Children of 3.5 to 4 feet get admission in this school- क्या आपने सुना है कि किसी एक स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों की राइटिंग एक जैसी हो सकती है। सबकी हाईट भी एक जैसी है और यही उस स्कूल का मानक भी कि इसी के आधार पर उन्हें दाखिला मिलेगा। हम आफको बता रहे हैं बिहार के एक ऐसे ही स्कूल के बारे में। बिहार के गया जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर नीमचक बथानी प्रखंड के झरना सरेन गांव में 21 वर्षों से गौतम बुद्ध शिक्षण संस्थान स्कूल है। इस विद्यालय की खास बात यह है कि यहां सभी बच्चों का नामांकन नहीं होता है बल्कि इसके लिए एक मानक निर्धारित है।
दाखिले के मानक हैं अजीब
यही वह मानक हैं जिसे आप सुनकर हैरान हो जाएंगे। यहां वैसे ही बच्चों का नामांकन होता है जिनकी हाइट 3.5 फीट से लेकर 4 फीट तक होती है। यहां पढ़ने वाले बच्चों की खासियत है कि सबकी हैंडराइटिंग एक जैसी होती है। सभी बच्चे हिंदी, इंग्लिश या फिर गणित, सब एक जैसी लिखावट में लिखते हैं।
लिखावट देखकर सब हैरान

सभी बच्चों की हाईट और लिखावट एक जैसी तो है ही साथ में शब्दों को बनाने की शेप इतनी सुंदर है कि हर कोई उसे देखकर हैरान हो जाता है। बताया जाता है कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी कभी-कभी हैंडराइटिंग देखकर कन्फ्यूजन (Confusion seeing handwriting) हो जाते हैं। कॉपी जांच करते हैं तो उन्हें नाम देखना पड़ता है, क्योंकि नाम नहीं देखेंगे तो कन्फ्यूजन हो सकता है। लिखावट देखकर आम इंसान को तो धोखा खा जाना बिलकुल लाजिमी है। स्कूल के प्राचार्य चंद्रमौली प्रसाद यहां की पढ़ाई और राइटिंग देखकर हर कोई तारीफ किये बगैर नहीं रह पाता है।
Children of 3.5 to 4 feet get admission in this school-प्रिंसिपल को दिए जा चुके हैं कई अवॉर्ड
स्कूल के प्राचार्य चंद्रमौली प्रसाद ने बताया कि एक समान हैंडराइटिंग होना संभव है। इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों पर काफी मेहनत करनी होती है, ताकि यह बच्चे सुंदर लिखावट लिख सकें। क्योंकि आजकल ज्यादातर स्कूल में सीधे कॉपी पर लिखाया जाता है, लेकिन यहां पहले स्लेट पर अभ्यास कराया जाता है। इसके बाद कॉपी और पेंसिल, फिर कलम दी जाती है। बच्चों की राइटिंग भी ऐसी होती है जिसे देखकर कोई भी दंग रह जाएगा। बताया जाता है कि इस अनूठी पहल के लिए प्राचार्य को कई प्रशस्ति पत्र भी दिए जा चुके हैं।
यह भी पढ़ें: शब्दों से खेलना जानते हैं तो कंटेंट राइटिंग में बनाएं करिअर