डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) अभी देश के 12 राज्यों तक पहुंच चुका है। देशभर में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले सामने आए हैं। लेकिन इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने से संक्रमण को लेकर आशंका बनी हुई है। लिहाजा राज्यों की सरकारें इसके प्रसार को रोकने की कोशिश कर रही हैं।
फेफड़ों के लिये संक्रामक
कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ‘डेल्टा प्लस’ का फेफड़ों के लिये घातक है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इससे ज्यादा गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है। इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पायी है कि यह ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्य समूह (एनटीएजीआई) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने यह बात कही।
कोरोना वायरस का Delta Plus Variant क्या है?
- 1.B.617.2 जो म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में बदल गया
- 2.दुनिया के कई देशों में पाया जा चुका है डेल्टा प्लस वेरियंट
- 3.डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ने का बाद बना डेल्टा प्लस
- K417N द. अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट में मिला
- ब्राज़ील में पाए गगए गामा वैरिएंट में भी डेल्टा प्लस मिला
- वैज्ञानिक कर रहे हैं जीनोम सीक्वेंसिंग
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85 देशों में Delta Plus Variant मिल चुका है

अरोड़ा ने कहा कि कुछ और मामलों की पहचान के बाद डेल्टा प्लस (B.617.2 जो म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में बदल गया) के असर के बारे में तस्वीर ज्यादा स्पष्ट होगी, लेकिन ऐसा लगता है कि टीके की एक या दोनों खुराक ले चुके लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण दिखते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें इसके प्रसार पर बहुत करीबी नजर रखनी होगी ताकि इससे फैलने वाले संक्रमण का पता चले।’ अरोड़ा ने कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के जितने मामलों की पहचान हुई है, उससे ज्यादा मामले हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे कई लोग हो सकते हैं जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं हो और वे संक्रमण का प्रसार कर रहे हों।
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कोरोना का डेल्टा वेरियंट हो सकता है हावी-WHO

उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि जीनोम अनुक्रमण का काम तेज हुआ है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्यों को पहले ही बता दिया गया है कि यह चिंताजनक स्वरूप है और इसके लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। इससे कई राज्यों ने पहले से ही उन जिलों के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं, जहां वायरस की पहचान की गई है ताकि उनके प्रसार को नियंत्रित किया जा सके। निश्चित रूप से इन जिलों में टीकाकरण बढ़ाना होगा।’
11 जून को हुई Delta Plus Variant की पहचान
कोरोना वायरस के नये स्वरूप डेल्टा प्लस की पहचान 11 जून को हुई थी। हाल में इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ के तौर पर वर्गीकरण किया गया। देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के 51 मामले आ चुके हैं। इस स्वरूप से संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं।