Panchang के उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। Panchang से हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं।और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
Panchang 18 May’21 Tuesday
- 🌳 दिनांक 18 मई 2021
- 🙏🏻 दिन – मंगलवार
- 🌞 सूर्योदय – 05:44
- 🌳 सूर्यास्त – 07:00
- 🌲 विक्रम संवत – 2078
- 🌴 संवत्सर का नाम राक्षस
- 🌳 शक संवत 1943
- 🦚 अयन – उत्तरायण
- 🐦 ऋतु – बसंत,
- 🌳 मास 👉 वैशाख
- 🐚 पक्ष – शुक्ल
- 🌻 तिथि – षष्ठी दिन 12:33 पश्चात सप्तमी
- नक्षत्र – पुष्य दिन 02:55 पश्चात आश्लेषा
- राहुकाल – हो सके तो दिन 03:41 से 05:21 तक शुभ कार्य न करें।
- दिन का पर्व – गंगोत्पत्ति-गंगा पूजन, श्री रामानुजाचार्य जयंती, पोकरण परमाणु विस्फोट दिवस, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, गंगा पुजन, गंगा सप्तमी ।
- पंचक – पंचक नहीं है।
Tuesday Mantra : https://www.youtube.com/watch?v=FIUQmWzErlU
Pushya Nakshatra 2021
18 मई 2021 को मंगलवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन नक्षत्र पुष्य है. ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों की संख्या 27 बताई है। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा बताया गया है। शास्त्रों में पुष्य का अर्थ, पोषण करने वाला बताया गया है। पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ और विशेष फल प्रदान करने वाला माना गया है।

Panchang 18 May’21, मंगलवार के दिन
मंगलवार के दिन दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है। मंगलवार को मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है। मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।
आज का मंत्र, आज का उपाय
आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:। आज का उपाय-हनुमान मंदिर में बताशे अर्पित करें। वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं। पर्व व त्योहार- श्री रामानुजाचार्य जयंती, पोकरण परमाणु विस्फोट दिवस, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, गंगा पुजन, गंगा सप्तमी। षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र स्वामी कार्तिकेय हैं तथा नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि में स्वामी कार्तिकेय जी के पूजन से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
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