Aarya season 2 is also the story of a strong mother- डिज़्नी-हॉटस्टार की चर्चित वेब सीरीज़, जिसका हम सबको एक साल से इंतज़ार था। जब से ट्रेलर आया था हर दिन महीने की तरह बीत रहा था। आज सुबह से इस वेबसीरीज़ को देखने का सौभाग्य मिला। यह समीक्षा लिखने से पहले सारे दर्शकों को और सुष्मिता के जितने भई फैंन हैं उन्हें बता दें कि सीज़न -1 देखा है तो सीज़न -2 तो Must Watch है.
निर्देशक: राम माधवानी, विनोद रावत, कपिल शर्मा
कलाकार: सुष्मिता सेन, आकर्ष खुराना, जयंत कृपलानी, सिकंदर खेर, अंकुर भाटिया, विकास कुमार, विश्वजीत प्रधान, गीतांजलि कुलकर्णी
सीज़न -1 में क्या था?

डिज्नी हॉटस्टार की चर्चित वेब सीरीज आर्या का सीज़न -2 भी इसके नाम के मुताबिक आर्या यानी सुष्मिता सेन की कहानी है। पिछला सीज़न खत्म हुआ था जब पति तेज (
Chandrachur Singh) की हत्या के बाद आर्या सरीन (sushmita sen) देश छोड़ कर न्यूजीलैंड भाग रही थी और गाड़ी में आर्या को किसी का फोन आता है कि See You in New Zealand। जैसे कि कयास लगाये जा रहे थे, यह ड्रग माफिया एंटन है जिसका 300 करोड़ का कंसाइनमेंट आर्या ने वापस लौटाया था लेकिन उसे रिसीव नहीं हुआ। अब वह आर्या के पीछे है और उससे बदला लेने के लिये सीज़न-2 में इस सीरीज़ के सारे किरदारों के पीछे भी। इस बार इस सीजन की शुरुआत होती है आर्या के राजस्थान लौट आने से। वह यहां अपने परिवार के खिलाफ गवाही देने आई है, लेकिन ऑफिसर खान के ब्लैकमेल करने पर। उसके पिता, भाई और शेखावत ( ड्रग माफिया) पर ड्रग डीलिंग के आरोप हैं।
Aarya season 2 is also the story of a strong mother
पहले सीज़न में आर्या के पिता शेखावत (जयंत कृपलानी) ने उसके पति चंद्रचूड़ की हत्या करा दी थी, अपने खास सिपहसालार दौलत ( सिकंदर खेर) के साथ मिलकर। पहले सीजन में उनका सफर जहां खत्म हुआ था, वह उसे दूसरे में आगे बढ़ाती हैं. उनके किरदार का ग्राफ बढ़ता है। मां के रूप में वह शक्ति के अवतार में नजर आती है, जो अपने बच्चे की बेहतरी के लिए कुछ भी कर सकती है। आर्या की वापसी खबर उदय शेखावत ( जो ड्रग माफिया के साथ जुड़ा है) के कानों तक पहुंच जाती है और फिर आर्या पर हमले शुरू हो जाते हैं। पहले सीज़न की तरह इस सीज़न में भी आर्या बहुत केयरिंग मदर की भूमिका में है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर उसकी बढ़ती चिंताएं बढ़ रही है। आर्या के तीनों बच्चे असुरक्षा में जी रहे हैं। जिसका असर उनके व्यवहार पर भी है। वह डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।
सीज़न-2 की कहानी- विदेश से लौटने पर बढ़ी आर्या की मुश्किलें

आर्या का अतीत उसे थोड़ी राहत देने के लिए लौटता है मगर तभी एक के बाद एक ऐसी घटनाएं उसके जीवन में घटती हैं कि वह नई मुश्किलें खड़ी कर देती हैं। कहानी कुछ इस तरह से शुरू होती है- कोर्ट में आर्या इमोशनल होकर अपने परिवार के खिलाफ गवाही नहीं देती। जिससे वे केस से बरी हो जाते हैं। इधर ऑफिसर खान आर्या के सारे दस्तावेज़ जब्त करा देता है। वकील के साथ मिलकर वह आर्या को सड़क पर छोड़ देता है। ऐसे में उसकी सहेली माया आर्या को सहारा देती है। अब बूढ़े और बीमार आर्या के पिता जो़रावर ( जयंत कृपलानी) जो तब तक सारी संपत्ति आर्या के भाई संग्राम सिंह के नाम करना चाहते हैं, आर्या के प्रति नरम हो जाते हैं। उनका पुत्री प्रेम फिर जाग जाता है और वह अफने पीए से नई वसीयत बनाने को कहते हैं। जिसके मुताबिक सारी संपत्ति ऑफशोर अकाउंट ( बेनामी संपत्ति भी) आर्या के नाम होगी।
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एक तरफ संग्राम इससे चिढ़ जाता है लेकिन वह बहन के प्रति नरम बना रहता है। दूसरी ओर रशियन माफिया का 300 करोड़ का ड्रग कंसाइनमेंट और शेखावत उसे और संग्राम को फिर घेर लेते है। संघर्ष में सरीन परिवार एकजुट होने की कोशिश करता है लेकिन इस बीच संग्राम का कोई मर्डर कर देता है। कहानी में लोचा यह है कि यहां कोई किसी पर भरोसा नहीं कर सकता। न आर्या भाई संग्राम पर भरोसा कर सकती है और न ही संग्राम आर्या पर। न ही वे परिवार के बाकी लोगों पर या किसी बाहर वाले पर भरोसा जता सकते हैं। संग्राम की हत्या और बार-बार खुद पर हो रहे हमलों के अलावा रूसी माफिया और शेखावत आर्या को ऐसा रूप धरने पर मजबूर कर देते है, जिसके बारे में खुद आर्या ने कभी कल्पना नहीं की थी।
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वंशवाद, पारिवारिक साजिशें, विदेशी माफिया, अदालती केस कहानी में सबका मेल
दूसरा सीजन अपराध की दुनिया में वंशवाद, पारिवारिक साजिशें, विदेशी माफिया, अदालती केस और बदले की कहानियां कहता है। आर्या Dutch Crime Series Penoza का भारतीय रूपांतरण है, जिसमें अगर कुछ सबसे खूबसूरती से उभरता है तो वह सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) का परफॉरमेंस है.इस सीज़न में उसका करीबी है दौलत ( सिकंदर खेर) । जिसे आर्या के पिता ने उसकी सुरक्षा की ज़़िम्मेदारी दी है।
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स्वदेश वापसी पर अपनों के साथ संघर्ष हो या फिर बच्चों का ख्याल रखना। उन्हें सुरक्षित महसूस कराना हो या बेटे वीर (वीरेन वजीरानी) और बेटी अरु (वीर्ती वघानी) के साथ संबंधों की गरमाहट, सुष्मिता ने खूबसूरती से अपने किरदार को निभाया है। पिछले सीज़न की तरह वह यहां किसी बॉलीवुड अभिनेत्री की तरह नहीं बल्कि एक कलाकार की तरह उभरती हैं। हालांकि कहानी जारी है। दूसरे सीजन का अंत बताता है कि यह कहानी तो अभी शुरू हुई है। अतः सुष्मिता के फैन्स लें कि इसका अगला यानी तीसरी सीजन आना तय है।
किरदारों की बात
सुष्मिता के अलावा सीरीज़ के बाकी कलाकारों ने भी शानदार काम किया है। ऑफिसर खान के रूप में विकास कुमार का परफॉरमेंस बढ़िया है। दौलत के रूप में सिकंदर खेर और जोरावर के रूप में जयंत कृपलानी,गीतांजलि कुलकर्णी सभी ने अपनी भूमिकाओं में जान डाली है। अंकुर भाटिया और विश्वजीत प्रधान को शायद अगले सीज़न में शायद ज्यादा मौका मिलेगा।