पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
Aaj Ka Panchang 25 May Tuesday
- ⛅ दिनांक 25 मई 2021
- ⛅ दिन – मंगलवार
- ⛅ विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
- ⛅ शक संवत – 1943
- ⛅ अयन – उत्तरायण
- ⛅ ऋतु – ग्रीष्म
- ⛅ मास – वैशाख
- ⛅ पक्ष – शुक्ल
- ⛅ तिथि – चतुर्दशी रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
- ⛅ नक्षत्र – स्वाती सुबह 07:06 तक तत्पश्चात विशाखा
- ⛅ योग – वरीयान् सुबह 07:13 तक तत्पश्चात परिघ
- ⛅ राहुकाल – शाम 03:55 से शाम 05:34 तक
- ⛅ सूर्योदय – 05:58
- ⛅ सूर्यास्त – 19:12
- ⛅ दिशाशूल – उत्तर दिशा में
- ⛅ *व्रत पर्व विवरण –
- 💥 विशेष – चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।

पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।
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शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष क्या है?
चंद्रमा के रोशनी वाले पखवाड़े वाले समय को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। यह अमावस्या से पूर्णिमा तक का समय होता है जब चंद्रमा चमकता है। जबकि वह समय जब चंद्रमा अपने रूप को धूमिल करता है उसे कृष्ण पक्ष कहा जाता है। यह अवधि पूर्णिमा से शुरू होती है और नव चन्द्र दिवस पर समाप्त होती है। इनमें से प्रत्येक अवधि में 15 दिन होते हैं जिन्हें क्रमशः शुक्ल पक्ष तिथि और कृष्ण पक्ष तिथि के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, हिंदू पंचांग की पूर्णिमा तिथि और अमावस्या तिथि जैसी तिथियां हिंदू परंपराओं में सबसे महत्वपूर्ण तिथियां मानी जाती हैं।
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