आतंकियों ने एक बार फिर से ड्रोन के जरिए सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने की कोशिश की। आतंकियों के निशाने पर इस बार Army Headquarter था। भारतीय वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन से बम गिराये जाने के एक दिन बाद यहां रत्नूचक इलाके में कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर, सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर तड़के 3 बजे 2 ड्रोन मंडराते दिखे। सतर्क सैनिकों ने खतरे को भांपते हुए उन पर फायरिंग की और संभावित हमले को नाकाम कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि एक ड्रोन रविवार रात पौने 12 बजे और दूसरा ड्रोन 2 बजकर 40 मिनट पर देखा गया। यह करीब 50 से 75 मीटर की ऊंचाई पर थे। सैनिकों के गोलियां चलाने के बाद दोनों ड्रोन वहां से उड़ गये।
मुस्तैदी से टला हादसा

जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने एक बयान में कहा, ‘सतर्क सैनिकों ने रत्नूचक-कालूचक सैन्य क्षेत्र के ऊपर 2 अलग-अलग ड्रोन गतिविधियों को देखा। तुरंत ही हाई अलर्ट जारी किया गया और QRT (Quick Response Team) ने ड्रोन पर फायरिंग की। दोनों ड्रोन वहां से भाग निकले। सैनिकों की सतर्कता और सक्रियता से एक बड़े खतरे को टाल दिया गया।’
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आतंकियों के निशाने पर
सुरक्षा बल अब भी सतर्क हैं और तलाशी अभियान जारी है। अधिकारियों ने कहा कि सैन्य स्टेशन के बाहर के पूरे इलाके की तुरंत घेराबंदी कर दी गई और अंतिम रिपोर्ट मिलने तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी था। अधिकारियों ने कहा कि जमीन पर अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है।
2002 में भी हुआ था हमला
गौर हो कि कालूचक स्थित सैन्य स्टेशन पर 2002 में आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 3 सैन्य कर्मियों, सैन्य परिवारों के 16 सदस्यों और 11 आम निवासियों की मौत हुई थी, जबकि 48 लोग घायल हो गये थे।
एयरक्राफ्ट थे निशाने पर
बता दें कि जम्मू में रविवार को तड़के आतंकियों में एयरफोर्स स्टेशन को निशाना बनाया था। दो ड्रोन से हमला करने की फिराक में घूम रहे ड्रोन को सेना ने वक्त रहते देख लिया लेकिन इस हमले में एयरबेस की छत्त उड़ा दी गई। कहा जा रहा है कि निशाने पर एयरक्राफ्ट थे।