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New cell therapy for Osteoarthritis – उपचार के लिए इंजेक्शन से दी जाने वाली नयी कोशिका थैरेपी विकसित

New cell therapy for Osteoarthritis
New cell therapy for Osteoarthritis

New cell therapy for Osteoarthritis-वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)के उपचार के लिए एक इंजेक्शन से दी जाने वाली नयी कोशिका थैरेपी विकसित की है जो उनके मुताबिक सूजन कम करती है और उपास्थियों (cartilages) को फिर से विकसित करती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से दुनियाभर में 52 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं जिन्हें दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। जोड़ों में किसी चोट की वजह से उपास्थि (cartilage) के चोटिल होने के कारण यह समस्या पैदा होती है जिसे प्राकृतिक तरीके से सुधारा नहीं जा सकता।


New cell therapy for Osteoarthritis-

अमेरिका स्थित वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रिजेनरेटिव मेडिसिन (WFIRM) की प्रमुख लेखक जोहन्ना बोलांडर ने कहा, ‘हमने देखा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) में जोड़ों में क्या समस्या होती है, हमने इसकी तुलना सामान्य स्थिति से की और एक इम्युनोथैरेपी सेल उपचार पद्धति विकसित करने के लिए इस सूचना का उपयोग किया।’ ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों से जुड़ी बीमारी है। जोड़ में एक श्लेष झिल्ली (Synovial membrane) होती है। यह एक connective tissue होता है जो जोड़ की आंतरिक सतह को विभाजित करता है। झिल्ली जोड़ की रक्षा का काम करती है और एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने और Friction-free activity प्रदान करने के लिए जरूरी कोशिका तत्वों से भरे एक Lubricating liquid को अलग रखती है।

Science Advances’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन

सह-अध्ययनकर्ता गैरी पोलिंग ने कहा कि चोट लगने पर श्लेष झिल्ली में सूजन आ जाती है और उपास्थि को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, ‘समय के साथ सूजन बढ़ जाती है और जोड़ की हड्डियों की परत के रूप में काम करने वाली उपास्थि क्षतिग्रस्त हो जाती है तथा आसपास के ऊतकों में सूजन बढ़ जाती है। रोगियों को इस स्थिति में बहुत दर्द होता है, सूजन होती है और कई बार दैनिक गतिविधियां अवरुद्ध हो जाती हैं।’ ‘Science Advances’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ में ऐसा क्या हो रहा है जो सुधार प्रक्रिया को रोकता है।

Try healthy Mexican dishes – घर पर आसानी से बना सकते हैं ये विदेशी व्यंजन

Try healthy Mexican dishes
Try healthy Mexican dishes

Try healthy Mexican dishes – रोज-रोज भारतीय व्यंजन खाकर बोर हो गए हैं, वीकेंड में जीभ का स्वाद बदलने के लिए मैक्सिकन फूड अपनी रसोई में ही बना सकते हैं। इनकी रेसिपीज के लिए बींस, लाल और हरी मिर्च, काली और लाल बीन्स, स्वीटकॉर्न, गोभी, मूली, धनिया और नींबू जैसी कई ताजी और तीखी सब्जियों का उपयोग होता है। इन सब्जियों की मदद से आप मैक्सिकन टैकोस, मैक्सिकन राइस, मैक्सिकन बुरितोस जैसे लजी़ज़ मैक्सिकन फूड्स बना सकते हैं। मैक्सिकन फ्राइड बींस रेसिपी भी बहुत सरल है। इसको टमाटर साल्सा के साथ पेयर किया जा सकता है।

ताजा सब्जियों का कमाल

पारंपरिक मेक्सिको रेसिपीज़ अपने हेल्दी तत्वों और प्रत्येक व्यंजन में ताजी सब्जियों के लिए जानी जाती हैं। इसमें बींस का इस्तेमाल आमतौर पर टेस्टी मैक्सिकन डिश बनाने में किया जाता है। बींस प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो खाने को टेस्टी बनाने के साथ-साथ एक अलग टेक्स्चर प्रदान करते हैं। आप नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के तौर पर भी मेक्सिकन व्यंजन का स्वाद ले सकते हैं। दरअसल, कुछ मैक्सिकन और भारतीय व्यंजनों में इतनी समानताएं हैं कि ये लगभग एक जैसे हैं और इनका घर में भी लुत्फ लिया जा सकता है।

Try healthy Mexican dishes -मैक्सिकन राइस रेसिपी

सामग्री : बासमती चावल – 2 कटोरी, लाल शिमला मिर्च – आधी, पीली शिमला मिर्च – आधी, हरी शिमला मिर्च – आधी, स्वीट कॉर्न – 1 कप, हरी मिर्च – 2 बारीक कटी हुई, लहसुन – 4 तुरी कटी हुई , ऑलिव ऑयल – 3 टेबल स्पून , हरा प्याज – 1, राजमा – 1 कप, प्याज – 2 कटे हुए , टोमेटो प्यूरी – डेढ़ कप , ऑरेगैनो – 2 टीस्पून , टोमेटो सॉस – 3 टेबल स्पून, धनिया पत्ती – आधा कप, नमक – स्वादानुसार।

विधि-

सबसे पहले बासमती चावल लें व आधे घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। बड़े बर्तन में ऑयल गर्म कर उसमें लहसुन और हरी मिर्च डालें। जब लहसुन भुनकर लाल हो जाए,तब प्याज डालें और धीमी आंच पर प्याज़ को सॉफ्ट होने तक भूनें। प्याज और शिमला मिर्च को भी छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। जब प्याज भुन जाए, तब इसमें भीगे हुए चावल डालें और गैस की फ्लेम तेज कर चावल को 2 मिनट तक भूनें। फिर तीनों तरह की शिमला मिर्च, टोमेटो प्यूरी, सॉस डालकर 5 मिनट तक चलाएं। अब चावल में ऑरेगैनो, स्वीट कॉर्न, उबले हुए राजमा डालें और ज़रूरत के अनुसार पानी डालें। चावल ढककर पकाएं और बीच-बीच में चलाते रहें, ताकि चावल जलें नहीं। जब चावल पक जाए, तो गैस बंद कर दें और साफ किए प्याज के पत्ते और धनिया पत्ती को काटकर मेक्सिकन राइस में डालें। राइस को ऑलिव ऑयल की बजाय रिफाइंड ऑयल में भी बना सकते हैं।

मैक्सिकन टाकोज रेसिपी

सामग्री  

250 ग्राम मैदा, 2 चम्मच तेल या घी मोयन के लिए, बारीक कटी हुई एक शिमला मिर्च, एक टमाटर और एक प्याज, स्वादानुसार नमक, 2 चीज़ स्लाइस या मोजेरेला चीज़, आवश्यकतानुसार पिज्जा सॉस, चिली फ्लेक्स और रिफाइंड ऑयल तलने के लिए।

कैसे बनायें

सबसे पहले मैदा में तेल व नमक डालकर मोयन डालें। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर जैसे रोटी का आटा लगाते हैं, उससे थोड़ा टाइट गूंथ लें। दस मिनट सेट होने के लिए रख दें। आटे को फिर से गूंथ लें और थोड़ी मोटी रोटी बेल लें और किसी कटोरी से काट लें। फिर कढ़ाई में तेल गर्म करें और रोटी तलने के लिए डालें और फिर डालते से ही उसे आधा मोड़ लें। थोड़ा कड़छी से प्रेस करते हुए तलें, ताकि टाकोज खुले नहीं। गोल्डन ब्राउन होने तक तलें। फिर सारी सब्जियों प्याज, टमाटर और शिमला मिर्च को बारीक काट लें, चीज़ को कद्दूकस कर लें। अब पैन में 1 चम्मच तेल डालें और 2 मिनट सब्जी को भून लें। फिर थोड़ा नमक और काली मिर्च पाउडर डाल मिलाएं। प्लेट में निकालकर ठंडा करें। इसके बाद पिज्जा सॉस और सीज़निंग मिलाएं। फिर टाकोज में सब्जी भरें और ऊपर से चीज़ भी डालें। फिर एक पैन को गर्म करें और टाकोज को उसमें 5 मिनट तक ढक्कन लगाकर चीज़ को पिघलने दें। फिर टाकोज पर चिली फ्लेक्स डाले और गर्मागर्म इंजॉय करें।

Try healthy Mexican dishes -मैक्सिकन बुरितोस
सामग्री

 डेढ़ कप मक्के का आटा, आधा कप मैदा, 3 टी स्पून तेल, आधा टी स्पून नमक (डो बनाने के लिए)। 3 कप राजमा, 3 प्याज बारीक कटे, आधा कप टमाटर बारीक कटा, डेढ़ कप टमाटर प्यूरी, 3 टेबल स्पून मक्खन, 3 चम्मच घी (फिलिंग के लिए)।

विधि- सबसे पहले डो की सामग्री को एक साथ मिला लें और नरम आटा गूंथ लें। पतली गोल रोटी बेलें और तवे पर बिना तेल डाले पका लें। एक तरफ रख दें। अब फिलिंग के लिए रात भर भिगोए बींस को उबाल लें। छानकर बींस को अलग करके मैश कर लें। घी और मक्खन को एक साथ गर्म करें और प्याज को हल्का गुलाबी होने तक भूनें। बीन्स डालें और अच्छी तरह मिलाएं। प्यूरी, केचप और नमक डालें। रंग गहरा होने तक पकाएं, मिश्रण के पकने पर उसे मैश कर लें। इसे साइड में रख दें। अब गार्निशिंग करने के लिए एक चपाती में थोड़ा राजमा, टोमेटो सॉस और क्रीम लगाएं। प्याज, जेलपिनो और चीज़ डालें। इसे लपेटकर तुरंत परोसें।

CHORI MERA KAAM- 70 के दशक में शशि कपूर और ज़ीनत की इस फ़िल्म ने मचाया था धमाल

CHORI MERA KAM
CHORI MERA KAM

CHORI MERA KAAM -बॉलीवुड में ऐसा भी दौर आया था जब सिल्वर स्क्रीन के नामी हीरो जॉनी वाकर और महमूद जैसे कॉमिक कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर करना अपनी शान समझते थे क्योंकि ये लोग फिल्म की सफलता के लिए तुरुप का पत्ता होते थे। इनकी उपस्थिति मात्र से ही सिनेमा घर खचाखच भर जाते थे। जब सत्तर दशक में चुपके-चुपके, जाने भी दो यारो, अंगूर, चश्मेबद्दूर जैसी फिल्में बनी तो कमेडी का स्तर और भी ऊंचा उठ गया। फिर लोग गोलमाल, गुड्डी और दो और दो पांच को अभी तक नहीं भूले हैं। सत्तर और अस्सी के दशक वाला वक्फा ऐसा समय था जब लोग पर्दे पर लड़की का पीछा करते लड़के की प्रेम-कहानी से आजिज आ चुके थे। लड़का, लड़की और विलेन जैसे कथानक उन्हें बासी लग रहा था। ऐसे वक्त में कई नामचीन, कॉमेडियन परदे पर उभरे और उनके द्वारा परोसी गयी कॉमेडी ने दर्शकों का जायका बदला। जिनमें असरानी, राजेंद्रनाथ ऐसे चेहरे थे, जिन्होंने कुछ देर के लिए दर्शक वर्ग को अपनी ओर खींचे रखा लेकिन जो बात देवेन वर्मा में थी, वह इन दोनों में नहीं। क्योंकि देवेन वर्मा हरफनमौला थे। @rajkavita8a8

CHORI MERA KAAM -शशिकपूर और जीनत अमान

दरअसल उनकी पृष्ठभूमि थियेटर की थी, इसलिए वह हर भूमिका को आत्मसात कर लेते थे। धुंध, बुड्ढा मिल गया, खामोशी आदि के बाद जिस फिल्म में वह अपने लाजवाब और धारदार अभिनय का लोहा मनवाते दिखे वह फिल्म चोरी मेरा काम ही थी। वैसे तो इसमें रोमांटिक जोड़ा शशिकपूर और जीनत अमान भी साथ थीं लेकिन इस पूरी फिल्म को देवेन वर्मा की कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि इस फिल्म में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। बेशक चोरी मेरा काम एक साधारण-सी फिल्म थी, जिसमें देवेन के अलावा अशोक कुमार, प्राण, इफ्तिखार आदि भी थे लेकिन प्रवीन भाई पटेल के किरदार को अमर करने वाले देवेन वर्मा ही थे। फिल्म में प्रवीन भाई गुजराती प्रकाशक हैं।

भोलानाथ बने शशिकपूर तथा शर्मिली बनी जीनत अमान पक्के चोर हैं…

भोलानाथ बने शशिकपूर तथा शर्मिली बनी जीनत अमान पक्के चोर हैं। ये दोनों भोलानाथ प्रवीनभाई को सारी फिल्म में ब्लैकमेल करते रहते हैं कि उनकी कार के नीचे आकर उसकी दोस्त शर्मीली (जीनत अमान) का कत्ल हो गया है जिसे प्रवीनभई ने बोरिवली में उसे दफना भी दिया है। हालांकि, हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। इसी बात को लेकर भोला प्रवीनभाई को ब्लैकमेल करता है और चाहता है कि वह शंकर (अशोक कुमार) द्वारा लिखित पुस्तक को प्रकाशित करे, जिसमें चोरी करने के तौर-तरीकों का वर्णन है। न मानने पर वह प्रवीनभाई से खासी फिरौती की मांग करता है। भोला की ब्लैकमेलिंग से आजिज प्रवीन शंकर की पुस्तक छप देता है, जिसकी कापियां खूब बिकती हैं। फलस्वरूप प्रवीनभाई रातोंरात अमीर बन जाता है। दरअसल भोलानाथ समाधसिंह बने पुलिस अधिकारी प्राण का खोया बेटा है, जिसे बचपन में गैंगस्टर अमरचंद (अनवर हुसैन) चुराकर ले गया था। उसी ने उसकी परवरिश की थी इसलिए भोलानाथ को भी अपनी तरह चोर बना दिया। कहानी के अंत में इन सभी बातों का खुलासा हो जाता है इसलिए बाप-बेटा दोनों मिल जाते हैं।

CHORI MERA KAAM-1975 में रिलीज यह फिल्म कॉमेडी थी

1975 में रिलीज यह फिल्म कॉमेडी के बल पर चली है। लोगों ने यह फिल्म इतनी पसंद की कि प्रोड्यूसर के एक ही फिल्म से वारे-न्यारे हो गए। बताया जाता है कि उस साल की यह सबसे ज्यादा कमाऊ फिल्म थी। बेशक फिल्म का संगीत कोई खास प्रभाव छोड़ने में असमर्थ रहा। यही बात गीतों के लिए कही जा सकती है लेकिन सभी किरदारों के अभिनय ने किसी भी सिनेमाहाल को खाली नहीं रहने दिया।

निर्माण टीम
  • प्रोडक्शन : चंद्र सदाना
  • निर्देशन : बृज
  • संवाद लेखक : अहसान रिज्वी
  • पटकथा लेखक : केए नारायणन
  • सिनेमेटोग्राफी : अनवर सिराज
  • गीतकार : वर्मा मलिक
  • संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
  • सितारे : अशोक कुमार, शशि कपूर, जीनत अमान, प्राण, रजामुराद, इफ्तिखार, अनूप कुमार और देवेन वर्मा
गीत

मैं कच्चे अंगूर की बेल : किशोर कुमार, अमित कुमार और कंचन

चोरी मेरा काम : किशोर कुमार, आशा भोंसले

काहे को काहे को : किशोर कुमार, आशा भोंसले

मेरी नजर से बचा न कोई : किशोर कुमार

टाइटल म्यूजिक : कल्याणजी आनंदजी

Natural fruits rich in properties – स्वाद के साथ सेहतमंद रखेंगे रसभरे ये पहाड़ी फल

Natural fruits rich in properties
Natural fruits rich in properties

Natural fruits rich in properties -बागों के बाजारी फलों के मुकाबले पर्वतीय अंचलों में प्राकृतिक रूप से उगने वाले फलों का स्वाद ही अनोखा है। रासायनिक खाद व कीटनाशकों के असर से ये अछूते होते हैं। वहीं ये फल झाड़ी या पेड़ से खुद तोड़कर खाये जाएं तो मिठास और भी बढ़ जाती है।

पहाड़ों-जंगलों में जितना भरपूर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा होता है उतनी ही प्रचुरता वहां कुदरती उगने वाले फलों-फूलों व अन्य खाद्य पदार्थों की भी होती है। मिसाल के तौर पर, उत्तराखंड व हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में बहुतायत में उगने वाले मौसमी प्राकृतिक फलों हिसालु, किनगोड़ा व काफल को ही लें। इनका स्वाद बागों में उगाये गये फलों से बेशक अलग हो लेकिन कम हरगिज नहीं। जानिये इन फलों के बारे में –

Natural fruits rich in properties -शहतूत

शहतूत तो इन दिनों सोशल मीडिया पर सबसे ज्याजदा पॉपुलर पहाड़ी फल है। इसके मेडिसिनल गुणों से हर कोई वाकिफ है, लेकिन इसका पेड़ काफी ऊंचा होता है। खासबात ये है कि यह फल पहाड़ों के साथ मैदानी इलाकों में भी खूब होता है। इसके बाग नहीं होते, ये प्राकृतिक तौर पर भी उग आता है।

Natural fruits rich in properties -बूंदी के लड्डू से हिसालु

बूंदी के लड्डू जैसे दिखने वाले नन्हे-नन्हे फल को ‘हिसालु’ कहा जाता है। कांटेदार झाड़ियों में उगते हैं। क्या कहें कि इनका स्वाद क्या होता है! अमृत जैसा अगर कुछ है तो वो हिसालु का रस है। उत्तराखंड के पहाड़ों से अन्यत्र यह फल नहीं देखा। यहां भी यह सिर्फ़ जंगलों में मिल सकता है। गर्मियों की सुबह गाय-भैंस चराने जाते लोग दोपहर में अपने साथ अक्सर हिसालु लेकर आते हैं। यह फल रसभरा अधिक होता है इसलिए इसे तोड़ना भी चुनौतीपूर्ण है। हिसालु की कंटीली झाड़ियों में हाथ डालकर पत्तों की कटोरी में इन्हें इकट्ठा करना जैसे मधुमक्खियों के छत्ते से शहद निकालना। बचपन में एक-दो बार यह जतन इस लेखिका ने भी किया है। इसके अद्भुत स्वाद पर तुरंत दादी की याद आई थी। सोचा कुछ उनके लिए भी तोड़ कर ले जा लूं तो कैसा लगेगा! कटोरी भर हिसालु देखकर दादी अचंभित रह गई थीं। नाजुक हाथों पर पड़ी खरोंचों को जाने कितनी देर तक वो चूमती रहीं। कहती रहीं ‘अब कभी हिसालु की झाड़ियों की तरफ़ नहीं जाना’।

नन्हीं लड़ियों सा किनगोड़ा

ऐसी ही हिदायत दादी तब भी देती थीं जब बच्चों के नीले दांत देखकर उन्हें पता चल जाता था कि वे किनगोड़ा खाकर आए हैं। किनगोड़ा नन्ही लड़ियों सा लटकता बैंगनी रंग का फल होता है। हिसालु की तरह ही इसका झाड़ भी बहुत कांटेदार होता है, उससे कुछ ज्यादा ही। स्वाद में इसका भी जवाब नहीं। खाने लगो तो फिर खाते ही जाओ। अगल-बगल से चुभ रहे कांटों की कोई परवाह नहीं।

Natural fruits rich in properties -काफल यानी जंगल में मंगल

जंगल में मंगल लेकर इन दिनों एक और फल आता है -‘काफल’। काफल का झाड़ नहीं होता बल्कि पूरा पेड़ होता है। फल पहले ही बहुत छोटे होते हैं उस पर इनके अंदर गुठली भी होती है। रंग में बैंगनी के साथ गुलाबी मिला लीजिए तो तैयार हो गया काफल का रंग। हिसालु और किनगोड़ा की तरह ही जेठ के महीने में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला यह फल बस 10-15 दिन का ही मेहमान होता है। इसे तोड़ पाना बच्चों के बस की बात नहीं होती। पेड़ पर चढ़ने के अभ्यस्त बड़े लोग ही इन्हें तोड़कर कंडी में लेकर आते हैं। इनमें सरसों का तेल और नमक मिलाकर फिर सबको बांटा जाता है।

यह ऐसे फल हैं जो आपको शहर की मंडियों में नहीं मिलेंगे। इनके लिए पहाड़ के जंगलों की ख़ाक छाननी ज़रूरी है। काफल भले ही दिख जाए मगर तोड़ने के बाद एक दिन से ज़्यादा रखने पर मुरझा जाता है। मन भी काफल सा सूखने लगता है जब जेठ के महीने में हिसालु और किनगोड़ा याद आते हैं। तीन दशक से ज़्यादा बीते गांव छोड़े हुए, और ठीक इतने ही बरस हुए जब आख़िरी बार यह सब चखे थे।

Beat the heat with desi beverages -गर्मियों के लिये आजमाएं ये 6 Best Cold Drinks

Beat the heat with desi beverages
Beat the heat with desi beverages

Beat the heat with desi beverages-गर्मियों के मौसम में कार्बोनेटेड शीतल पेय के बजाय शिकंजी, गन्ने का रस, छाछ, ठंडाई, आम पन्ना, नारियल पानी और बेल का शर्बत जैसे देशी पेय पदार्थ ज्यादा पसंद किये जाते हैं। दरअसल शरीर को ठंडक-तरावट प्रदान करने वाले देसी पेय सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। वहीं स्वाद के मामले में भी ये कमतर नहीं।      

नहीं होगी मिनरल्स की कमी 

गर्मियों में हमारा पसीना खूब बहता है तो शरीर में उससे पानी व मिनरल्स की कमी भी होती है। उसकी पूर्ति करने के लिए पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन जरूरी है। लेकिन अक्सर हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं जिससे बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि पानी की सही मात्रा लेते रहें। साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद कुछ अन्य तरल पदार्थ भी आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें। ऐसी आदत अपनाकर पानी की कमी से होने वाली ऊर्जा की कमी और बीमारियों से बच सकेंगे। जानिये उन तरल पदार्थों के बारे में :

Beat the heat with desi beverages-गन्ने का रस

गन्ने का रस काफी सारे विटामिंस और मिनरल से भरपूर होता है और इसके अनेक फायदे हैं हमारे शरीर के लिए। तो आप एक गिलास गन्ने का रस रोज पी सकते है। लेकिन ध्यान रखें जहां से पीएं वहां साफ-सफाई होनी बेहद जरूरी है। गन्ने के रस से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है और शरीर में पानी की कमी दूर होती है।

Beat the heat with desi beverages-शिकंजी से भरें रस

यदि गर्मी या धूप में से आए हैं तो आप नींबू की शिकंजी बना सकते हैं। इसको पीने से आपको एकदम से ठंडक-राहत का अहसास होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप नमक वाली शिकंजी बनाएं या फिर चीनी वाली। बस नमक या चीनी के साथ आपको नींबू डालना है। इसे पीकर आपको एकदम एनर्जी महसूस होगी।

छाछ से दुरुस्त रहेगा डाइजेशन

छाछ शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे खाने के बाद लेने से खाना पूरी तरह से पच जाता है साथ ही आपको कब्ज नहीं होती है। छाछ में यदि आप काला नमक और भूना जीरा डालकर पीते है तो ये और भी अधिक फायेदा पहुंचाती है। साथ ही शरीर में पानी की कमी को भी दूर करती है।

Beat the heat with desi beverages-नारियल पानी

शरीर में तरावट रखने के लिए नारियल पानी बेहद फायदेमंद है। इसमें बहुत से मिनरल्स होते हैं जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। नारियल पानी को आप फ्रिज में रखकर भी पी सकते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं रहती है। दिन में एक या दो नारियल का पानी पिया जा सकता है।

Beat the heat with desi beverages-आम का पन्ना

आम का पन्ना तो गर्मियों में बहुत पसंद किया जाता है। लेकिन इसे बनाने का सही तरीका पता होना चाहिए। इसे बनाने के लिए आमी को आप कुकर में पानी डालकर उबाल लें। फिर ठंडा होने पर छिल्का उतार दें। इसके बाद पानी में निकालकर इसमें चीनी,काला नमक और काली मिर्च मिलाएं। इसका सेवन करने से पेट में ठंडक बनी रहती है।

ठंडई की मिठास घोलें

ठंडाई से सीधे ही शरीर को ठंडक का अहसास होता है। साथ ही यह सेहत की दृष्टि से काफी फायदेमंद होती है। आप एक गिलास दूध में दो चम्मच ठंडाई मिलाकर पी सकते हैं। साथ में चीनी जरा कम मात्रा में मिलाएं तो बेहतर रहेगा।

For a better job –यहां निकली हैं बंपर भर्तियां, सरकारी नौकरी के लिये इन विभागों में कर सकते हैं आवेदन

For a better job
For a better job

For a better job -जून माह केंद्र व कई प्रदेशों में सरकारी नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए अवसर लेकर आया है। खास बात यह कि विज्ञापित रिक्तियां सभी तरह की योग्यता वाले अभ्यर्थियों के लिए हैं। पीएनबी स्पेशलिस्ट ऑफिसर पदों के लिए टेक्नोलोजी संबंधी योग्यता वाले तो पोस्ट ऑफिस व छत्तीसगढ़ वन विभाग में 10वीं, 12वीं पास उम्मीदवार एप्लाई कर सकते हैं।

समय को कभी बीता हुआ नहीं मानना चाहिए। कहावत है कि जब जागें, तभी सवेरा। इसलिए अगर आप जॉब के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और आपको अभी तक सफलता नहीं मिली हो तो निराश बिल्कुल मत हों। अवसरों की कोई कमी नहीं है। बस जरूरी है कि आपका परिश्रम जारी रहे। जून का महीना भी लेकर आया है आपके लिए ऐसे ही अवसरों को। आइये जानते हैं उनमें से कुछ के बारे में।

यूपी में नर्सिंग ऑफिसर बनें

यूपी के उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस ने नर्सिंग ऑफिसर के पदों पर बंपर भर्ती निकाली है। इच्छुक युवा जो इस भर्ती के इच्छुक हैं और आवेदन करना चाहते हैं, वे सभी यूपीयूएमएस की ऑफिशियल वेबसाइट upums.ac.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। पदों पर आवेदन की प्रक्रिया 19 मई 2023 से शुरू हो चुकी है। उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए अंतिम तिथि 08 जून 2023 तक होगी। इच्छुक उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से नर्सिंग में विज्ञान स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही आवेदकों के पास भारतीय नर्सिंग काउंसिल (INC) के साथ पंजीकरण भी होना चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 1 जनवरी 2023 को 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

For a better job -छत्तीसगढ़ वन विभाग भर्ती

छत्तीसगढ़ वन विभाग ने वन रक्षक के पद पर भर्ती के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इन रिक्तियों के लिए की पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट forest.cg.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 11 जून, 2023 तक है। इस बहाली प्रक्रिया से 1484 वन रक्षक के पदों को भरना है। जिसके लिए आवेदक उम्मीदवारों की आयु सीमा 1 जनवरी 2023 को 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को आयुसीमा में पांच साल की नियमानुसार छूट मिलेगी। वन विभाग की इस भर्ती के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड / संस्थान से उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 12वीं) परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने बिलासपुर में 548 अप्रेंटिसशिप पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। जिसमें आईटीआई / एनसीवीटी प्रमाणपत्र के साथ कक्षा 10/ हाई स्कूल / मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार इस भर्ती के लिए योग्य होंगे। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 3 मई, 2023 से शुरू हुई थी और ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 3 जून , 2023 है। कुल रिक्तियों की संख्या 548 है। अधिकृत वेबसाइट secr.indianrailways.gov.in है। उम्मीदवारों की आयु सीमा 1 जुलाई 2023 को 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए। नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी।

For a better job -इंडिया पोस्ट में रिक्तियां

इंडिया पोस्ट ने ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के 12828 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। ये भर्तियां बैंक रहित गांवों में बीओ के लिए की जाएंगी। पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर शुरू हो रही है। उम्मीदवार 11 जून 2023 तक आवेदन कर सकेंगे। चयनित उम्मीदवारों को ब्रांच पोस्टमास्टर, असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर और डाक सेवक के रूप में बहाल किया जाएगा। शैक्षिक योग्यता में किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड से गणित और अंग्रेजी (अनिवार्य या वैकल्पिक विषयों के रूप में) के साथ 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। उम्मीदवार को कंप्यूटर का ज्ञान, साइकिल चलाना भी आना चाहिए।

For a better job -पीएनबी स्पेशलिस्ट ऑफिसर

पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.pnbindia.in पर 240 स्पेशलिस्ट ऑफिसर के लिए भर्ती अधिसूचना जारी कर दी है जिसके अनुसार, पदों पर आवेदन प्रक्रिया 24 मई, 2023 से शुरू हो चुकी है जो 11 जून, 2023 को समाप्त होगी। विशेषज्ञ अधिकारी पदों के लिए इच्छुक उम्मीदवार जल्द से जल्द आवेदन जमा करा दें। अधिकतम 35 वर्ष तक की आयु सीमा रखी गई है। सिविल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, साइबर सिक्योरिटी जैसे फील्ड्स में योग्यता रखने वाले युवाओं के लिए यहां बेहतर अवसर मिल रहा है। आवेदन करने से पहले बैंक की बेवसाइट पर जाकर बहाली प्रक्रिया, शैक्षिक योग्यता इत्यादि के बारे में सारे विवरण अच्छी तरह जरूर पढ़ लें।

Haryana Wrestlers Mahapanchayat- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ‘खाप महापंचायत’ की बैठक

Haryana Wrestlers Mahapanchayat
Haryana Wrestlers Mahapanchayat

Haryana Wrestlers Mahapanchayat-पहलवानों के मुद्दे से संबंधित आंदोलन में उठाये जाने वाले अगले कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में ‘खाप महापंचायत” की बैठक जारी है। विभिन्न खापों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों से ‘जाट धर्मशाला’ में पहुंचे।

Haryana Wrestlers Mahapanchayat

किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश में ‘खाप महापंचायत’ का आयोजन किया था जबकि पंजाब तथा हरियाणा में कई विरोध प्रदर्शन कर उन पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाई गई थी, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
दोपहर में ‘महापंचायत” शुरू होने से पहले यहां संवाददाताओं से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवान देश का गौरव हैं और वे इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि वे कुरुक्षेत्र में बैठक कर रहे हैं, जबकि कई संगठन और खाप ‘देश की बेटियों के साथ हो रहे अन्याय” के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी पहलवानों की उचित मांगों के आगे सरकार को ‘झुकना’ पड़ेगा।

Haryana Wrestlers Mahapanchayat- टिकैत क्या बोले

टिकैत ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं और पुलिस को उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भी सप्ताहांत में दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ किये गये व्यवहार की निंदा की है। रविवार को नये संसद भवन की ओर मार्च करने का प्रयास करने पर पुलिसकर्मियों द्वारा पहलवानों के साथ कथित रूप से हाथापाई की गई थी। टिकैत ने कहा कि भले ही बृजभूषण शरण सिंह ‘अलग-अलग बयान दे रहे हैं लेकिन इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।’ खाप नेता दलबीर सिंह ने कहा कि वे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं, ‘नहीं तो हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी।’

हरिद्वार पहुंचे थे पदक विजेता

टिकैत ने पहले कहा था कि खाप महापंचायत के सदस्य बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा था कि शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में महापंचायत की बैठक में इस मुद्दे पर आगे चर्चा की जाएगी। मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेताओं साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने के विरोध में हरिद्वार में हर की ड़ी पहुंचे थे।

Haryana Wrestlers Mahapanchayat-मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया

ये सभी पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने गए थे लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है। उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक संवाददाता सम्मेलन में, सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की दिल्ली पुलिस द्वारा जांच की जा रही है और पहलवानों को जांच के निष्कर्षों का इंतजार करना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं जिनमें पहली एक नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है।

Features of the new Parliament- लोकतांत्रिक परंपराओं को दर्शाती हैं भवन में प्रदर्शित कलाकृतियां

Features of the new Parliament
Features of the new Parliament

Features of the new Parliament- भव्य नए संसद भवन की दीवारों और गलियारों में प्रदर्शित कलाकृतियां, वैदिक काल से लेकर आज तक भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की कहानियां बयां करती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया। देश में लोकतंत्र के विकास को नए संसद भवन के ‘कांस्टीटयूशन हॉल’ में प्रदर्शनियों की एक श्रृंखला के माध्यम से दर्शाया गया है।


Features of the new Parliament

‘कांस्टीटयूशन हॉल’, जिसमें भारतीय संविधान की एक डिजिटल प्रति है, में आधुनिकता का स्पर्श है क्योंकि इसमें पृथ्वी के घूर्णन को प्रदर्शित करने के लिए ‘फौकॉल्ट पेंडुलम’ भी है। मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र केवल भारत में प्रचलित व्यवस्था नहीं है बल्कि यह एक संस्कृति, विचार और परंपरा है। हमारे वेद हमें सभा और समिति के लोकतांत्रिक आदर्शों की शिक्षा देते हैं। हमें महाभारत में गणतंत्र का वर्णन मिलता है।”

Features of the new Parliament-

‘फौकॉल्ट पेंडुलम’ संविधान हॉल की त्रिकोणीय छत से एक बड़े रोशनदान से लटका हुआ है और ब्रह्मांड के साथ भारत के विचार को दर्शाता है। प्रभावशाली विधायी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में एक डिजिटल मतदान प्रणाली और अत्याधुनिक ‘ऑडियो-विजुअल’ प्रणाली की व्यवस्था की गई है। इस भवन में तीन औपचारिक अग्रदीर्घा हैं जहां महात्मा गांधी, चाणक्य, गार्गी, सरदार वल्लभभाई पटेल, बी. आर. आंबेडकर और कोणार्क के सूर्य मंदिर के रथ के पहिये की विशाल पीतल की मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं। सार्वजनिक प्रवेश द्वार तीन दीर्घाओं की ओर जाते हैं। संगीत गैलरी जो भारत के नृत्य, गीत और संगीत परंपराओं को प्रदर्शित करती है; स्थापत्य गैलरी देश की स्थापत्य विरासत को दर्शाती है और शिल्प गैलरी विभिन्न राज्यों की विशिष्ट हस्तकला परंपराओं को प्रदर्शित करती है।

Features of the new Parliament

नये संसद भवन में लगभग 5,000 कलाकृतियां है, जिनमें पेंटिंग, पत्थर की मूर्तियां और धातु चित्र शामिल हैं। लोकसभा कक्ष का आंतरिक भाग राष्ट्रीय पक्षी मोर के विषय पर आधारित हैं, जबकि राज्यसभा के कक्ष में राष्ट्रीय फूल ‘कमल’ को दर्शाया गया है। अधिकारियों के अनुसार उस्ताद अमजद अली खान, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पंडित रविशंकर सहित प्रख्यात संगीतकारों और उनके परिवार के सदस्यों ने संगीत गैलरी के लिए अपने वाद्य यंत्र दान किए हैं। चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्गमीटर है और इसमें दो कक्ष हैं – 888 सीट वाली लोकसभा, जिसमें दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए 1,272 सदस्य शामिल हो सकते हैं और 384 सीट वाला राज्यसभा कक्ष है। संसद भवन में बरगद का एक पेड़ भी है। नए भवन में छह नये समिति कक्ष और मंत्रिपरिषद के कार्यालयों के रूप में उपयोग के लिए 92 कमरे भी हैं।नये भवन के लिए प्रयुक्त सामग्री देश के विभिन्न भागों से लाई गई है।

Features of the new Parliament-लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान से आया

नये संसद भवन में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था। केसरिया हरा पत्थर उदयपुर से, अजमेर के निकट लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी, राजस्थान से मंगवाया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरा देश एक साथ आया, इस प्रकार यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची’ भावना को दर्शाता है।” लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था। इमारत पर लगी पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थीं।
अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से खरीदा गया था। पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था और पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था। नये संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा में चरखी दादरी से निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया था।

निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें

‘एम रेत’ कृत्रिम रेत का एक रूप है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर निर्मित किया जाता है जो नदी की रेत से अलग होता है। निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लाये गये।

Sidhu Moosewala death anniversary- जवाहरके में हत्यास्थल पर फूट-फूट कर रोई गायक की मां

Sidhu Moosewala death anniversary
Sidhu Moosewala death anniversary

Sidhu Moosewala death anniversary-गायक सिद्धू मूसेवाला की पहली पुण्यतिथि के मौके पर उनकी मां चरण कौर लास्ट राइड गांव जवाहरके में फूट-फूट कर रोईं। यह वही स्थान है जहां सिद्धू मूसेवाला को गोली मारी गई थी। 29 मई, 2022 को गांव जवाहरके में गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ग्राम पंचायत ने इस स्थान पर उनके स्मारक के रूप में एक मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई है।

प्रथम पुण्यतिथि के दौरान पूरे गांव को सिद्धू मूसेवाला की तस्वीरों से सजाया गया। इसमें युवाओं ने उत्साह से भाग लिया और स्मृति चिन्ह के रूप में मूसेवाला के चित्र भेंट किए। इस दौरान मूसेवाला की मां चरण कौर जवाहरके पहुंची और बेटे को याद कर फूट-फूट कर रोईं।

Sidhu Moosewala death anniversary

गांव के सरपंच तरलोचन सिंह व पूर्व सरपंच राजिंदर सिंह जवाहरके ने कहा कि पूरे जवाहरके गांव को मूसेवाला के रंग में रंग दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज पुण्यतिथि समारोह में दुनियाभर से बड़ी संख्या में लोग मूसेवाला के अंतिम सवारी स्थल को देखने पहुंचे और दिवंगत गायक के चित्र के समक्ष माथा टेका।

सिद्धू मूसेवाला की याद में छबीलें लगाई

इस मौके पर अधिवक्ता लखविंदर सिंह लखनपाल ने कहा कि वह और पूरा गांव मूसेवाला के परिवार के साथ खड़ा है। जब तक मूसेवाला की हत्या के अपराधी पकड़े नहीं जाते, तब तक वे इस संघर्ष में लगे रहेंगे। इसके अलावा गांव अतंला कलां, मानसा सहित अन्य जगहों पर सिद्धू मूसेवाला की याद में छबीलें भी लगाई गईं। मूसेवाला के ताया चमकौर सिंह ने बताया कि मूसेवाला की याद में 29 मई को गांव मूसा के गुरुद्वारा साहिब में पाठ का भोग डाला जाएगा वहां भारी संख्या में संगत पहुंचेगी और शाम को मानसा स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा से बस स्टैंड तक ‘इंसाफ देव’ मार्च निकाला जाएगा।

New CBI Director -कांगड़ा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद ने कार्यभार संभाला

Praveen Sood from Kangra takes charge
Praveen Sood from Kangra takes charge

New CBI Director- वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीण सूद ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक के रूप में पदभार संभाल लिया। वह दो साल तक इस पद पर रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि अपने अंतिम कार्य दिवस के दिन निवर्तमान निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने सूद को यहां सीबीआई मुख्यालय में एजेंसी का प्रभार सौंपा। सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। वह कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक थे और जायसवाल के बाद देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं।


New CBI Director-आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं प्रवीण सूद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक में सूद के नाम को मंजूरी दी गई थी। कहा जाता है कि कांग्रेस नेता चौधरी ने अगले सीबीआई निदेशक के रूप में सूद के चयन पर एक असहमति नोट दिया था।
वर्ष 1964 में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में जन्मे सूद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 22 साल की उम्र में आईपीएस में शामिल हुए थे। उनके पास भारतीय प्रबंधन संस्थान-बेंगलुरु और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से स्नातकोत्तर की डिग्री भी है।

New CBI Director-इन शहरों में दे चुके हैं सेवाएं

सीबीआई ने एक बयान में कहा कि अपनी 37 वर्षों की सेवा के दौरान, सूद ने कर्नाटक पुलिस में बेल्लारी और रायचूर जिलों के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), बेंगलुरु शहर; पुलिस आयुक्त, मैसूर शहर और बेंगलुरु शहर; अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक; प्रधान सचिव (गृह); पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) और पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है। अपने व्यवहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले इस अधिकारी ने कई बड़े व्यक्तियों से जुड़े हाई प्रोफाइल मामलों और अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले मामलों की जांच की निगरानी की है।

New CBI Director

बयान में कहा गया कि उन्होंने साइबर अपराध और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी जांच की निगरानी की। तकनीकी जानकार अधिकारी ने न्यायपालिका के साथ-साथ कर्नाटक में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) और आईसीजेएस (इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) को मजबूत करने के लिए भी काम किया।