Cement dispute not resolved-हिमाचल प्रदेश में एसीसी और अंबुजा सीमेंट कारखानों और ट्रक ऑपरेटरों के बीच चल रहा विवाद 62 दिन बाद भी नहीं सुलझ पाया है और कारखानों में तालाबंदी जारी है।
ट्रक ऑपरेटरों और अडाणी समूह के प्रतिनिधियों के बीच प्रदेश सरकार द्वारा आज शिमला में आयोजित बैठक बेनतीजा रही। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अडाणी समूह जहां 8 से 10 रूपये प्रति किलोमीटर प्रति टन किराया
देने पर अड़ा हुआ है, वहीं ट्रक ऑपरेटर 10.70 रुपये किराया मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में मध्यस्थता की भूमिका निभा रही है और विवाद सुलझाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि सीमेंट कारखाने बन्द रहने से सरकार को प्रतिदिन दो करोड़ का नुक्सान हो रहा है और सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही है।
Cement dispute not resolved-
दूसरी ओर ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अडाणी अपनी मनमानी कर रहा है और तय दाम से कम रेट दे रहा है जो उनको मान्य नहीं है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि वैसे तो 13.20 रुपए के हिसाब से प्रति किलोमीटर रेट होना चाहिए, लेकिन सरकार की मध्यस्थता के बाद ट्रांसपोर्टर 10.70 रुपए प्रति किलोमीटर की दर पर मान गए थे लेकिन अब अडाणी समूह इससे भी कम 8.30 रुपए से दस रुपये देने की बात कर रहा है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि 6 महीने भी ट्रक खड़े करने पड़े तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। अडाणी जब तक मांगे नहीं मानता है सीमेंट प्लांट नहीं चलने दिए जायेंगे।
Cement dispute not resolved-अल्ट्राटेक के ट्रक ऑपरेटर भी आये समर्थन में
इस बीच अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से जुड़ी जेपी ट्रांसपोर्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने एसीसी और अंबुजा सीमेंट कारखानों के ट्रक ऑपरेटरों के आंदोलन का समर्थन किया है। सोसायटी के महासचिव दौलत सिंह ठाकुर ने कहा कि इन कारखानों के ट्रक ऑपरेटरों को भी अल्ट्राटेक के समान मालभाड़ा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने इस विवाद को तुरंत हल नहीं किया तो अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट के ट्रक ऑपरेटर प्रदेश सरकार के कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले सीमेंट की ढुलाई का कार्य बंद कर देंगे।