Children of Punjab trapped in Ukraine- यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे जिले के पांच विद्यार्थी वहां एक बंकर में फंस हुए हैं। इन विद्यार्थियों में तीन छात्राएं तथा दो छात्र हैं। डाक्टर बनने की ख्वाहिश लेकर यूक्रेन के सूमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गईं कपूरथला की रहने वाली की तीन छात्राएं व दो छात्र अब हॉस्टल में बने बंकर में छिपकर रहने को मजबूर हैं। सूमी स्टेट मेडिकल यूनिर्वसिटी रूस के बार्डर के 40 किलोमीटर की दूर है। सुल्तानपुर लोधी के गांव हैबतपुर की गुरलीन कौर के पिता सुखविदर सिंह व मुस्कान थिंद गांव पंडोरी के पिता दलविंदर सिंह ने बताया कि उनकी बेटी को 26 फरवरी को भारत लौटना था।
Children of Punjab trapped in Ukraine

फ्लाइट रद्द होने के कारण वह अब कालेज में बने बंकर में ही रह रही हैं। भारत सरकार उनकी वापसी के प्रबंध हंगरी बार्डर से कर रही है जबकि हंगरी बार्डर सूमी स्टेट मेडिकल यूनिर्वसिटी से 1200 किलोमीटर दूर है। सड़क के रास्ते पर आने के लिए कहा गया है, लेकिन सड़क के रास्ते पर काफी खतरा होने के चलते बच्चों को सरकार द्वारा पुख्ता प्रबंध न होने के चलते कालेज में ही रहने को कहा गया है। वीडियो कॉल के जरिये स्वजनों को यूक्रेन में हो रही तबाही की दास्तां बयां करने के बाद स्वजन काफी ज्यादा खौफ में हैं और बच्चों के सही सलामत वापस वतन लौटने की भगवान से प्रार्थना कर रहे है।
खारकीव यूनिवर्सिटी में फंसी सिमरनजीत कौर
खारकीव यूनिवर्सिटी में फंसी सिमरनजीत कौर पुत्री सुरजीत कुमार निवासी शालापुर बेट व गुरप्रीत सिंह पुत्र श्याम सिंह निवासी गांव भैनी हुसैन व अमृतपाल सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी गांव परमजीतपुर सुल्तानपुर लोधी हॉस्टल में बने बंकर में रह रहे हैं। सरकार ने उनको कालेज में बने बंकरों में ही बंद रहने के लिए कहा है। हालांकि उनको भारतीय दूतावास की तरफ से जल्द ही भारत भेजने का आश्वासन दिया गया है। पांचों विद्यार्थियों के स्वजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। कपूरथला के पुराना अस्पताल में रहने वाले दंपति अग्रवाल ने बताया कि उनकी बेटी नवी अग्रवाल व उसकी कजिन साफिया अग्रवाल दोनों 2016 में यूक्रेन गईं थीं। उनकी बेटी ने बताया कि जब वह सुबह उठी तो बम धमाकों की आवाजें आ रही थी। इसी तरह युवती रश्मि, रिद्धि, शिवांग शर्मा निवासी कपूरथला के अभिभावकों ने भारत सरकार से अपील की है कि उनकों बच्चों को जल्द से जल्द वापस अपने वतन लाया जाए।
मदद के लिए हेल्प डेस्क
डीसी उप्पल ने बताया कि प्रशासन की ओर से यूक्रेन में फंसे कपूरथला जिले से सबंधित लोगों व विद्यार्थियों की मदद के लिए स्थापित किए हेल्प डेस्क के जरिए वहां फंसे 21 लोगों के बारे में जानकारी मिली है।