खतरनाक साबित हो रहा है कोविड का डेल्टा वेरियंट। ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे पहले भारत में पाए गए कोविड-19 डेल्टा वेरिएंट या चिंताजनक वेरिएंट (वीओसी) बी1.617.2, ब्रिटेन में पाए गए अल्फा स्वरूप से लगभग 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। यह टीकों की प्रभावशीलता को भी कुछ हद तक कम कर देता है। साप्ताहिक आधार पर वीओसी का पता लगा रहे पब्लिक हेल्थ इंगलैंड (पीएचई) ने कहा कि देश में डेल्टा वीओसी के मामले 29,892 की वृद्धि के साथ 42,323 तक पहुंच गए हैं। इसमें लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

क्या है खतरनाक साबित हो रहा कोरोना का डेल्टा वेरियंट
- दुनिया के करीब 53 देशों में मिल चुका है Delta Variant
- वैक्सीन के दोनों डोज़ के बाद भी हो रहा डेल्टा
- डेल्टा वैरिएंट बहुत खतरनाक-एम्स
- वायरल लोड भी बहुत ज्यादा
- डेल्टा वैरिएंट को लेकर एम्स की एक नई रिसर्च
- वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 60% लोगों में मिला
- बी.1.167.2 वैरिएंट का नाम है ‘डेल्टा वैरिएंट’
- डेल्टा वेरियेंट वैक्सीन के असर को कम करता है, खत्म नहीं
- कोविड के खिलाफ वैक्सीन सबसे कारगर हथियार
ब्रिटेन में फिलहाल कोविड-19 के 90 प्रतिशत से नए मामले डेल्टा वेरिएंट के
ताजा आंकड़े यह भी बताते हैं कि ब्रिटेन में फिलहाल कोविड-19 के 90 प्रतिशत से नए मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं, जिनकी वृद्धि दर इंगलैंड के केंट क्षेत्र में पहली बार पहचाने गए अल्फा वीओसी की तुलना में काफी ऊंची देखी जा रही है। साथ ही यह वेरिएंट अब तक देश में प्रभुत्व जमाए हुए है।
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60 प्रतिशत अधिक संक्रामक है, खतरनाक साबित हो रहा डेल्टा
पीएचई ने अपने ताजा विश्लेषण में कहा, ‘पीएचई के नए अध्ययन बताते हैं कि डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। सभी क्षेत्रों में डेल्टा के मामलों की वृद्धि दर ऊंची है। स्थानीय आकलन के अनुसार इनकी संख्या 4.5 से 11.5 दिन के बीच दोगुनी हो जाती है।’