मुख्यमंत्री योगी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे। उत्तर प्रदेश में साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा की तैयारियों के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के सह-सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल व कई पदाधिकारी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर आयोजित दोपहर भोज में शामिल हुए। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मनमुटाव की खबरें कई बार आ चुकी हैं. यह पूरा मामला दिल्ली दरबार में भी पहुंचा था। ऐसे में सीएम योगी का इसमें शांमिल होना कई संदेश दे रहा है। आधिकारिक तौर पर यह भोज उप मुख्यमंत्री मौर्य ने पिछली 22 मई को संपन्न हुए अपने पुत्र योगेश मौर्य के विवाह के उपलक्ष्य में दिया था लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और इसकी कई वजहें गिनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी उपमुख्यमंत्री मौर्य के बेटे के विवाह भोज में आये
पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी हाईकमान यूपी चुनाव को लेकर सजग हो गया और नाराज नेताओं के साथ सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों के मनमुटाव..की खबरें कई बार आ चुकी हैं। यह पूरा मामला दिल्ली दरबार में भी पहुंचा था. इसी कड़ी में पहले आरएसएस के दत्तात्रेय होसबाले और फिर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने यूपी का दौरा किया। बीएल संतोष ने लखनऊ में तीन दिन तक बैठक की थी और केशव प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी
दोनों के बीच मतभेद हैं जगजाहिर

इसके बाद दिल्ली हाईकमान से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद लखनऊ आते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक नियुक्तियां शुरू कर दी थीं। इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बयान दे दिया कि 2022 का चुनाव बीजेपी योगी आदित्यनाथ के फेस पर लड़ेगी। इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सीएम का फेस दिल्ली तय करेगा>
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मुख्यमंत्री योगी उपमुख्यमंत्री के घर साढ़े चार साल में पहली बार आये
यह दावा किया जा रहा है कि 5, कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहने वाले मुख्यमंत्री पिछले साढ़े चार साल में मौर्य के सरकारी आवास पर पहली बार गये। योगी और केशव मौर्य के बीच कथित राजनीतिक मतभेद की खबरें भी समय-समय पर मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं।
2017 के चुनाव में सीएम पद के दावेदार थे मौर्य

दरअसल, 2017 में जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुआ तब मौर्य भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। अचानक गोरक्षपीठ के महंत और गोरखपुर से पांच बार के सांसद आदित्यनाथ को भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री घोषित कर दिया और बाद में उनके विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता हुई। इधर, पिछले एक माह से उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहा हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर विराम लगा दिया।
मुख्यमंत्री योगी उपमुख्यमंत्री मौर्य के बीच सब ठीक है?
अब ताजा प्रकरण में मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह गोपाल, क्षेत्र प्रचारक अनिल और प्रांत प्रचारक कौशल के मंगलवार को उप मुख्यमंत्री मौर्य के आवास पर जाने को लेकर चर्चाओं को हवा मिली और इसे रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने के तौर पर भी देखा गया।