Azad’s resignation stirs Congress- कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई। आजाद के इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद दो पूर्व मंत्रियों सहित पांच नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया जबकि कई अन्य भी कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं। इसके चलते कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। आजाद के इस्तीफा देने के बाद तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए दिए गए योगदान की सराहना की। भाजपा ने आजाद को ‘‘दिग्गज नेता” करार देते हुए उनकी सराहना की है। वहीं, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जी.ए. मीर ने कहा कि वे केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए अब दोगुने संकल्प के साथ काम करेंगे। भाजपा की जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने दावा किया कि आजाद को मजबूर होकर कांग्रेस से इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि पार्टी में उनका अपमान हो रहा था। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस को ‘डूबा हुआ जहाज’ बताया और कहा, ‘भाजपा के दरवाजे उन लोगों के लिए हमेशा खुले हें जो देश के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं।’
Azad’s resignation stirs Congress
आजाद के समर्थन में पूर्व मंत्रियों आर. एस. चिब, जी. एम. सरूरी और अब्दुल राशिश के अलावा पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट समेत अन्य नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। चिब ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित अपने त्यागपत्र में कहा, ‘पिछले दशकों में जम्मू कश्मीर ने जो उथल-पुथल देखी है, उसे ध्यान में रखते हुए लोगों को एक बेहतर भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए आजाद जैसे निर्णायक नेता की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि मौजूदा परिस्थितियों में, कांग्रेस ने मेरे राज्य के भविष्य की बेहतरी में योगदान देने में अपनी गति खो दी है।’
आजाद का पार्टी चोड़ना दुखद: वानी
वानी ने कहा कि आजाद का पार्टी छोड़ना बेहद दुखद और चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा, ‘आजाद को ऐसा नहीं करना चाहिए था।’ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मीर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजाद, जिन्हें कांग्रेस में 45 वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण पद दिए गए, उस समय रणभूमि छोड़कर भाग गए, जब उनसे जम्मू-कश्मीर में पार्टी के लिए कुछ करने के लिए कहा गया।
Azad’s resignation stirs Congress-पार्टी में रहते तो अच्छा था-सोज़
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज (Saifuddin Soz) ने कहा कि आजाद को पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘मेरा आजाद साहब से स्नेह है इसलिए मैं ऐसा कह रहा हूं। उन्हें पार्टी में ही रहना चाहिए था।
कांग्रेस में उनका वह कद था जो उन्हें कहीं और नहीं मिलेगा।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आजाद के इस्तीफे को लेकर कहा, ‘भारत की सबसे पुरानी पार्टी को बिखरते हुए देखना दुखद और डरावना है।’