जम्मू-कश्मीर में पाक सीमा क्षेत्र में Military Bases के आसपास लगातार चौथे दिन फिदायीन ड्रोन नज़र आए। सुरक्षाबल पिछले 4 दिन से जमीन पर आतंकियों तथा आसमान में ड्रोनों को तलाश कर रहे हैं। जम्मू के कालूचक्क में गोस्वामी एन्क्लेव के समीप स्थित मिलिट्री स्टेशन और एयरफोर्स सिग्नल के ऊपर बुधवार तड़के 4.40 और 4.52 बजे करीब 600 मीटर की ऊचाई पर ड्रोन मंडराते दिखे। इधर राजौरी में सेना ने तुरंत प्रभाव से ड्रोन उड़ाने, बेचने, खरीदने और कहीं ले जाने से लेकर इससे जुड़े उपकरण की सेल-परचेज़ पर रोक लगा दी है। (Rajouri district of Jammu & Kashmir has imposed a ban on the storage, sale, possession, use, and transportation of drones with immediate effect)
Military Bases के आसपास मंडरा रहे हैं ड्रोन

हालांकि, इसकी अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार, बुधवार तड़के 2 बार ड्रोन मंडराते देखे गए। इस क्षेत्र में सोमवार से हाई-अलर्ट है। सुबह जिस समय जवानों ने ड्रोन मंडराते देखे तो उन्होंने उस पर फायरिंग भी की। बीएसएफ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ड्रोन देखे गए हैं, जबकि पुलिस में इस संबंध में मामला दर्ज नहीं किया है। इस बीच, सुरक्षाकर्मियों को हवा में किसी भी संदिग्ध वस्तु को देखते ही उसे मार गिराने को कहा गया है। ड्रोन हमले की चुनौती से निपटने के लिए सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में नयी रणनीति बनाई गई है।
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एयर डिफेंस सिस्टम को चाक-चौबंद किया गया
सूत्रों ने बताया कि एलओसी समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम को चाक-चौबंद किया गया है। आईजी कश्मीर विजय कुमार ने ड्रोन हमले से पैदा हालात पर चिनार कोर मुख्यालय में हुई बैठक की पुष्टि की है।

राजौरी में ड्रोन पर बैन
जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीमावर्ती जिले राजौरी में बुधवार को ड्रोन मशीनों के भंडारण, बिक्री, परिवहन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। राजौरी के जिलाधिकारी राजेश कुमार शवन ने इस संबंध में आदेश जारी किया। अगर किसी के पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं तो उन्हें थाने में जमा करना होगा।