वीप के लोगों से, महाराष्ट्र सरकार से, दिल्ली के लोगों से और किसानों से लड़ रहे हैं।’
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घर-घर राशन पर केंद्र ने बड़ा घोटाला होने से रोका : भाजपा
भाजपा ने केजरीवाल की ‘घर-घर राशन’ पहुंचाने की योजना पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए दावा किया कि ऐसा कर उसने एक ‘बड़े घोटाले’ को होने से रोक लिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस योजना के जरिए दिल्ली सरकार की मंशा गरीबों के नाम पर मिले राशन को ‘डायवर्ट’ कर घोटाला करने की थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘आज यह घोटाला होने से रुक गया। मुझे लगता है कि दिल्ली की जनता के लिए बहुत राहत का विषय है।’
योजना केन्द्र सरकार की-बीजेपी
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खद्यान्न सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना द्वारा अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया जा रहा है। पात्रा ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गेहूं पर दिल्ली सरकार मात्र 2 रुपये प्रति किलो अदा करती है, जबकि केंद्र सरकार 23.7 रुपये प्रति किलो। इसी प्रकार चावल पर राज्य सरकार मात्र 3 रुपये प्रति किलो और केंद्र सरकार 33.79 रुपये प्रति किलो अदा करती है। उन्होंने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल जी इसके अतिरिक्त भी राशन बांटना चाहते हैं तो इसके लिए वह राशन खरीद सकते हैं।’
घर-घर राशन पर केजरीवाल और केंद्र में ठनी
पात्रा ने दावा किया कि यदि केंद्र सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दे दी होती तो दिल्ली की जनता को 8 से 10 गुना ज्यादा दर पर गेहूं और चावल मिलता। राशन की दुकानों को केजारीवाल द्वारा ‘सुपरस्प्रेडर’ बताने पर आपत्ति जताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि धरने पर बैठे किसान उन्हें ‘सुपरस्प्रेडर’ नहीं लगते, लेकिन दुकानदार उन्हें ‘सुपरस्प्रेडर’ लगते हैं।