Ashoka Stambh at New Parliament-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है।
उन्होंने कहा कि यह इस साल के आखिर में नये संसद भवन में कामकाज शुरू होने से पूर्व पहला बड़ा मील का पत्थर है। हाल ही में हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक का काम 18 जुलाई तक पूरा हो जाएगा।
संसद का शीतकालीन सत्र नये भवन में आयोजित किया जाएगा
अधिकारियों के अनुसार, संसद का शीतकालीन सत्र नये भवन में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्रतीक को नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित किया गया है और इसे सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम के इस्पात के एक ढांचे का निर्माण किया गया है। अधिकारियों के अनुसार नये संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक को स्थापित करने की प्रक्रिया क्ले मॉडलिंग और कम्प्यूटर ग्राफिक्स से लेकर कांस्य की ढलाई और पॉलिश तक आठ विभिन्न स्तरों से गुजरी है। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह भी उपस्थित थे।
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प्रधानमंत्री ने निर्माण स्थल पर एक धार्मिक कार्यक्रम में भी भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की और उनसे कहा कि उन्हें अपने काम पर गर्व होना चाहिए। मोदी ने कहा कि वे राष्ट्र के गौरव में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी संसद भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमें उनके प्रयासों पर गर्व है और हमारे देश के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।’ जब एक श्रमिक ने प्रधानमंत्री के निर्माण स्थल पर आगमन पर प्रसन्नता जताते हुए उत्साहवश कहा कि यह भगवान राम के शबरी की कुटिया में आने जैसा है तो मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘वाह, वाह। यह आपकी कुटिया है।’
गरीबों की कुटिया
फिर उन्होंने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति को भी यही लगना चाहिए कि यह उनकी कुटिया है। उन्होंने कहा, ‘आपने बहुत अच्छी बात कही है।’
जब उन्होंने मजदूरों से पूछा कि उन्हें क्या लगता है, वे एक भवन बना रहे हैं या इतिहास? तो उन्होंने सामूहिक रूप से कहा, ‘इतिहास’।
प्रधानमंत्री ने श्रमिकों से संसद भवन के निर्माण में और अन्य किसी परियोजना के निर्माण में शामिल होने के अंतर के बारे में भी पूछा। श्रमिकों ने कहा कि उन्हें नये संसद भवन में काम करते हुए गौरव की अनुभूति होती है। मोदी ने मजदूरों का हाल-चाल पूछा और यह भी सवाल किया कि क्या उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके लगवाये हैं। कक
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सेंट्रल विस्टा मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका सेंट्रल एवेन्यू 80 फीसदी बनकर तैयार हो चुका है। इसके निर्माण कार्य में पहले करीब 971 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह खर्च 29 फीसदी बढ़कर 1250 करोड़ से अधिक हो सकता है। सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरा होने की डेडलाइन अक्टूबर 2022 रखी है।
सरकार चाहती है कि नए संसद भवन में शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाए। इसमें संसद भवन समेत केंद्र सरकार से जुड़े सभी कार्यालय शामिल हैं।